हमनी के अक्सर शाकाहारी लोग के कहत सुनेनी जा कि “हमनी के अंडा, मछरी, मांस या चिकन ना खानी जा, हमनी के आपन प्रोटीन के जरूरत कईसे पूरा क सकेनी जा?”हमनी के अक्सर चिंता होखेला कि “हमरा एक दिन में केतना प्रोटीन के जरूरत बा”?का रउवा जानत बानी?हमनी के रोज के आहार में पहिलही से 60-70 ग्राम प्रोटीन मिलेला, जवन कि हमनी के जरूरत से जादे बा। हालांकि प्रोटीन के गुणवत्ता अवुरी सभ जरूरी अमीनो एसिड के जरूरत के पूरा कईल एगो चुनौती हो सकता।त, शाकाहारी लोग खातिर एकर समाधान का बा:1 अनाज आ दाल के उचित संयोजन 2 आहार में नट्स आ बीज के शामिल कइल 3 रोजमर्रा के आहार में दूध के शामिल कइलइ आपके जरूरत के पूरा करे खातिर उचित प्रोटीन के सेवन के कुल मंत्र ह। दरअसल, शाकाहारी खाद्य पदार्थ सभ में प्रोटीन के पाचन क्षमता के रेंज 75 से 85% होला।रउरा केतना प्रोटीन के जरूरत बा?स्वस्थ वयस्क (पुरुष आ महिला) खातिर: 0.83 ग्राम/किलोग्राम/दिन प्रोटीन के सलाह दिहल जाला।का अब गणना कइल आसान नइखे कि “रउरा केतना प्रोटीन के जरूरत बा?”अपना आहार में प्रोटीन से भरपूर इ स्रोत शामिल करीं:दाल: मसूर, हरियर चना, घोड़ा के चना, काला चना, चना, किडनी बीन्स, गोभी, सोयाबीन आ हरियर मटर।नट्स आ बीज: बादाम, पिस्ता, काजू, अखरोट, हेज़लनट, चिया बीज, कद्दू के बीज, सन के बीज आ तिल।दूध: दूध से बनल उत्पादका मांसपेशी के द्रव्यमान बनावे खातिर खाली प्रोटीन पर्याप्त बा?शाकाहारी आहार आ एकरा से मिले वाला प्रोटीन! ना, इ एगो मिथक ह अवुरी हमनी के देखतानी कि लोग मांसपेशी के द्रव्यमान बनावे खाती अतिरिक्त प्रोटीन, इहाँ तक कि प्रोटीन पाउडर के सेवन करतारे। दरअसल, प्रोटीन के अधिक मात्रा में सेवन करे के सलाह ना दिहल जाला, खास तौर प प्रोटीन के पूरक के रूप में।रउरा सभे के मालूम होई:आहार में पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट अवुरी वसा के बिना आहार में प्रोटीन के कुशलता से उपयोग ना होखेला।पर्याप्त शारीरिक गतिविधि के बिना प्रोटीन के इस्तेमाल बॉडी बिल्डिंग खाती ना होखेला।त शाकाहारी लोग अब प्रोटीन के सेवन के चिंता बंद करीं, आपके खानपान अपने आप में पूरा बा।Source:- https://main.icmr.nic.in/sites/default/files/upload_documents/DGI_07th_May_2024_fin.pdf
आराम करीं, शारीरिक आ मानसिक दुनु तरह के स्वास्थ्य के बनावे राखे खातिर सभका एकर जरूरत बा. लेकिन का आराम सिर्फ आँख बंद करे के बा कि 6-8 घंटा नींद लेवे के बा? अगर अकेले नींद से पूरा आराम मिलत रहे त हमनी के अबहियों सबेरे थकान काहे महसूस होला, काम करे के प्रेरणा के कमी होला भा ब्रेक लेबे के मन काहे होला?अयीसन एहसे होखेला कि नींद से सिर्फ शारीरिक आराम मिलेला। लेकिन रोजमर्रा के जीवन के तनाव से राहत देवे अवुरी मानसिक, शारीरिक अवुरी आध्यात्मिक संतुलन बनावे खाती 7 प्रकार के आराम बा, जवना के जरूरत सभके होखेला।आईं एह 7 तरह के आराम के खोज कइल जाव:शारीरिक आराम: जब आपके शरीर में दर्द होखे, थकान महसूस होखे, चाहे कुछ शारीरिक गतिविधि कईला के बाद शारीरिक आराम के जरूरत होखेला। शारीरिक आराम में सुते, झपकी लेवे, व्यायाम, खिंचाव, चाहे मालिश कईल शामिल बा। एह गतिविधि सभ के कइला से शरीर के तक सभ के ठीक करे में मदद मिले ला, तनाव कम होला आ आपके ऊर्जा के स्तर बहाल होला।