जब कोई व्यक्ति उन खाने-पीने की चीज़ों को पचा नहीं पाता जिनमें lactose होता है तो कहते हैं कि वो lactose intolerance से जूझ रहा है। Lactose दूध और दूध से बनी सभी चीज़ों में पाया जाता है। तो कोई भी दूध या दूध से बनी चीज़ खाने से lactose intolerance से जूझ रहे व्यक्ति को परेशानी हो सकती है। लेकिन एक अच्छी बात ये है कि यह समस्या गंभीर नहीं होती। Lactose वाली चीज़ों को कम मात्रा में खाना या कुछ ऐसे tablets या drops लेने से, lactose को पचाने में मदद मिलती है।Lactose Intolerance के लक्षण:दूध या दूध से बनी चीज़ों को खाने से हो सकती हैं ये समस्याएं:बहुत ज़्यादा गैस बननादस्त हो जानापेट फूलनापेट खराब होनाक्या यह गंभीर है?नहीं, यह आमतौर पर गंभीर नहीं होती। इस समस्या को control में रखने के लिए:सभी dairy उत्पादों से बचें।खाने के packet पर ज़रूर check करें की उसमें कहीं lactose तो नहीं है।Lactose free दूध और बाकी चीज़ें ही खरीदें।Lactase enzyme वाली गोलियाँ या drops लें, जो lactose को पचाने में मदद करती हैं।यह क्यों होता है?Lactose Intolerance बच्चों और adults दोनों में हो सकती है। इसके होने के बहुत से कारण हैं, जैसे:Family History: कभी-कभी उम्र बढ़ने के साथ शरीर में lactase कम बनने लगता है। यदि परिवार में किसी को यह समस्या है, तो इसे adolescence या adulthood में भी महसूस किया जा सकता है।बीमारी या चोट: छोटी आंत/ intestine (जहां lactase बनता है) में चोट या बीमारी लगने से भी lactase बनना रुक सकता है।Premature babies: समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों में शुरुआत में lactase की कमी हो सकती है, लेकिन यह बड़े होने पर normal हो जाता है।जन्म से ऐसी स्थिति: बहुत ही कम मामलों में, बच्चों में lactase बनाने की क्षमता ही नहीं होती।Lactose Intolerance का पता कैसे लगाएं?Lactose Intolerance का पता लगाने के लिए डॉक्टर कर सकते हैं ये tests:सांस का टेस्टTolerance/ सहनशीलता टेस्टमल परीक्षण1-2 सप्ताह तक lactose free diet अपनाने का सुझाव।दूध और dairy products नहीं लेने से calcium की कमी हो सकती है। तो इसके लिए:डॉक्टर की सलाह से calcium और vitamin D के supplements लें।हरी पत्तेदार सब्जियां, canned मछली, और broccoli खाएं।Calcium से भरपूर संतरे का जूस पियें।Source:- https://medlineplus.gov/ency/article/000276.htm
जब भी हम ऐसी कोई चीज़ खा लेते हैं जिसमें किसी वजह से bacteria, virus, fungus या parasite जैसे छोटे-छोटे germs हों तो हमें उल्टी (vomiting) या दस्त (diarrhoea) होने लगते हैं और इसी condition को हम कहते हैं food poisoning हो जाना।लेकिन अगर food poisoning हो जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है। घर पर ही ये 4 आसान उपाय अपनाकर आराम पाया जा सकता है। चलिए, एक-एक करके इन 4 उपायों के बारे में समझते हैं।ORS (Oral Rehydration Solution) पिएँअगर बार बार उल्टी या दस्त हो रहे हों तो ORS यानी Oral Rehydration Solution लेना बहुत ज़रूरी है। ORS एक तरह का powder होता है, जिसे पानी में घोलकर पीते हैं। यह शरीर में पानी और जरूरी minerals की कमी को पूरा करता है।अगर घर में ORS ना हो, तो आप एक गिलास पानी में एक चम्मच चीनी और एक चुटकी नमक मिलाकर भी पी सकते हैं। इससे ताकत भी मिलती है।ORS के अलावा दूसरा उपाय है सादा पानी पीना।अगर आप से एक साथ ज्यादा पानी नहीं पिया जाता, तो धीरे-धीरे एक एक घूंट करके भी पी सकते हैं। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और आप बेहतर महसूस करेंगे।हल्का और सादा भोजन खाएंजब आपको थोड़ा बेहतर महसूस होने लगे, तो धीरे-धीरे हल्का और सादा भोजन खाना शुरू करें! एकदम से ज्यादा या heavy भोजन ना खाएं! lएक बार में बहुत सारा भोजन खाने से digestive system पर जोर पड़ सकता है और उल्टी या पेट दर्द फिर से शुरू हो सकता है। इसलिए भोजन कम मात्रा में खाएं, ताकि पेट को आराम से भोजन पचाने का समय मिले।