Stool में खून आने के कई कारण हो सकते है, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं होता। आइए, इसे detail में समझते हैं।सबसे पहले यह पता करना ज़रूरी है कि क्या Stool से सच में खून आ रहा है?अगर आपको toilet पर लाल या काले रंग के धब्बे दिख रहे हैं, तो घबराने से पहले यह सोचें कि आपने हाल ही में क्या खाया है। कुछ खाने-पीने की चीजें आपके poop के रंग को बदल सकते हैं, जैसे-चुकंदर (beetroot), cranberry, टमाटर और लाल रंग के food dye से बनी खाने की चीज़ें, आपके poop को लाल कर सकते हैं।Blueberry, black licorice और कुछ दवाएं, जैसे Pepto Bismol या Kaopectate, आपके poop को काला कर सकते हैं।लेकिन, अगर आपको यकीन हो जाए कि stool में खून आ रहा है, तो अगला कदम यह समझना है कि खून कहां से आ रहा है।खून का रंग देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि यह खून शरीर के किस हिस्से से आ रहा है।अगर खून चमकदार लाल रंग का है, तो यह गुदा (anus) या मलाशय (rectum) जैसे हिस्सों के आसपास से आ सकता है।अगर खून गहरा लाल या maroon रंग का है, तो यह small intestine या large intestine के ऊपरी हिस्से से आ सकता है।अगर खून काले, टार जैसा दिख रहा है, तो यह पेट, esophagus या digestive system के किसी ऊपरी हिस्से से आ सकता है।अब यह समझते हैं कि Stool में खून आने के कारण क्या हो सकते हैं?Stool में खून आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे-1. बवासीर (Hemorrhoids)यह बहुत आम समस्या है। गुदा (anus) के अंदर या बाहर बवासीर हो सकता है, जो कभी-कभी सूज जाता है, जिसके कारण stool में खून आने लगता है।2. गुदा में दरार (Anal Fissure)कभी-कभी गुदा (anus) की skin पर छोटे-छोटे cuts या दरारें पड़ जाती हैं, जिससे poop करते समय और बाद में दर्द और खून आ सकता है।3. Diverticulosis and Diverticulitisजब large intestines की walls में छोटे-छोटे थैले (diverticula) बन जाते हैं, तो इसे Diverticulosis कहते हैं। अगर ये थैले सूज जाते हैं या इनमें infection हो जाता है, तो इसे Diverticulitis कहते हैं। और, इससे Stool में खून आ सकता है।4. Peptic Ulcerपेट में बनने वाला acid जब पेट की protective layer को नुकसान पहुंचाता है, तो वहां छाले (ulcer) बन सकते हैं। इन छालों से कभी-कभी खून भी बह सकता है, जिससे stool काला और टार जैसा दिख सकता है।5. Inflammatory Bowel Disease - IBDUlcerative colitis और Crohn's disease जैसी बीमारियों के कारण intestines में सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से stool में हल्का या ज्यादा खून आ सकता है।अब यह जानते हैं कि Stool में खून आने के लक्षण क्या होते हैं?कई बार आपको पता भी नहीं चलता कि Stool में खून आ रहा है। लेकिन कुछ मामलों में आपको ये लक्षण महसूस हो सकते हैं, जैसे -पेट में दर्द होनाकमजोरी और चक्कर आनासांस लेने में दिक्कत होनाबार-बार दस्त (Diarrhea) होनाधड़कन तेज होनाउल्टी आनाबेहोशी महसूस होनाStool में खून आने से Doctor के पास कब जाना चाहिए?इन लक्षणों के दिखते ही, बिना देर किए doctor से मिलें:तीन हफ्तों से ज्यादा समय से मल में खून आ रहा हो।गुदा (anus) में तेज दर्द हो।पेट में गांठ या सूजन हो।खून ज्यादा मात्रा में आ रहा हो।मल पहले से ज्यादा पतला, लंबा या नरम हो गया हो और ऐसा तीन हफ्तों से ज्यादा से हो रहा हो।खून आने का कोई कारण न समझ आ रहा हो (जैसे न कब्ज हो, न दस्त)।खून के साथ बुखार, ठंड लगना, कमजोरी, बेहोशी, उल्टी या बहुत ज्यादा थकावट हो।अगर किसी को भी ये समस्याएं हों, तो doctor से जांच करवाना बेहद जरूरी है। कभी-कभी हल्की समस्या भी बड़ी बन सकती है, इसलिए सावधानी रखना ही बेहतर होता है।Source:- 1. https://www.nhs.uk/conditions/bleeding-from-the-bottom-rectal-bleeding/2. https://www.nhs.uk/conditions/anal-fissure/3. https://www.mdanderson.org/cancerwise/when-to-worry-about-blood-in-your-stool.h00-159545268.htm4. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/gastrointestinal-bleeding/symptoms-causes5. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK563143/
