Belly fat (पेट की चर्बी) को कम करना आज लगभग हर किसी के लिए सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है। इस वीडियो में हम पेट की चर्बी कम करने के कुछ आसान तरीके बताएंगे जो middle age में, delivery के बाद और सी-सेक्शन के बाद भी पेट की चर्बी कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं।पेट की चर्बी कम करना क्यों महत्वपूर्ण हैYoung aged women (युवा वयस्कों) में, पेट की चर्बी पुरुषों की तुलना में कम होती है। Menopause के साथ इसमें बदलाव आता है। Middle aged women (ध्यम आयु वर्ग की महिलाओं) में, fat (वसा) शरीर के ऊपरी हिस्से में अधिक जमा होती है: hips और thighs के ऊपर। हो सकता है कि आपको अपना वजन बढ़ता हुआ न दिखे, लेकिन आपकी कमर के इंच माप में बढ़ रही है।पेट की चर्बी कुछ बीमारियों का कारण बन सकती है जैसे:हृदय रोगडिमेंशियाअस्थमास्तन कैंसरकोलोरेक्टल कैंसरपेट की चर्बी कम करने के सरल उपाय:आप अपना birth weight या अपने genes नहीं बदल सकते और आप menopause को भी नहीं रोक सकते। लेकिन फिर भी ऐसे कई तरीके हैं जिनसे पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है। अच्छी खबर यह है कि आहार और व्यायाम दोनों परिवर्तनीय कारक बहुत अच्छी तरह से प्रतिक्रिया करते हैं क्योंकि hips और thighs पर fat की तुलना में पेट का fat अधिक आसानी से फैटी एसिड में metabolize हो जाता है।महिलाएं पेट कम करने के लिए ये 5 उपाय अपनी दिनचर्या में शामिल करें:1. व्यायाम: व्यायाम आपकी कमर के circumference को कम करने में मदद करता है। भले ही आपका वजन कम न हो, पेट की चर्बी कम हो जाती है और मांसपेशियां बढ़ जाती हैं। सामान्य गति से कम से कम 30 मिनट का व्यायाम रोज करें, जैसे तेज चलना या साइकिल चलाना। कुछ तरीके जिनसे आप रोजाना में ही गतिशीलता जोड़ सकते हैं जैसे अपने वाहन को गंतव्य से दूर पार्क करें और बाकी रास्ते पैदल चलें, लिफ्ट के बजाय सीढ़ियाँ लें, और खड़े होकर/चलकर फोन पर बात करें।2. संतुलित आहार: हमेशा संतुलित आहार को प्राथमिकता दें जो आपको स्वस्थ वजन हासिल करने में मदद करता है। फलों और सब्जियों, दालों, मेवों और बीजों के सेवन पर अधिक ध्यान दें। ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जो पेट की चर्बी जमा होने को बढ़ावा देते हैं, विशेष रूप से अतिरिक्त चीनी वाले खाद्य एवं पेय पदार्थ।3. धूम्रपान न करें: धूम्रपान आपके पेट में वसा जमा करने के लिए जिम्मेदार है। धूम्रपान ना करें।4. जितनी जरूरत हो उतना ही सोएं: 5 घंटे से कम या 8 घंटे से ज्यादा सोना, दोनों ही पेट की चर्बी जमा होने के लिए जिम्मेदार हैं। पेट की चर्बी कम करने के लिए लगभग 6 से 8 घंटे की नींद लें।Cosmetic (कॉस्मेटिक) वसा हटाने के लिए liposuction (लिपोसक्शन) पेट के अंदर तक नहीं पहुंचता है। इन सब इलाजों से बचें और अपने नियम में थड़ा सा बदलाव लाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।क्या अब पेट की चर्बी को कम करना आसान लग रहा है? कोई दवा नहीं - कोई सर्जरी नहीं।Source:-1. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24635424/ 2. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/17384661/
क्या आपको भी दिन भरनींद आती रहती है, चाहे आप कितना भी सो लें?हो सकता है आप Excessive Daytime Sleepiness या EDS से जूझ रहे हों। Excessive Daytime Sleepiness दुनिया की 20% आबादी को प्रभावित करती है। लेकिन इसका diagnosis कम ही हो पाता है और इसलिए इसे कम support मिलता है और ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता। लेकिन actually ये काफी खतरनाक हो सकती है।Excessive Daytime Sleepiness के दुष्प्रभाव: क्या बहुत अधिक नींद भी हानिकारक हो सकती है?Excessive daytime sleepiness, शारीरिक और मानसिक दोनों से रिलेटेड बीमारियों से जुड़ा है, जैसे:रोज़ के काम- काज करने में परेशानीEDS से जूझ रहे लोगों को अपने रोज़ के काम पूरे करने में भी मुश्किल होती है, जिससे उन्हें अपनी रोज़ की दिनचर्या से ही परेशानी होने लगती है।