इस दौरान whole wheat toast, biscuit, केले और चावल खाना अच्छा रहेगा। Toast और biscuits को पचाना आसान होता है और पेट को आराम मिलता है। केला खाने से energy मिलती है और कमजोरी दूर होती है।चावल digest करने में हल्का होता है और पेट को नुकसान नहीं पहुंचाता। इन सभी चीजों को खाने से पेट को आराम मिलेगा और food poisoning भी जल्दी ठीक होगी।नुकसानदायक चीज़ों से परहेज़ करेंअगर आपको food poisoning हो गई है, तो शराब बिलकुल ना पिएँ। यह शरीर को और ज्यादा कमजोर बना सकती है। Caffeine वाली चीजें, जैसे चाय और coffee भी ना पिएं, क्योंकि ये पेट को और ज्यादा खराब कर सकती हैं।Cold drink या कोई भी गैस वाली चीजें ना पीयें, क्योंकि इससे पेट में ज्यादा गैस बन सकती है और आपकी परेशानी भी बढ़ सकती है। बहुत ज्यादा मसालेदार और तला-भुना खाना भी ना खाएं, क्योंकि यह पेट में जलन और दर्द बढ़ा सकते है।आराम करेंसबसे आसान उपाय है आराम करना। Food poisoning की वजह से हमारा शरीर कमजोर हो जाता है। पेट में दर्द होने लगता है और बहुत थकान महसूस होती है।इसलिए आराम करना बहुत जरूरी है। ज्यादा हिलने-डुलने या काम करने से हालत और खराब हो सकती है। अगर शरीर को आराम मिलेगा, तो digestive system को भी आराम मिलेगा और आप जल्दी ठीक महसूस करेंगे ।अगर इन घरेलू उपायों को सही तरीके से अपनाया जाए, तो food poisoning से जल्दी राहत मिल सकती है। बस शरीर को आराम दें, पानी पीते रहें और हल्का खाना खाएं। अगर फिर भी आराम ना मिले या हालत ज्यादा खराब लगे, तो doctor से ज़रूर मिलें।Source:- 1. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/food-poisoning/definition-facts2. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/food-poisoning/symptoms-causes3. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/food-poisoning/eating-diet-nutrition4. https://newsinhealth.nih.gov/2024/12/preventing-food-poisoning5. https://newsinhealth.nih.gov/2014/07/fight-food-poisoning
जब भी हम ऐसी कोई चीज़ खा लेते हैं जिसमें किसी वजह से bacteria, virus, fungus या parasite जैसे छोटे-छोटे germs हों तो हमें उल्टी (vomiting) या दस्त (diarrhoea) होने लगते हैं और इसी condition को हम कहते हैं food poisoning हो जाना।Food poisoning का सबसे ज़्यादा ख़तरा किसे होता है?5 साल से छोटे बच्चों को – इतने छोटे बच्चों का immune system पूरी तरह से develop नहीं हुआ होता है!65 साल से ऊपर के लोगों को – उम्र के साथ शरीर की ताकत कम हो जाती है।गर्भवती (Pregnant) महिलाओं को – गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान शरीर बहुत कमजोर हो जाता है।बीमार लोगों को – Cancer, diabetes या AIDS से जूझ रहे लोगों का immune system कमज़ोर हो जाता है।अब सवाल ये उठता है कि क्या food poisoning जानलेवा हो सकता है?अधिकतर मामलों में food poisoning अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कभी-कभी यह गंभीर भी हो सकता है। जिसकी वजह से health पर बुरा असर पड़ सकता है जैसे -शरीर में पानी की कमी हो जाना (dehydration) – बार-बार उल्टी और दस्त से शरीर में पानी की भारी कमी हो सकती है।गर्भपात (Miscarriage) – गर्भवती (pregnant) महिलाओं को listeria bacteria से ज़्यादा खतरा होता है। इस bacteria की वजह से उनका गर्भपात (miscarriage) भी हो सकता है!Kidney खराब होना – E. coli bacteria से kidney खराब हो सकती है।गठिया (Arthritis) – Salmonella और Campylobacter bacteria से जोड़ों में दर्द हो सकता है।Bacteria और nervous system की समस्या – कुछ bacteria दिमाग तक पहुंचकर meningitis (brain में infection) या gullian barre syndrome (nervous system की बीमारी) जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।Food poisoning जितनी आम समस्या है उतनी ही जानलेवा भी हो सकती है इसीलिए इससे बचना ही सबसेSource:-1. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/food-poisoning/definition-facts2. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/food-poisoning/symptoms-causes3. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/food-poisoning/eating-diet-nutrition4. https://newsinhealth.nih.gov/2024/12/preventing-food-poisoning 5. https://newsinhealth.nih.gov/2014/07/fight-food-poisoning