आज हम बात करने वाले दालचीनी (Cinnamon) के फ़ायदों के बारे में।दालचीनी (Cinnamon) आखिर होती क्या है?दालचीनी (Cinnamon) एक प्रकार का मसाला है जो दालचीनी के पेड़ की छाल से बनाया जाता है। इसे आमतौर पर desserts बनाने और baking में इस्तेमाल किया जाता है। दालचीनी (Cinnamon) की छाल के अलावा, इसकी पत्तियाँ, फूल, फल और जड़ भी बेहद फायदेमंद होते हैं।तो चलिए जानते हैं दालचीनी (Cinnamon) के 5 अद्भुत फायदे।Inflammation को कम करनादालचीनी (Cinnamon) में Cinnamaldehyde नाम का एक compound होता है, जो शरीर के immune system को मजबूत करता है। यह inflammation से जुड़ी बीमारियों जैसे गठिया (arthritis) को कम करने में मदद करता है।दालचीनी (Cinnamon) में मौज़ूद antioxidants शरीर में inflammation को बढ़ाने वाले हानिकारक substances को रोकते हैं। जब शरीर में सूजन कम होती है, तो दर्द और जलन जैसे issues भी कम हो जाते हैं।Cancer की रोकथामदालचीनी (Cinnamon) में कई प्रकार के polyphenols और antioxidants पाए जाते हैं। यह antioxidants और polyphenols शरीर में free radicals को खत्म करते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।इसके अलावा, दालचीनी (Cinnamon) cancer cells को बढ़ने से भी रोकता है। यह ख़ासतौर से stomach, breast और liver cancer से बचाव में मददगार हो सकती है।Infections से बचावदालचीनी (Cinnamon) में मौजूद Eugenol नाम का compound bacteria और fungal infection को बढ़ने से रोकता है। यह शरीर के घाव को जल्दी भरने में मदद करता है और skin को healthy बनाए रखता है।दालचीनी (Cinnamon), खांसी (cough), जुकाम (cold), और गले के infection को भी ठीक करने में मदद करता है। इतना ही नहीं, यह digestive system में हानिकारक bacteria को खत्म करने में भी मददगार होती है। दालचीनी ख़ाने से gum infection और tooth decay से भी बचा जा सकता है।Oxidative Stress से बचावदालचीनी (Cinnamon) में बहुत सारे antioxidants होते हैं, जो शरीर को oxidative stress से बचाने में मदद करते हैं। यह skin को झुर्रियों (wrinkles) से बचाता है और aging के process को भी धीमा करता है।Oxidative stress दिमाग़ (brain), दिल (heart) और बाक़ी organs को कमजोर कर सकता है, लेकिन दालचीनी (Cinnamon) दिमाग़ को तेज करती है और बाक़ी organs को healthy रखने में भी मदद करती है।Heart Diseases से बचावदालचीनी (Cinnamon) शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (bad cholesterol - LDL) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (good cholesterol - HDL) को बढ़ाने में मदद करती है। यह blood pressure को control करने में भी helpful होती है, जिससे दिल के दौरे (heart attack) और stroke का खतरा कम हो जाता है।इसमें मौजूद polyphenols heart की arteries को flexible बनाए रखते हैं और खून को जमने (blood clot) से बचाते हैं। दालचीनी (Cinnamon) शरीर में insulin sensitivity को भी बढ़ाती है, जिसके कारण यह diabetes वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद होती है।आप दालचीनी (Cinnamon) को Capsule, Extract या दालचीनी की चाय के रूप में अपनी diet में शामिल कर सकते हैं। लेकिन, दालचीनी (Cinnamon) का सेवन करने से पहले doctor से ज़रूर consult करें क्योंकि इसके कुछ side effects भी हो सकते हैं- जैसे Low BP और allergies!Read Also:- https://medwiki.co.in/post/what-are-the-benefits-of-turmeric-milk-enSource:- 1. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC9914695/2. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/31195168/3. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/38846056/4. https://www.webmd.com/vitamins/ai/ingredientmono-1002/cassia-cinnamon5. https://www.webmd.com/diet/supplement-guide-cinnamon