पढ़ाई पर गलत प्रभाव पड़ता हैEDS बच्चों के लिए बहुत ही खतरनाक है। इसकी वजह से बच्चे पढ़ाई पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते और धीरे धीरे उनके grades कम होने लगते हैं।ध्यान कम लगना:Excessive daytime sleepiness की वजह से दिमाग actively काम नहीं करता जिसकी वजह से attention span में कमी आती है और quality of life धीरे धीरे खराब होने लगती है।लोगों से मिलने जुलने में कमीExcessive daytime sleepiness वाले लोगों का ज्यादातर समय सोने में ही निकल जाता है और इसकी वजह से लोगों से मिलना जुलना नहीं कर पाते। जिसकी वजह से धीरे धीरे वो अपने आप को एकदम अकेला महसूस करने लगते हैं।Depression और anxiety जैसी Psychological conditions:दिन भर नींद आते रहने से, दिन भर का काम अच्छे से नहीं हो पाते, पढ़ाई में grades अच्छे नहीं आते, और व्यक्ति अकेला सा महसूस करता है जिसकी वजह से वो धीरे धीरे Depression और anxiety की तरफ जाने लगता है।मोटर वाहन दुर्घटनाएं और मृत्यु:Excessive daytime sleepiness की वजह से लोगों को गाडी चलाते समय भी नींद आ सकती है जिसकी वजह से सड़क दुर्घटनाएं हो सकती हैं।Excessive daytime sleepiness किसी के जीवन के लिए एक वास्तविक खतरा हो सकता है।Source:- https://www.mayoclinicproceedings.org/article/S0025-6196(20)30984-8/fulltext
Excessive sleepiness, जिसे अक्सर hypersomnia के रूप में जाना जाता है, आपके दैनिक जीवन को काफी प्रभावित कर सकता है। हम इसके बारे में अक्सर बात करते हैं और बेहतर नींद के लिए सलाह देते हैं, जैसे कि सोने से पहले किताब पढ़ना और रात में वीडियो नहीं देखना। लेकिन यह हमेशा इतना आसान नहीं होता, यह कुछ serious health conditions का लक्षण भी हो सकता है।Excessive sleepiness के कुछ सामान्य कारणESD के कारणों को तीन अलग-अलग भागों में बांटा जा सकता है:चिकित्सा कारक (Medical Factors):Sleep Apnea: नींद के दौरान बार-बार सांस रुकना और शुरू होना। यह अच्छे से सोने में परेशानी पैदा करता है।Narcolepsy: अचानक नींद लाने और दिन में ज्यादा नींद लाने वाली एक neurological condition।नींद में पैर हिलाने की आदत: एक neurological condition जिसमें व्यक्ति को सोते सोते पैरों को हिलाने की इच्छा होती है। यह अच्छे से सोने में परेशानी पैदा करता है।Depression: एक mental health condition जिसकी वजह से बहुत थकान महसूस होती है और रात में अच्छी नींद आने में कठिनाई होती है, और पूरे दिन नींद आती रहती है।जीवनशैली कारक (Lifestyle Factors):अपर्याप्त नींद: शरीर की आवश्यकता से कम नींद लेने से दिन के समय में बहुत ज्यादा नींद आ सकती है।सही से ना सोना: अनियमित नींद का समय, शोर या नींद का सही वातावरण ना होने से नींद की समस्याएं होती हैं।दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे antidepressants, antihistamine, और pain relievers भी नींद का कारण बनते हैं।शराब और ड्रग्स: शराब और ड्रग्स नींद के pattern में बाधा डालते हैं।अन्य कारक (Other Factors):Genes : कुछ लोगों के genes ही नींद अच्छे से ना आने का कारण होते हैं।Shift work: अनियमित job timings, शरीर के natural sleep cycle को बाधित कर सकते हैं।यदि आप Excessive sleepiness का अनुभव कर रहे हैं, तो doctor से consult करना महत्वपूर्ण है जिससे आपकी अपनी परेशानी का सही कारण पता लग पाए और उसके हिसाब से treatment भी हो पाए।Source:-1. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK19961/#:~:text=The main symptom of sleep,Dinges et al.%2C 2005) 2. https://hms.harvard.edu/news/sleepless-genes#:~:text=Insomnia affects around 10 to,risk of insomnia is inherited.