अगर हम अपने खाने-पीने में से चीनी (sugar) को हटा दें, तो हमारे शरीर को बहुत सारे फायदे हो सकते हैं।आइए एक-एक करके समझते हैं कि चीनी कम करने से हमारे शरीर में क्या बदलाव होते हैं और यह हमारी सेहत के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।1. वजन कम करने में मदद करता हैअगर हम ज्यादा चीनी खाते हैं, तो हमारा वजन तेजी से बढ़ता है। खासतौर पर, ज्यादा चीनी खाने से पेट के आसपास चर्बी जमा होने लगती है, जिसे belly fat भी कहा जाता है।यह चर्बी हमारे शरीर के inner organs को घेर लेती है और इससे दिल की बीमारी, stroke और diabetes होने का खतरा बढ़ जाता है।अगर हम अपनी डाइट से चीनी को कम कर दें, तो शरीर में जमा चर्बी धीरे-धीरे कम होने लगती है और वजन कम होने लगता है।2. Blood Sugar को Control करता हैहमारा शरीर insulin नाम का एक hormone बनाता है, जो खाने से मिली sugar को शरीर के cells तक पहुंचाने का काम करता है। लेकिन जब हम बहुत ज्यादा चीनी खाते हैं, तो शरीर को ज्यादा insulin बनाना पड़ता है।धीरे-धीरे शरीर की insulin sensitivity कम हो जाती है, जिसे insulin resistance कहते हैं। यह diabetes का कारण बन सकता है।अगर हम अपनी diet में चीनी कम कर दें, तो शरीर को insulin की जरूरत कम पड़ेगी और blood sugar level balanced रहेगा, जिससे diabetes होने का खतरा भी कम हो जाता है।3. दांतों को Healthy रखता हैहमारे मुंह में कुछ bacteria होते हैं, जो खाने में मौजूद चीनी को acid में बदल देते हैं। यह acid हमारे दांतों की ऊपरी परत (enamel) को नुकसान पहुंचाता है, जिससे cavity और मसूड़ों की समस्याएं हो सकती हैं।लेकिन, अगर हम अपनी diet में से चीनी की मात्रा कम कर दें, तो दांत लंबे समय तक मजबूत और healthy बने रहेंगे।4. Mood और Mental Health को बेहतर बनाता हैहम जो खाते हैं, उसका असर सिर्फ शरीर पर ही नहीं, बल्कि हमारे दिमाग और mood पर भी पड़ता है। Research के अनुसार, बहुत ज्यादा चीनी खाने से कुछ लोगों में depression और stress बढ़ सकता है।ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादा चीनी खाने से शरीर में blood sugar level बहुत तेजी से ऊपर-नीचे होता रहता है, जिससे mood में भी बदलाव होने लगता है। अगर हम शक्कर कम खाएँगे, तो हमारा दिमाग ज्यादा stable और calm रहेगा , जिससे हम ज्यादा खुश और active भी रहेंगे।5. Skin को साफ और Young बनाए रखता हैज्यादा चीनी खाने से, शरीर में inflammation बढ़ सकती है। इससे skin में ज्यादा oil (sebum) बनने लगता है, जिससे skin पर pimples और acne निकल जाते हैं।इसके अलावा, ज्यादा चीनी खाने से skin का collagen production weak हो जाता है, जिससे चेहरे पर झुर्रियां भी जल्दी आ सकती हैं। अगर हम अपने खाने में चीनी कम कर दें, तो skin साफ, healthy और ज्यादा glowing दिखेगी।6. Liver को Healthy रखता हैहमारा liver शरीर में चीनी को process करता है। अगर हम ज़्यादा चीनी खाते हैं, तो यह चीनी fructose में बदलकर हमारे liver में fat जमा कर देती है।जब liver में बहुत ज्यादा fat जमा हो जाता है, तो Non Alcoholic Fatty Liver Disease (NAFLD) नाम की बीमारी हो सकती है। यह liver के लिए बहुत नुकसानदायक होता है।अगर हम चीनी खाना कम कर दें, तो liver पर काम का दबाव कम हो जाता है और यह बेहतर तरीके से काम भी कर पाता है।7. दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होता हैबहुत ज्यादा चीनी खाने से शरीर में Triglycerides (एक तरह का fat) बढ़ जाते है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।साथ ही, ज्यादा चीनी खाने से blood pressure और खराब cholesterol (LDL) भी बढ़ सकता है, जो heart की arteries को नुकसान पहुंचा सकता है।अगर हम चीनी खाना कम कर दें, तो heart healthy बना रहता है, blood pressure normal रहता है और heart attack जैसी समस्याओं का खतरा भी कम हो जाता है।इसलिए, अगर आप health का अच्छे से ध्यान रखना चाहते हैं, तो अपनी diet में चीनी की मात्रा कम करने की कोशिश ज़रूर करें।Source:- 1. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC10074550/2. https://www.nih.gov/news-events/nih-research-matters/early-life-sugar-intake-affects-chronic-disease-risk3. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC9323357/4. https://newsinhealth.nih.gov/sites/nihNIH/files/2014/October/NIHNiHOct2014.pdf5. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC9966020/
जब भी हम ऐसी कोई चीज़ खा लेते हैं जिसमें किसी वजह से bacteria, virus, fungus या parasite जैसे छोटे-छोटे germs हों तो हमें उल्टी (vomiting) या दस्त (diarrhoea) होने लगते हैं और इसी condition को हम कहते हैं food poisoning हो जाना।ये germs हमारे खाने को खराब करके उन्हें जहरीला बना देते हैं।Food poisoning के लक्षण:Food poisoning के लक्षण कुछ इस प्रकार हैंबार-बार दस्त (diarrhoea ) होनाउल्टी (vomiting) आनापेट में दर्द और मरोड़ उठनाबुखार आ जानासिर दर्द होनाबहुत कमजोरी महसूस होनाFood Poisoning किन किन वजह से हो सकता है?बासी खाना खा लेने सेकहानी की चीज़ों को अच्छे से ना दिया गया होखाना साफ-सुथरी जगह पर न बनाया गया होखाने को अच्छी तरह से पकाया न गया होखाने को सही temperature पर न रखा गया होखाने को सही समय पर fridge में न रखा गया होFood poisoning बहुत ही आम समस्या है, लेकिन थोड़ी सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है। इसलिए, हमेशा साफ-सुथरा और ताजा बना हुआ खाना खाएं। खाने से पहले अपने हाथ और खाने की चीज़ों को अच्छे से धो लें।अगर कभी उल्टी, दस्त के साथ तेज बुखार हो जाए, तो तुरंत डॉक्टर से consult करे!Source:- 1. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/food-poisoning/definition-facts2. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/food-poisoning/symptoms-causes3. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/food-poisoning/eating-diet-nutrition4. https://newsinhealth.nih.gov/2024/12/preventing-food-poisoning
बच्चों की immunity strong करना बहुत जरूरी है। जब बच्चों की immunity अच्छी होती है, तो वे जल्दी बीमार नहीं पड़ते और अगर बीमार होते भी हैं, तो जल्दी ठीक हो जाते हैं।बच्चों की immunity बढ़ाने के बहुत से तरीके होते हैं। और, आज हम उन्हीं तरीकों के बारे में बात करने वाले हैं!Probiotics और Probiotics से immunity बढ़ानाबच्चों को अच्छे probiotics देना काफी फायदेमंद हो सकता है। Probiotics शरीर में अच्छे bacteria की मात्रा को बढ़ाते हैं, जिससे digestion बेहतर होता है और शरीर की immunity भी बढ़ जाती है।दही probiotics का एक अच्छा source है। इसके अलावा, कुछ fermented foods भी probiotics से भरपूर होते हैं, जैसे- इडली, डोसा, अचार, कांजी, ढोकला और छाछ!Probiotics के साथ-साथ बच्चों को prebiotics देना भी बेहद जरूरी है। Prebiotics ऐसे fiber होते हैं, जो शरीर में probiotics को बढ़ने में मदद करते हैं।अच्छे prebiotics कच्चे हरे केले, शकरकंद और शतावरी में पाएं जाते हैं। इसलिए अपने बच्चों को ये चीज़ें जरूर खिलायें।