क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर में एक अद्भुत alarm system है जिसे आपका immune system कहा जाता है। इसका काम है आपको नुकसान दिलाने वाली चीज़ें जैसे कि germs से बचाना। जब आपके immune system को कोई भी खतरा महसूस होता है, तो ये alarm बजा देता है जिसे हम सूजन यानी inflammation कहते हैं।सूजन/ Inflammation क्या होता है?Inflammation को एक fire alarm की तरह समझिए। यह आपको हानिकारक चीज़ों से बचाने के लिए एक natural response होता है। लेकिन कभी-कभी यह alarm बिना किसी असली खतरे के भी हमारे शरीर में चालू रहता है, जिसे हम chronic inflammation के नाम से जानते हैं।Chronic Inflammation आखिर बुरा क्यों है?Chronic Inflammation काफी गंभीर health issues से जुड़ा हुआ होता है जैसे:हृदय रोग/ Heart diseases: आपके हृदय को लगातार सूजन/ inflammation से तनाव होने लगता है।मधुमेह/ diabetes: आपके शरीर को blood sugar levels control करने में मुश्किल होती है।कुछ कैंसर/ cancers: Inflammation एक ऐसा environment बना सकती है जिससे cancer होने का ख़तरा हो सकता है।तो, आखिर इस alarm को बंद कैसे किया जा सकता है? इसका जवाब है आपका अपना भोजन!कुछ खाने की चीज़ें inflammation को और बढ़ा सकती हैं, जबकि कुछ inflammation को काम करने में मदद करती हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में:Inflammation को बढ़ाने वाली चीज़ें:रोटी और sugar से भरपूर drinks: ये blood sugar levels को काफी बढ़ा देते हैं, जो inflammation को trigger कर सकता है।तले हुई खाने की चीज़ें: ये ज्यादातर unhealthy fats से भरपूर होते हैं।Red और Processed Meat: ये भी inflammation में योगदान कर सकते हैं।Unhealthy fats: जो की बहुत से processed snacks में पाया जाता है।Inflammation को कम करने वाली चीज़ें:फल और सब्जियां: टमाटर, पत्तेदार साग (पालक, केल), Berries (strawberries, blueberries) ये सब चीज़ें antioxidants से भरपूर होते हैं।High Fiber वाले साबुत अनाजदालेंDark chocolate जिसमें कम से कम 70% या अधिक cocoa होHealthy Fats: जैतून का तेल (olive oil), nuts (बादाम, अखरोट), fatty fish (salmon, tuna, sardines) ये सभी Omega 3 fatty acid में भरपूर होते हैं।अपने खाने पीने में inflammation को कम करने वाली चीज़ें शामिल करके, आप इस inflammation की problem को बंद कर सकते हैं और अपने heart, blood sugar और overall health को बढ़ावा दे सकते हैं।Source:- https://nutritionsource.hsph.harvard.edu/healthy-weight/diet-reviews/anti-inflammatory-diet/#:~:text=Anti,inflammatory foods
सभी Indian Superfoods हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं और इनमें सभी nutrients भी भरपूर मात्रा में होते हैं। तो आइए, जानते हैं 5 ऐसे ही superfoods के बारे में और उनको खाने से हमारी सेहत पर क्या असर पड़ता है।1. काला चनासबसे पहले बात करते हैं काले चने की। काले चने में complex carbohydrate होता है, जो धीरे-धीरे पचता है और शरीर को लंबे समय तक energy देता है। इसमें मौज़ूद protein हमारी मांसपेशियां को मजबूत बनाता हैं। काले चने में fiber भी भरपूर मात्रा में होता है, जो digestion को सुधारता है और कब्ज़ (constipation) की समस्या को दूर करता है। इसमें मौज़ूद iron, शरीर में blood की मात्रा बढ़ाने में भी मदद करता है, जिससे शरीर में कमजोरी और थकान नहीं होती।2. काजूअब बात करते हैं काजू की। काजू सिर्फ tasty ही नहीं, बल्कि बहुत ही nutritious भी होते हैं।