मानसिक आराम: मानसिक आराम के जरूरत तब होखेला जब आपके साफ-साफ सोचे में परेशानी होखे, रात में आपके दिमाग दौड़त होखे, चाहे आपके चीज़ के याद करे में परेशानी होखे। मानसिक आराम पावे खातिर काम के दौरान छोट-छोट ब्रेक लीं अवुरी ध्यान के अभ्यास करीं। एहसे रउरा दिमाग के ब्रेक मिलेला आ मानसिक स्पष्टता मिलेला.भावनात्मक आराम: जब आप दुखी, गुस्सा, चिढ़ महसूस करेनी, चाहे जब आप अपना भावना के केहु से ना बता पवनी त आपके भावनात्मक आराम के जरूरत होखेला। अइसना में कवनो भरोसेमंद दोस्त भा प्रियजन से बात करीं आ आत्म-देखभाल के अभ्यास करीं.भावनात्मक आराम: जब आप दुखी, गुस्सा, चिढ़ महसूस करेनी, चाहे जब आप अपना भावना के केहु से ना बता पवनी त आपके भावनात्मक आराम के जरूरत होखेला। अइसना में कवनो भरोसेमंद दोस्त भा प्रियजन से बात करीं आ आत्म-देखभाल के अभ्यास करीं.संवेदी आराम: संवेदी आराम के जरूरत तब होखेला जब आप अपना आसपास के रोशनी, आवाज़ अवुरी सभ डिजिटल उपकरण से अभिभूत महसूस करेनी। संवेदी आराम पावे खातिर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से दूर प्राकृतिक सेटिंग में समय बिताईं, जवन कि आपके दिमाग के शांत करे में मदद करेला अवुरी आपके आराम के एहसास करावेला।रचनात्मक आराम: रचनात्मक आराम तब जरूरी होला जब रउरा लागत होखे कि रउरा बहुत दिन से एके काम करत बानी, अटकल महसूस होखे, भा कुछ नया शुरू करे के इच्छा के कमी होखे. अइसना में कवनो संग्रहालय भा आर्ट गैलरी में जाईं, हस्तशिल्प वाला जगहन के खोज करीं, संगीत सुनी भा कवनो नया किताब पढ़ के प्रेरणा पाईं.सामाजिक आराम: सामाजिक आराम के जरूरत तब होला जब रउआ लोग से बातचीत करत भा सामाजिक सभा में शामिल होके थक गइल बानी, आ रउआ बस अकेले रहे के चाहत बानी। कवनो सहायक दोस्त के संगे समय बिताईं अवुरी सामाजिक जुटान से बची ताकि आप सकारात्मक सोच अवुरी सार्थक रिश्ता बना सकी, नकली लोग से दूर रही।आध्यात्मिक आराम: आध्यात्मिक आराम के जरूरत तब होला जब रउरा लागेला कि जीवन में कवनो सार्थक चीज नइखे, भा जब रउरा कवनो मकसद ना मिल पावे. अइसना में ध्यान के अभ्यास करीं, प्रार्थना करीं भा सेवा के काम में लागीं. एहसे रउरा अपना अस्तित्व के मकसद के समझे में मदद मिलेला आ एहसास होला कि रउरा केतना महत्वपूर्ण बानी.त अगर रउरा थकान महसूस करत बानी त जांच करीं कि रउरा कवना तरह के आराम के जरूरत बा आ उदारता से लीं. काहे कि "सेल्फ केयर से राउर सत्ता वापस मिल सकेला!Source:-1. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5342845/ 2. https://www.mentalhealth.org.uk/sites/default/files/2022-06/Rethinking-Rest-guide-from-the-Mental-Health-Foundation.pdf