Nuts और Seeds से immunity बढ़ानाNuts और Seeds में कई जरूरी nutrients होते हैं, जो बच्चों की immunity को मजबूत बनाते हैं। इनमें Alpha Linolenic Acid (ALA) नाम का Omega 3 Fatty Acid पाया जाता है, जो शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।इसके अलावा, Nuts और Seeds में कई दूसरे nutrients भी होते हैं, जैसे- protein, fiber, healthy fats (monounsaturated और polyunsaturated fats), potassium, magnesium, zinc, copper, manganese, Vitamin E, B6, B12 और A.कुछ Nuts और Seeds जो बच्चों की सेहत के लिए काफ़ी healthy हैं- अखरोट (walnuts), बादाम (almonds), काजू (cashews), तिल के बीज (sesame seeds) कद्दू के बीज (pumpkin seeds), सब्जा के बीज (chia seeds) और अलसी के बीज (flax seeds).इसलिए, अपने बच्चों को nuts और seeds ज़रूर खिलायें।फलों और सब्जियों से immunity बढ़ानाफल और सब्जियाँ सेहत के लिए हमेशा फायदेमंद होती हैं। ये शरीर को antioxidants देते हैं, जो हमारे cells को नुकसान और बीमारियों से बचाते हैं।Antioxidants से भरपूर foods में शामिल हैं- berries जैसे blueberry, strawberry और raspberry! हरी सब्जियाँ जैसे broccoli! हरे पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक (spinach), सरसों और मेथी के पत्ते!इन foods में Vitamin A, C, E, B2, B6, K, potassium, folate, magnesium और zinc भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर की immunity को मजबूत बनाते हैं।Vitamin C immunity बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी होता है। यह खट्टे फलों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जैसे- संतरा, नींबू , मुसंबी और अंगूर। इसलिए इन foods को अपने बच्चों की daily diet में ज़रूर शामिल करें।अच्छी नींद से immunity बढ़ानासिर्फ सही खान-पान ही नहीं, अच्छी नींद भी बच्चों की सेहत के लिए बहुत जरूरी होती है। जब बच्चे गहरी और पूरी नींद लेते हैं, तो उनका शरीर relax करता है, खुद को heal करता है और फिर से recharge हो जाता है। नींद शरीर की immunity को बेहतर बनाती है और उसे बीमारियों से बचाने में मदद करती है।अगर बच्चे को पूरी नींद नहीं मिलती, तो उनका शरीर कमजोर हो सकता है और उन्हें जल्दी सर्दी-खांसी या दूसरी बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए, बच्चों को रोज समय पर सुलाना और एक अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है।Exercise से immunity बढ़ानाExercise भी immunity बढ़ाने का एक अच्छा तरीका है। जब बच्चे खेलते-कूदते हैं, दौड़ते हैं, साइकिल चलाते हैं या कोई और physical activity करते हैं, तो उनका शरीर मजबूत बनता है और उनकी immunity भी बढ़ती है।एक्टिव रहना बच्चों को infection और बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसलिए, बच्चों को दिनभर में कम से कम 1 घंटा जरूर खेलने या किसी तरह की physical activity करने के लिए encourage करना चाहिए।इन simple तरीकों को follow करके आप अपने बच्चे की immunity बढ़ा सकते हैं और उन्हें strong भी बना सकते हैं।Source:- 1. https://ods.od.nih.gov/factsheets/Omega3FattyAcids-HealthProfessional/2. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC5748761/3. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC3649719/4. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/26576343/5. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC6126094/