काजू में calcium और magnesium होता है, जो हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है। इसमें healthy fats भी होते हैं, जो cholesterol को balanced रखते हैं और heart diseases से बचाते हैं। काजू में vitamin B6 होता है, जो brain cells को nutrition देता है और memory को तेज करता है। इसमें मौज़ूद antioxidants, skin को glowing बनाते हैं और झुर्रियों को कम करते हैं।3. अनारअब समझते हैं अनार के बारे में। अनार में iron होता है, जो शरीर में blood की कमी को दूर करता है और anemia से बचाता है। इसमें vitamin C और antioxidants भी मौजूद होते हैं, जो शरीर की immunity को मजबूत बनाते हैं। अनार blood को साफ करता है और blood pressure को control में रखता है, जिससे heart attack और stroke का खतरा कम हो जाता है।4. लौकीअब जानते हैं लौकी के फ़ायदे! लौकी को पेट के लिए हल्का और पचने में आसान माना जाता है। लौकी में calories बहुत कम और पानी बहुत ज्यादा होता है, जिससे weight loss में मदद मिलती है।गर्मियों में लौकी खाने से शरीर को ठंडक मिलती है और dehydration से बचाव होता है। इसमें fiber भी मौजूद होता है, जो stomach की समस्याओं को दूर करता है। लौकी blood pressure को control करने में भी मदद करती है, जिससे heart से जुड़ी समस्याओं का खतरा कम होता है।5. गन्नाआख़िर में आता है गन्ना। गन्ने का रस तो सभी को पसंद होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है? गन्ने में मौजूद natural sugar शरीर को तुरंत energy देती है और थकान दूर करती है।गन्ना liver को detox करता है और jaundice जैसी diseases से बचाव करता है। गन्ने का रस stomach acidity को कम करता है और digestion को बेहतर बनाता है। इसमें calcium, potassium और magnesium जैसे minerals भी मौजूद होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और osteoporosis से बचाते हैं।तो अगर हम अपनी daily diet में इन Indian Superfoods को शामिल करें, तो ना सिर्फ हमारी health अच्छी रहेगी, बल्कि कई diseases से बचाव भी होगा।इसलिए अगली बार जब भी कुछ healthy खाने का मन हो, तो इन superfoods को अपनी diet में जरूर शामिल करें।Source:- 1. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC5188421/2. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC6408729/3. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC4007340/4. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC6342787/5. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC4441162/
Poop का हरा हो जाना एक आम बात है। अगर poop का सिर्फ़ रंग बदला हुआ दिख रहा है, तो चिंता की कोई बात नहीं है।अब सवाल आता है कि आखिर poop हरा क्यों हो जाता है?1. खान पानसबसे बड़ा कारण आपका खान-पान होता है। अगर आप ज्यादा हरी सब्जियां खाते हैं – जैसे पालक (spinach) या broccoli – तो इनका हरा रंग आपके poop में भी आ सकता है। इन सब्जियों में chlorophyll नाम का एक pigment होता है, जो इन सब्ज़ियों को हरा बनाता है और वही आपके शरीर से बाहर भी आ जाता है। सिर्फ हरी सब्जियां ही नहीं, अगर आपने ये चीज़ें खाई हैं, तो भी poop का रंग हरा हो सकता है –नीले या बैंगनी रंग के फल और सब्जियां, जैसे नीलबदरी (blueberry)हरे फल – मक्खनफ़ल (avocado) और हरा सेब (green apple)हरे पत्तेदार मसाले – तुलसी और धनियाGreen tea powder (matcha)या फिर पिस्ता!सब्जियों और फलों के कारण हुआ poop का हरा रंग एक से दो दिन में अपने आप ठीक हो जाता है2. खाने में मौजूद रंग (Food dye)अगर आपने कोई ऐसी चीज़ खाई है जिसमें हरे रंग का food dye मिलाया गया हो – जैसे green cake या green candy – तो इसका असर भी आपके poop के रंग पर पड़ सकता है।और सिर्फ हरा ही नहीं, बल्कि नीला या बैंगनी रंग भी जब पेट के अंदर digestive juices से मिलता है, तो poop को हरा बना देता है। लेकिन, जैसे ही वो food dye आपके system से बाहर निकल जाता है, वैसे ही आपका poop normal रंग हो जाता है!3. दवाइयां!