Irritable Bowel Syndrome दुनिया भर में सभसे प्रचलित पेट के बिकार हवे।एकर संकेत आ लक्षण के बारे में बतावल गइल बा आ पुरान प्रकृति, हल्का से गंभीर तक के होला, पेट में दर्द, कब्ज, दस्त अवुरी मल के रूप में बदलाव Irritable bowel syndrome के कुछ विशेषता ह Irritable Bowel Syndrome के लक्षण :Irritable Bowel Syndrome के लक्षण में पेट अवुरी आंत के बाहर दुनो प्रकार के शिकायत शामिल बा, कुछ आम लच्छन सभ में शामिल बाड़ें:पुरान पेट दर्द : पेट में अलग-अलग तीव्रता के ऐंठन के एहसास जवन समय के संगे अवुरी बढ़ जाला। दर्द आमतौर प पेट के निचला हिस्सा में होखेला, जवन कि अक्सर निचला बायां हिस्सा में महसूस होखेला।आंत के आदत में बदलाव : आंत के आदत में बदलाव जईसे मल में मात्रा, आवृत्ति अवुरी स्थिरता में बदलाव।दस्त : बार-बार ढीला गति, छोट से मध्यम मात्रा के, मरीज के शौच करे के भी तात्कालिकता महसूस होखेला अवुरी मल के संगे-संगे म्यूकोसल डिस्चार्ज के शिकायत होखेला।कब्ज : मरीज अक्सर कड़ा मल से पीड़ित होखेले अवुरी मलाशय के अधूरा खाली होखे के एहसास होखेला। भले ही मलाशय पूरा तरीका से खाली होखे, जेकरा चलते बाथरूम में लंबा समय बितावे के पड़े ला।gi के अउरी लच्छन: कुछ आम लच्छन सभ में गैस्ट्रो-एसोफेजियल रिफ्लक्स, जल्दी भरल महसूस कइल, मतली, पेट पेट फूलल, बहुत ढेर गैस के उत्पादन आ गैर-हृदय संबंधी छाती में दर्द सामिल बा। मरीज के पेट फूले के शिकायत भी अक्सर होखेला।आंत के बाहर के लक्षण: एह में यौन कामकाज में कमी आ पेशाब के उत्पादन में बढ़ोतरी आ पेशाब करे के तात्कालिकता शामिल बा। मरीज के उच्च रक्तचाप अवुरी दमा भी हो सकता।का तनाव आ चिंता Irritable Bowel Syndrome के कारण बा?तनाव अवुरी चिंता से सीधा Irritable Bowel Syndrome (IBS) ना होखेला, लेकिन एकरा से निश्चित रूप से लक्षण के आवृत्ति अवुरी गंभीरता बढ़ सकता।ई साबित भइल बा कि मनोवैज्ञानिक चिकित्सा, अवुरी आराम/ तनाव कम करे के तकनीक कुछ लोग में Irritable Bowel Syndrome (IBS) के लक्षण से राहत देवे में मदद कर सके ला।Source:-1. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4154827/
नवरात्रि के पावन परब शुरू हो गइल बा, आ रउरा सभे में से बहुत लोग व्रत में लागल होई। लेकिन का रउवा कबो सोचले बानी कि हमनी के नवरात्रि के समय व्रत काहे?असल में एह व्रत के वैज्ञानिक आ आध्यात्मिक संबंध बा। हमनी के पुरखा लोग नवरात्रि में उपवास के अवधारणा बनवले रहे ताकि भक्ति के संगे-संगे हमनी के पाचन तंत्र के तनी ढील दे सकेनी जा अवुरी मन अवुरी शरीर के साफ कर सकीले।त आज हम रउआ के व्रत के सही तरीका बतावत बानी, ताकि रउआ पूरा 9 दिन स्वस्थ आ ऊर्जावान रहीं। वीडियो के अंत तक देखीं, काहे कि जवन गलती हम आखिरी बिंदु में बताइब उ सबके द्वारा कईल गईल बा। त आईं शुरुआत कइल जाव:1. हाइड्रेटेड रहे के चाहीं: व्रत के दौरान पानी, नारियल के पानी, लस्सी चाहे रस पीयल जरूरी बा। इ सभ ना सिर्फ आपके शरीर के हाइड्रेटेड राखेला, बालुक इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलित भी करेला। नारियल के पानी में पोटेशियम होखेला, जवन कि मांसपेशियन के थकान कम करेला अवुरी आपके सक्रिय राखेला। सही हाइड्रेशन से भी आपके मेटाबॉलिज्म सही रहेला।