हमारी body का normal temperature 98.6 degree Fahrenheit होता है। Viral fever में body का temperature normal से अधिक होता है जो कि virus के कारण हो सकता है। हर बार जब कोई virus आता है, तो यह जरूरी नहीं है कि हम बुखार का अनुभव करें, लेकिन बुखार का अनुभव होना इस बात का संकेत हो सकता है कि शरीर infection से लड़ने की कोशिश कर रहा है। Actually बुखार में शरीर का temperature बढ़ जाता है जिससे infections ख़तम होने लगते हैं और वह multiply नहीं हो पाते।बच्चों में बुखार का पता इन temperatures से लगाया जा सकता है:Rectal, Ear और forehead पर: 100.4 degree fahrenheit से अधिक।Oral: 100 degree fahrenheit से अधिक।Armpit पर: 99 degree fahrenheit से अधिक।Viral fever के लक्षण:बुखार होने पर, व्यक्ति को इन लक्षणों का अनुभव हो सकता है:कंपकंपी या ठंड लगनापसीना आनाभूख कम लगनाDehydrationदर्द के प्रति sensitivityEnergy में कमीconcentration में कठिनाईछोटे बच्चों को जब बुखार होता है:वह छूने में गरम लगते हैंउनके गाल फीके से पड़ जाते हैंउन्हें बहुत पसीना आता हैतेज़ बुखार के मामले में व्यक्ति चिड़चिड़ा और उलझा हुआ सा हो जाता है और उसे दौरे पड़ सकते हैं।Source:-https://www.medicalnewstoday.com/articles/168266?formCode=MG0AV3#_noHeaderPrefixedContent
Happy Diwali to all of you.हम सभी पूरे साल Diwali का wait करते हैं ताकि हम सब मिलकर अपने घर सजाएं और धून - धान से अपनों के साथ Diwali मनाएं। पर आज हम बात करेंगे कुछ common mistakes की जो हम सभी करते हैं Diwali के time में। और ये सब डाल सकती हैं हमारी health पर बुरा असर।But, you need not worry when Medwiki is here. We will help you enjoy Diwali without any concerns.Please watch अगर आप भी कर रहे हैं इनमें से कुछ common mistakes; और जानें क्या कर सकते हैं हमें help.क्या आप भी naked eyes se firecrackers burn करते हो ?Firecrackers 2,000 degree celsius तक के तापमान पर जाते हैं, जो हमारी eyes को बहुत नुक्सान पहुंचना सकता है। इसलिए अपने safety glasses पहनना ना भूलेंक्या आप Diwali के time, party करना बहुत पसंद करते हैं ?Diwali के समय में firecrackers और loud music से होने वाला शोर 125 decibels से भी अधिक हो जाता है। जबकि 85 decibels को safe hearing limit माना जाता है इसलिए party तो जरूर करिये पर ऐसी किसी भी जगह जहाँ loud music या firecrackers का शोर हो, वहां अपने earplugs पहनना न भूलें।Diwali में घर पर सब मीठा और टाला भुना खाना बनता है?तो इस Diwali focus रखिये उन foods पर जो हैं आपकी gut health के लिए अच्छे। Choose your best, मिठाई की जगह dry fruits उठायें और घर पर भी non fried foods बनायें। ध्यान रखिये ये foods ज्यादा अच्छे से digest होते हैं और health को बूिल्कुल negatively impact नहीं करतेParties में drinks या cold drinks पीना पसंद करते हैं ?क्यों ना इस बार हम coconut water, fresh fruit juices and herbal teas जैसे healthy options choose करें क्युकी soda से काफी acidity होती है।और air pollution तो हम सभी जानते हैं इस समय किस level पे होता है, इसलिए घर से बाहर निकलते समय face mask जरूर लगाएं। अपने lungs को pollution के harm से बचाएं।Keep in mind, A healthy Diwali is a happy Diwali. Medwiki once again wishes you all a very Happy Diwali.