कई बार कुछ दवाइयां भी poop के रंग को बदल सकती हैं। खासतौर पर antibiotics! ये दवाइयां आपके पेट में मौजूद अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का balance बदल देती हैं, जिससे poop का रंग थोड़ा हरा हो सकता है।इसके अलावा, अगर आपको दस्त (diarrhoea) हो गया है, तो poop में ज्यादा पित्त (bile juice) निकल सकता है, जिसके कारण उसका रंग हरा हो सकता है।4. Infection!अगर आपके पेट में कोई bacteria, virus या parasite घुस गया है, तो भी poop का रंग हरा हो सकता है। ये bacteria, virus और parasite अलग अलग प्रकार के हो सकते हैं, जैसे-Salmonella या E. Coli BacteriaNorovirusऔर, Giardia parasite!अगर poop का रंग हरा होने के साथ-साथ आपको पेट में दर्द, उल्टी या कमजोरी महसूस हो रही है, तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं।5. Digestive System से जुड़ी बीमारियां!कुछ बीमारियां भी poop के हरे होने का कारण बन सकती हैं। जैसे –Irritable Bowel Syndrome (IBS) - यह digestive system की एक बीमारी है, जिसमें पेट दर्द, गैस, कब्ज (constipation) या दस्त (diarrhea) जैसी समस्याएँ होती हैं।Ulcerative Colitis - यह large intestine की सूजन और छालों से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें लगातार दस्त (diarrhea) और खून आ सकता है।Crohn's Disease - यह सूजन से related बीमारी है, जो digestive system के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है।अगर आपकी gallbladder surgery हुई है, तो भी आपके poop का रंग हरा हो सकता है!डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?हरे रंग के poop के साथ, अगर आपको ये लक्षण हैं, तो डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें –लगातार पेट में दर्द होनाअचानक वजन कम होनाPoop में खून आना या Poop का बहुत हल्का (पीला-सफेद) रंग हो जानातेज़ बुखारया फिर, लगातार उल्टी आना।अगली बार अगर poop में हरा रंग दिख जाए, तो सबसे पहले सोचें कि आख़िर मैंने खाया क्या था!Source:-1. https://health.clevelandclinic.org/green-poop2. https://www.webmd.com/digestive-disorders/what-do-different-poop-colors-mean3. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25681196/4. https://www.england.nhs.uk/wp-content/uploads/2023/07/Bristol-stool-chart-for-carer-web-version.pdf5. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC8629020/
आज हम उन खास खाने की चीज़ों के बारे में बात करेंगे, जो थायरॉइड को कम करने में मदद कर सकती हैं। तो चलिए, जानते हैं इनके बारे में।Yogurtदही खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह हमारी थायरॉइड ग्रंथि को सही तरीके से काम करने में मदद करता है। इसमें कैल्शियम होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और शरीर की कमजोरी को दूर करता है। अगर आप थायरॉइड को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोज़ अपने खाने में दही ज़रूर शामिल करें।मछली (Fish)अगर आप नॉन-वेज खाते हैं, तो मछली आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो थायरॉइड से जुड़ी सूजन को कम करने में मदद करता है। यह बालों के झड़ने की समस्या को भी कम करता है और त्वचा को चमकदार बनाता है। इसलिए, थायरॉइड को ठीक रखने के लिए मछली खाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।सेब (Apple)सेब सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इसमें एक खास तरह का फाइबर (पेक्टिन) होता है, जो शरीर से गंदे टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे पाचन तंत्र बेहतर होता है और कब्ज की समस्या भी दूर हो सकती है। अगर आप थायरॉइड को कंट्रोल में रखना चाहते हैं, तो रोज़ एक सेब ज़रूर खाएं।Green Teaग्रीन टी पीने से शरीर का मेटाबॉलिज़्म तेज़ होता है, जिससे वजन बढ़ने की समस्या कम हो सकती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं और तनाव को कम करके मन को शांत रखते हैं। अगर आप थायरॉइड को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो दिन में एक या दो कप ग्रीन टी ज़रूर पिएं।