2. सही आहार के पालन करीं: एक प्रकार के अनाज, पानी के चेस्टनट अवुरी राजगीरा जईसन लस मुक्त अनाज के पचावल आसान होखेला अवुरी एकरा से जरूरी पोषण मिलेला। एक प्रकार के अनाज में प्रोटीन अवुरी फाइबर के संगे-संगे रूटिन नाम के फ्लेवोनोइड होखेला, जवन कि दिल के स्वास्थ्य खाती निमन होखेला। इ अनाज पाचन के अनुकूल होखेला अवुरी दिन भर ऊर्जा के बरकरार राखेला।3. स्वस्थ वसा लेवे के चाहीं: घी, पनीर अवुरी दही जईसन स्वस्थ वसा आपके शरीर के लंबा समय तक ऊर्जा देवेला अवुरी मेटाबॉलिज्म के समर्थन करेला। घी में ब्यूटाइरिक एसिड होखेला जवन कि पेट के आस्तर के ठीक करे में मदद करेला। इ वसा आपके भूख के काबू में राखेला अवुरी शरीर के जरूरी पोषण देवेला।4. उपवास के समय हल्का खाए के चाहीं उपवास के समय फल आ भुनाइल मखाना जइसन हल्का नाश्ता ले लीं। फल में प्राकृतिक चीनी अवुरी फाइबर होखेला, जवना के चलते पाचन आसान हो जाला। कमल के बीज में एंटीऑक्सीडेंट अवुरी मैग्नीशियम होखेला, जवन कि शरीर के पोषण देवेला। तले वाला खाना से परहेज करीं काहे कि एहसे पाचन के गति धीमा हो सकेला आ पेट में भारीपन हो सकेला.उपवास सभका खातिर ना होला, जइसे कि गर्भवती महिला, स्तनपान करावे वाली माँ, लइका, किशोर, या दिल के समस्या वाला लोग, टीबी, भा कवनो दोसर मेडिकल स्थिति वाला लोग. काहे कि स्वास्थ्य पहिले, ना?त ई नवरात्रि राउर व्रत के स्मार्ट तरीका से मैनेज करीं आ राउर तन-आत्मा के साफ-सुथरा राखीं।माँ दुर्गा रउआ के आपन ताकत आ आशीर्वाद देस, आ राउर व्रत सफल होखे।जय माता दी!
आज हर जगह लोग इहे सवाल पूछ रहल बा कि “खाना के तेल के दोबारा इस्तेमाल कईला से का नुकसान बा?”भारतीय लोग के तेल के इस्तेमाल से खाना बनावे के बहुत शौक बा।आ अगर कवनो खास मौका होखे त भारत भा भारतीय त्योहारो बिना पूरा आ पकोडा बनवले पूरा ना होखे जवन निश्चित रूप से डीप फ्राइड होखे.लेकिन देखल गईल बा कि हमनी के अक्सर अपना खाना बनावे में एकही तेल के बार-बार इस्तेमाल करेनी जा, ताकि लागत में बचत होखे अवुरी तेल के बर्बादी भी कम से कम होखे। खाली हमनी के घर में ना, सड़क के किनारे खाना के स्टॉल, होटल अवुरी रेस्टोरेंट में हर जगह तेल के दोबारा इस्तेमाल होखता। लेकिन, एकही खाना बनावे के तेल के बार-बार दोबारा इस्तेमाल कईला के दुष्प्रभाव के बारे में केहु कबो ना बोलेला।आज समझल जाव जब खाना बनावे के तेल के बार-बार दोबारा इस्तेमाल हो रहल बा त का होला!खाद्य तेल के बार-बार इस्तेमाल आ तलला से टोटल पोलर कम्पोउंड (TPC) बने ला जेवना से ई मनुष्य के खपत खातिर अयोग्य हो जाला। खाना बनावे के तेल के पोषण संबंधी गुण प भी बहुत असर पड़ेला, काहेंकी एकरा के बार-बार दोबारा गरम कईल जाला।खाना बनावे के तेल के दोबारा इस्तेमाल से हमनी के स्वास्थ्य प कईसन असर पड़ेला?कई गो अध्ययन सभ से साबित भइल बा कि खाना बनावे के तेल के दोबारा गरम कइल जा सके ला:विषाक्त पदार्थ छोड़ल जवन हानिकारक होखे एकरा में ट्रांस- फैट के मात्रा बढ़ जाला अब ताजा ना रहीं आ एहसे स्वाद भा गंध खराब हो सकेला कुछ बहुत हानिकारक प्रतिक्रिया पैदा करींतेल के दोबारा गरम कईल लोग के स्वास्थ्य खाती बहुत नुकसानदेह हो सकता। तेल के दोबारा गरम कईल लोग के स्वास्थ्य खाती बहुत नुकसानदेह हो सकता। एकर बहुत गंभीर नुकसानदेह असर हो सकता।