नींद की कमी को अक्सर अनदेखा किया जाता है जो कि अपने आप में ही एक health problem है। एक time पर नींद को inactive माना जाता था जिसमें body और brain दोनों ही दिन भर की activities के बाद rest mode में चले जाते हैं। लेकिन scientists ने पाया है कि brain नींद के दौरान अलग अलग activities से pattern से गुजरता है और कभी-कभी तो brain सोते समय और ज्यादा active हो जाता है।Adults अगर हर रात 7 से 8 घंटे से कम सोते हैं तो उसे नींद की कमी (sleep deprivation) माना जाता है। दिन के समय में नींद आना, हर समय उदास सा रहना और कुछ याद सा ना रहना। यह कुछ नींद की कमी के लक्षण हैं।नींद की आवश्यकता हमें proper body functions और good health होती है।नींद की कमी के 2 कारण:Lifestyle/ occupational problems: जैसे shift jobs, काम पर लम्बा समय, सोने का अनियमित समय, jet lag आदिSleep disorders: जैसे नींद ना आना, सोते समय सांस लेने में दिक्कत होना आदिनींद की कमी से हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है?Data साबित करता है कि नींद की कमी से हो सकता है:मोटापा: जब कोई व्यक्ति 7 घंटे से कम सोता है, तो वह मोटापे की ओर जाने लगता है। वास्तव में, नींद जितनी कम होगी, मोटापा उतना ही ज्यादा होगा।मधुमेह: जो लोग 5 घंटे या उससे कम सोते हैं, उन्हें मधुमेह का अधिक खतरा होता है।Heart disease और High blood pressure नींद की कमी दिल के दौरे और स्ट्रोक से जुड़े हैं। जिसके लिए high blood pressure, sympathetic hyperactivity, और glucose intolerance जिम्मेदार हो सकते हैं।Stress, Anxiety और शराब का सेवन: Mood और behaviour सही न होने से भी नींद में कमी आती है। जिन लोगों को नींद बहुत ही कम आती है वह mental problems, depression, stress और शराब के सेवन जैसी परेशानियों से ज्यादा जूझते हैं।यहां हमने देखा है कि अच्छी नींद कितनी महत्वपूर्ण है। इसलिए, लंबे समय तक सोना या बीच में एक छोटी सी झपकी लेना जरूर याद रखें (2 घंटे से अधिक नहीं)।मुझे उम्मीद है कि यह वीडियो आपके लिए मददगार रहा होगा। ऐसे और भी वीडियो देखने के लिए Medwiki चैनल पर हमारे वीडियो देखते रहें।Source:-1.https://drive.google.com/file/d/1TNTAB0aqdrvbc_ZVnQWUvsEPPyuNu7t5/view?usp=sharing
Ghee coffee या bulletproof coffee आजकल trend में है जिसे Shilpa Shetty, Kriti Sanon और भी कई सारे celebrities ghee coffee के fan हो गए हैं, और रोजाना सुबह breakfast के time इसको पीते हैं।Ghee coffee को bulletproof coffee के नाम से भी जाना जाता है।Ghee coffee या bulletproof coffee होती क्या है?Ghee coffee, simply brewed coffee होती है जिसमें 1-2 चम्मच ghee mix करके उसको अच्छे से blend कर लेते हैं। और कुछ लोग इसमें taste add करने के लिए दालचीनी powder का भी use करते हैं।Ghee Coffee इतनी famous क्यों है?असल में ghee coffee का use पुराने ज़माने से India और Tibet जैसे countries में होता आ रहा है, क्योंकि Ayurveda में ghee के अंगिनत फायदे बताए गए हैं। आजकल इसे celebrities ने ज़्यादा popular बना दिया है, और इसके पीछे ghee coffee का flavour और health benefits हैं।Ghee Coffee पीने के 5 अद्भुत health benefits!