शकरकंद (Sweet Potato)शकरकंद खाने से शरीर को विटामिन ए मिलता है, जो थायरॉइड ग्रंथि को ठीक से काम करने में मदद करता है। यह शरीर की थकान और कब्ज जैसी समस्याओं को भी कम कर सकता है। इसलिए, थायरॉइड की परेशानी से बचने के लिए अपनी डाइट में शकरकंद ज़रूर शामिल करें।तो दोस्तों, अगर आपको थायरॉइड की समस्या है, तो इन खाने की चीज़ों को अपनी रोज़मर्रा की डाइट में शामिल करें और खुद को सेहतमंद रखें!Source:- 1. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC11314468/2. https://www.healthifyme.com/blog/foods-to-avoid-for-hyperthyroidism/3. https://www.healthifyme.com/blog/how-to-control-thyroid-issues/4. https://health.clevelandclinic.org/hypothyroidism-diet5. https://health.clevelandclinic.org/thyroid-issues-what-you-need-to-know-about-diet-and-supplements
क्या आपने कभी प्रीबायोटिक्स के बारे में सुना है?प्रीबायोटिक्स ऐसे फाइबर होते हैं जो हमारे शरीर में पचते नहीं हैं, लेकिन हमारे पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने और पाचन तंत्र को सही से काम करने में मदद करते हैं।आज हम बात करेंगे कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों की, जो नैचुरल प्रीबायोटिक्स हैं और जिन्हें अपनी डाइट में शामिल करके आप अपने पेट को स्वस्थ रख सकते हैं।1. लहसुन (Garlic)लहसुन सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है!इसमें इन्यूलिन (Inulin) FOS (Fructooligosaccharides) नाम के प्रीबायोटिक्स होते हैं, जो पेट के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसे खाने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ती है और शरीर में सूजन (inflammation) कम होती है।2. प्याज (Onion)प्याज हर किसी की किचन में होता ही है, लेकिन क्या आपको पता है कि यह भी प्रीबायोटिक्स से भरपूर होता है?इसमें भी इन्यूलिन और एफओएस (Fructooligosaccharides) पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत करता है और इम्यून सिस्टम को भी बेहतर बनाता है। प्याज शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है और हाई ब्लड प्रेशर को रोकता है।3. केला (Banana)केला तो हम सभी खाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इसमें भी प्रीबायोटिक्स होते हैं?केले में इन्यूलिन नाम का फाइबर पाया जाता है, जो आपके पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करता है!इससे आपका पाचन तंत्र बेहतर होता है। अगर आपको अक्सर पेट में सूजन या भारीपन महसूस होता है, तो केले को अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें।4. जई (Oats)क्या आप जानते हैं कि जई आपके पेट के बैक्टीरिया के लिए कितना फायदेमंद है?इसमें एक खास तरह का पानी में घुलनशील फाइबर होता है, जिसे बीटा-ग्लूकन (Beta Glucan) कहते हैं।यह फाइबर आंतों की सेहत को बेहतर बनाता है, कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है। तो, अपनी डाइट में इस सुपरफूड को शामिल करना ना भूलें।5. सेब (Apple)अब बात करते हैं सेब की! इसमें एक खास तरह का फाइबर होता है, जिसे पेक्टिन (Pectin) कहते हैं। यह भी पानी में घुलनशील फाइबर होता है, जो हमारे पेट में जाकर अच्छे बैक्टीरिया के लिए भोजन का काम करता है।सबसे खास बात? पेक्टिन पेट में शॉर्ट चेन फैटी एसिड्स (SCFAs) बनाने में मदद करता है, जो आंतों की परत को मजबूत बनाते हैं और पेट की सूजन को कम करते हैं! इतना ही नहीं, यह कब्ज़ (constipation) की समस्या को भी दूर कर सकता है।ये थे 5 बेहतरीन खाद्य पदार्थ जो आपके पेट के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करेंगे!Source:- 1. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC6041804/2. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC9505924/3. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC3705355/4. https://www.webmd.com/diet/foods-high-in-prebiotic5. https://www.webmd.com/digestive-disorders/prebiotics-overview