अलसी के बीज (Flaxseeds) हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इनमें कई ऐसे nutrients होते हैं जो हमें बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं।तो आइए, जानते हैं अलसी के बीज (Flaxseed) के 5 ग़ज़ब फायदे।1. Cancer से बचावअलसी के बीज में lignan नाम का एक compound पाया जाता है, जो एक तरह का antioxidant होता है। यह शरीर में हानिकारक free radicals को कम करता है, जो कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। खासतौर पर, अलसी breast cancer और prostate cancer के खतरे को कम करने में मदद करता है।इसके अलावा, Lignan शरीर में estrogen hormone को balance करता है, जिससे hormonal cancer होने के chances कम हो जाते है। अलसी में मौजूद Omega 3 fatty acid भी cancer cells की growth को रोकने में मदद करता है। यह शरीर की immunity को मजबूत करता है, जिससे cancer से बचाव होता है।2. Heart Diseases से बचावअलसी के बीज हमारे heart के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं क्योंकि इनमें Omega 3 fatty acid भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर में खराब cholesterol (LDL) को कम करता है और अच्छे cholesterol (HDL) को बढ़ाता है। इससे हमारी heart की arteries में blockage बनने के chances कम हो जाते है और दिल की बीमारियों से बचाव होता है।इतना ही नहीं, अलसी में मौजूद Lignan और fibers भी blood pressure को control करने में मदद करते हैं, जिससे heart attack और stroke का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा, ये खून को पतला रखने में मदद करते है, जिससे blood clot होने के chances भी कम हो सकते है।3. Diabetes में फायदेमंदअलसी के बीज में भरपूर मात्रा में fiber पाया जाता है, जो blood sugar को control करने में मदद करता है। इसमें मौजूद soluble fiber, digestion process को धीमा करता है, जिससे sugar धीरे-धीरे blood में absorb होता है और अचानक blood sugar बढ़ने के chances कम हो जाते है।अलसी शरीर में insulin sensitivity को भी बढ़ाता है, जिससे शरीर sugar को बेहतर तरीके से control कर पाता है। अलसी में मौजूद lignan भी blood sugar levels को balance करने में मदद करता है। इसलिए रोजाना अलसी खाने से diabetes को control करने में मदद मिल सकती है।4. Inflammation को कम करने में मददगारअलसी में Omega 3 fatty acid और lignan भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर में inflammation को कम करने में मदद करते हैं।जब शरीर में inflammation बढ़ जाती है, तो कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जैसे गठिया (arthritis) और digestive issues। Omega 3 fatty acid inflammation को कम करके जोड़ों के दर्द और अकड़न को दूर करने में helpful होता है। अलसी में मौजूद fiber digestive system को healthy रखता है, जिससे पेट में inflammation और गैस की समस्या कम हो जाती है।5. Hot Flashes को कम करने में मददगारMenopause के दौरान females को hot flashes की problem होती है, जिसमें शरीर अचानक गर्म हो जाता है और पसीना आने लगता है।अलसी के बीज में lignan पाया जाता है, जो शरीर में estrogen hormone के levels को balance करने में मदद करता है। यह hormonal changes को control करता है, जिससे hot flashes होने के chances कम हो जाते है।अलसी में मौजूद Omega 3 fatty acid mood को stable रखने और stress को कम करने में भी मदद करता है। यह शरीर को ठंडा बनाए रखने में भी मदद करता है, जिससे hot flashes से राहत मिलती है।इसलिए अलसी के बीज (Flaxseed) को अपनी daily diet में ज़रूर शामिल करें।Source:- 1. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29101172/2. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC4375225/3. https://www.nccih.nih.gov/health/flaxseed-and-flaxseed-oil4. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC9914786/5. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC6567199/