जानिए Ghee Coffee पीने के 5 अद्भुत स्वास्थ्य लाभ: ऊर्जा बढ़ाने, वजन घटाने में सहायक, पाचन सुधारने, मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने और मानसिक फोकस बढ़ाने के लिए आज ही अपनाएं ये सुपरफूड ड्रिंक!Energy level बढ़ता है: Ghee में healthy fats होते हैं जो body में धीरे-धीरे energy release करते हैं, जिससे आपकी भूख कम होती है और आपको लंबे time तक energy मिलती है। यह आपको weight loss में भी मदद करता है।Digestion अच्छा होता है: Ghee में butyric acid होता है जो आपके healthy gut bacteria को grow करने में मदद करता है, साथ ही digestive tract को nourish करता है, और bloating की problem भी नहीं होती।Focus बढ़ता है: Coffee में रहा caffeine और ghee के healthy fats के कारण mental health improve होती है, focus बढ़ता है और energy भी काफ़ी लंबे time तक बनी रहती है।Immunity boost होती है: Ghee में Vitamin A और E होता है, जिससे immunity boost होती है और infection होने के chances कम होते हैं।Glowing और healthy skin होती है: Ghee में antioxidants होते हैं जिससे skin को nourishment और hydration मिलता है, जिसके कारण skin glowing और healthy होती है।Ghee coffee healthy होने के साथ-साथ tasty भी है, लेकिन ध्यान रहे कि ghee coffee सुबह में पिएं या फिर आपके सोने के time से कम से कम 8-9 घंटे का difference हो।
हम में से कई लोग coffee के बिना दिन की शुरुआत करने की सोच ही नहीं पाते। शायद इसका कारण है caffeine—एक हल्का stimulant जो energy और alertness बढ़ाता है। अगर आप भी coffee या tea lover हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है!ये Caffeine नाम का stimulant coffee, tea, energy drinks, और कुछ medications में पाया जाता है। यह थकान दूर करने में मदद करता है, लेकिन इसको ज़्यादा मात्रा में लेना हानिकारक हो सकता है। FDA का कहना है कि healthy adults के लिए लगभग 400 mg प्रतिदिन—यानि 4-5 कप coffee सुरक्षित है। U.S. Health Minister के अनुसार, अपने caffeine intake को लेकर सावधान रहना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि अधिक सेवन से anxiety, insomnia, और यहां तक कि heart issues भी हो सकते हैं।Caffeine के कुछ health benefits भी हैं, जैसे कि यह कुछ प्रकार के सिरदर्द का इलाज, preterm infants के इलाज़ में मदद, और athletic performance को बढ़ाता है।आपके पसंदीदा coffee में कितनी caffeine है?Brewed Coffee (250 ml): 80-100 mg caffeine.Cold Brew (350 ml): 153-238 mg.Instant Coffee (250 ml): लगभग 62 mg.Espresso (30 ml): लगभग 63 mg.Decaf (250 ml): लगभग 2 mg।हालांकि caffeine energy बढ़ा देता है, लेकिन ज़्यादा मात्रा में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। इसलिए सोच-समझकर चुनें और moderation में आनंद लें।Source:- 1. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK519490/#:~:text=Caffeine is a naturally occurring,recognized as the most utilized 2. https://www.medicalnewstoday.com/articles/324986#caffeine-by-brand
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