हल्दी वाला दूध (Golden Milk) सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद Curcumin नाम का compound शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है।हल्दी वाला दूध पीने से शरीर को क्या फायदे होते हैं और यह कैसे काम करता है।हड्डियों के मजबूती की। हल्दी दूध हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसमें मौजूद Curcumin हड्डियों की density को बढ़ाने में मदद करता है। यह हड्डियों को flexible बनाता है, जिससे Osteoporosis जैसी समस्याओं से बचाव हो सकता है। साथ ही, Curcumin हड्डीयों को मजबूत करने वाले cells को भी active करता है, जिससे हड्डियों का damage repair तेजी से होता है। हल्दी दूध पीने से उम्र बढ़ने के बावजूद हड्डियों की सेहत ठीक रहती है।Anti-Aging यानी बुढ़ापे को रोकने की! हल्दी दूध बुढ़ापे से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। इसमें मौजूद Antioxidants शरीर को Free Radicals से बचाते हैं, जो cells को नुकसान पहुंचाकर समय से पहले बुढ़ापा लाते हैं। हल्दी दूध शरीर में सूजन को भी कम करता है, जिससे झुर्रियां और skin का ढीलापन कम हो सकता है। इसके अलावा, यह Metabolism को भी तेज करता है, जिससे शरीर में चर्बी कम होती है और Toxins बाहर निकलते हैं। इससे वजन balanced और शरीर healthy रहता है।दिमाग हल्दी दूध brain के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद Curcumin दिमाग में सूजन को कम करता है और Neurons की development में मदद करता है। यह Alzheimer's जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करता है और याददाश्त को मजबूत बनाता है। हल्दी दूध brain cells को नुकसान पहुंचाने वाले toxins को खत्म करता है, जिससे दिमागी सेहत बनी रहती है। इसमें मौजूद Curcumin, blood brain barrier को पार करके, दिमाग को Cerebral ischemia/reperfusion injury (एक प्रकार का stroke) से भी बचाव करता है।बीमारियाँ इतनी तेजी से फैल रही हैं कि immunity strong होना बेहद जरूरी है। हल्दी दूध शरीर को Viral infections से बचाने में मदद करता है। Curcumin में Antiviral properties होती हैं, जो कई तरह के Virus को खत्म कर सकती हैं। एक Research के अनुसार, Curcumin Dengue, Chikungunya, Herpes और Zika Virus जैसे infections को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह शरीर की immunity को भी बढ़ाता है, जिससे शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताक़त मिलती है।liver हमारा liver दिनभर शरीर के toxins को बाहर निकालने का काम करता है, लेकिन अगर वो खुद ही खराब हो जाए, तो शरीर में गंदगी जमा हो जाती है। हल्दी दूध Liver को Detox करने में मदद करता है। यह शरीर से toxins को बाहर निकालता है और Liver की working capacity को भी बढ़ाता है। हल्दी में मौजूद Curcumin Oxidation को रोकता है और Liver cells की मरम्मत में मदद करता है। इसके अलावा, यह Liver Enzymes को active रखता है, जो शरीर में जमी गंदगी को साफ करने का काम करते हैं।हल्दी दूध कोई मामूली drink नहीं, बल्कि एक superfood है जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। तो आज से ही इसे अपनी daily routine में शामिल करें!Source:- 1. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC8990857/2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK92752/3. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC7522354/4. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK548561/5. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29065496/
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