Stool में खून आने के कई कारण हो सकते है, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं होता। आइए, इसे detail में समझते हैं।सबसे पहले यह पता करना ज़रूरी है कि क्या Stool से सच में खून आ रहा है?अगर आपको toilet पर लाल या काले रंग के धब्बे दिख रहे हैं, तो घबराने से पहले यह सोचें कि आपने हाल ही में क्या खाया है। कुछ खाने-पीने की चीजें आपके poop के रंग को बदल सकते हैं, जैसे-चुकंदर (beetroot), cranberry, टमाटर और लाल रंग के food dye से बनी खाने की चीज़ें, आपके poop को लाल कर सकते हैं।Blueberry, black licorice और कुछ दवाएं, जैसे Pepto Bismol या Kaopectate, आपके poop को काला कर सकते हैं।लेकिन, अगर आपको यकीन हो जाए कि stool में खून आ रहा है, तो अगला कदम यह समझना है कि खून कहां से आ रहा है।खून का रंग देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि यह खून शरीर के किस हिस्से से आ रहा है।अगर खून चमकदार लाल रंग का है, तो यह गुदा (anus) या मलाशय (rectum) जैसे हिस्सों के आसपास से आ सकता है।अगर खून गहरा लाल या maroon रंग का है, तो यह small intestine या large intestine के ऊपरी हिस्से से आ सकता है।अगर खून काले, टार जैसा दिख रहा है, तो यह पेट, esophagus या digestive system के किसी ऊपरी हिस्से से आ सकता है।अब यह समझते हैं कि Stool में खून आने के कारण क्या हो सकते हैं?Stool में खून आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे-1. बवासीर (Hemorrhoids)यह बहुत आम समस्या है। गुदा (anus) के अंदर या बाहर बवासीर हो सकता है, जो कभी-कभी सूज जाता है, जिसके कारण stool में खून आने लगता है।2. गुदा में दरार (Anal Fissure)कभी-कभी गुदा (anus) की skin पर छोटे-छोटे cuts या दरारें पड़ जाती हैं, जिससे poop करते समय और बाद में दर्द और खून आ सकता है।3. Diverticulosis and Diverticulitisजब large intestines की walls में छोटे-छोटे थैले (diverticula) बन जाते हैं, तो इसे Diverticulosis कहते हैं। अगर ये थैले सूज जाते हैं या इनमें infection हो जाता है, तो इसे Diverticulitis कहते हैं। और, इससे Stool में खून आ सकता है।4. Peptic Ulcerपेट में बनने वाला acid जब पेट की protective layer को नुकसान पहुंचाता है, तो वहां छाले (ulcer) बन सकते हैं। इन छालों से कभी-कभी खून भी बह सकता है, जिससे stool काला और टार जैसा दिख सकता है।5. Inflammatory Bowel Disease - IBDUlcerative colitis और Crohn's disease जैसी बीमारियों के कारण intestines में सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से stool में हल्का या ज्यादा खून आ सकता है।अब यह जानते हैं कि Stool में खून आने के लक्षण क्या होते हैं?कई बार आपको पता भी नहीं चलता कि Stool में खून आ रहा है। लेकिन कुछ मामलों में आपको ये लक्षण महसूस हो सकते हैं, जैसे -पेट में दर्द होनाकमजोरी और चक्कर आनासांस लेने में दिक्कत होनाबार-बार दस्त (Diarrhea) होनाधड़कन तेज होनाउल्टी आनाबेहोशी महसूस होनाStool में खून आने से Doctor के पास कब जाना चाहिए?इन लक्षणों के दिखते ही, बिना देर किए doctor से मिलें:तीन हफ्तों से ज्यादा समय से मल में खून आ रहा हो।गुदा (anus) में तेज दर्द हो।पेट में गांठ या सूजन हो।खून ज्यादा मात्रा में आ रहा हो।मल पहले से ज्यादा पतला, लंबा या नरम हो गया हो और ऐसा तीन हफ्तों से ज्यादा से हो रहा हो।खून आने का कोई कारण न समझ आ रहा हो (जैसे न कब्ज हो, न दस्त)।खून के साथ बुखार, ठंड लगना, कमजोरी, बेहोशी, उल्टी या बहुत ज्यादा थकावट हो।अगर किसी को भी ये समस्याएं हों, तो doctor से जांच करवाना बेहद जरूरी है। कभी-कभी हल्की समस्या भी बड़ी बन सकती है, इसलिए सावधानी रखना ही बेहतर होता है।Source:- 1. https://www.nhs.uk/conditions/bleeding-from-the-bottom-rectal-bleeding/2. https://www.nhs.uk/conditions/anal-fissure/3. https://www.mdanderson.org/cancerwise/when-to-worry-about-blood-in-your-stool.h00-159545268.htm4. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/gastrointestinal-bleeding/symptoms-causes5. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK563143/
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