खाना बनावे खातिर तेल के इस्तेमाल में हमनी के कवन सावधानी बरती सकेनी जा?तेल के दोबारा गरम करत घरी नुकसानदेह प्रभाव के कम करे के कुछ उपाय कईल गईल बा।तेल के ढेर समय तक गरम ना करे के चाहीं , डीप फ्राइंग से पहिले खाद्य पदार्थ में नमक ना डाले तेल में खाद्य कण जमा होखे से बचे के चाहीं ताकि दूषितता कम से कम होखे।हालांकि, हमेशा बेहतर होखेला कि खाद्य तेल के दोबारा इस्तेमाल के कड़ाई से नियंत्रित कईल जाए, ताकि हमनी के खाना बनावे के तेल के दोबारा गरम होखे के नुकसान से बचावे में मदद मिल सके।Source:-1https://www.researchgate.net/publication/336800574_The_Effect_of_Repeatedly_Cooking_Oils_on_Health_and_Wealth_of_a_Country_A_Short_Communication 2. https://fssai.gov.in/upload/media/FSSAI_NEws_Oil_Insider_30_09_2019.pdf
हमनी के बचपन से ही सीखत आईल बानी जा कि हमनी के शरीर के 70% हिस्सा पानी होखेला अवुरी हमनी के शरीर में रोज पेशाब अवुरी पसीना के माध्यम से पानी के नुकसान होखेला। त रोज के नुकसान के वसूली खातिर स्वस्थ पेय पदार्थ के सेवन करे के सलाह दिहल जाला।पहिले के समय में पानी पानी के नुकसान के भरपाई करे खातिर सबसे ताज़ा आ शुद्ध तरल पदार्थ में से एगो रहे। लाखों साल तक इंसान सिर्फ पानी के एकमात्र पेय पदार्थ के रूप में भरोसा करत रहे।फेर धीरे-धीरे अउरी विकल्प जइसे कि दूध, बियर, शराब, कॉफी, चाय आदि के शुरूआत भइल आ हमनी के अलग अलग समय पर का पीये के मन करेला एकर चुनाव करे लगनी जा।Infact हमनी के चुने वाला पेय पदार्थ के प्रकार अब हमनी के सामाजिक सभा के प्रकार से भी जुड़ल बा। आ इहे ह जहाँ हमनी के एगो बड़हन बदलाव आइल, हमनी खातिर आ अपना लइकन खातिर भी हेल्दी ड्रिंक के समझदारी से ना चुन पवनी जा।त अगर बहुत तरल पदार्थ पीये के सलाह दिहल जाला त का जरूरत के पूरा करे खातिर कवनो तरल पदार्थ पीयल ठीक बा?निश्चित रूप से ना।त आईं हमनी के कुछ हेल्दी ड्रिंक के विकल्प पर चर्चा करीं जा जवना के हमनी के सेवन कर सकेनी जा आ अपना लइकन के भी पेश कर सकेनी जा:नारियल के पानी : नारियल के पानी प्यास बुझावे खातिर सबसे पौष्टिक अवुरी स्वस्थ पेय में से एगो ह। इ चीनी, प्रोटीन, मुक्त अमीनो एसिड, विटामिन, खनिज अवुरी कुछ विकास बढ़ावे वाला कारक देवेला।ताजा फल के रस : ताजा फल के रस निश्चित रूप से बहुत स्वस्थ विकल्प बा। अध्ययन से साबित भईल बा कि रस से निकले वाला विटामिन, खनिज अवुरी बायोएक्टिव यौगिक शरीर में आसानी से सोख लेवेला। एहसे बढ़िया पोषण के इंतजाम कईल। इहो साबित भइल बा कि रोज फल के रस पीये के मोटापा भा मधुमेह से बिल्कुल भी संबंध ना होला।ग्रीन टी : ग्रीन टी में पॉलीफेनोल होखेला, जवना में फ्लेवैनोल, फ्लेवोनोइड, अवुरी फिनोलिक एसिड शामिल बा। एकर सेवन से कई प्रकार के कैंसर से बचाव में मदद मिलेला, जवना में फेफड़ा, अन्ननलिका, मुंह, अग्न्याशय आदि के कैंसर शामिल बा।नींबू के पानी : नींबू साइट्रिक एसिड, विटामिन सी अवुरी पॉलीफेनोल के भरपूर स्रोत ह जवन कि स्वास्थ्य के कुछ फायदा देवेला, जईसे कि थकान से राहत देवेला, एंटी एजिंग प्रभावित करेला अवुरी दिल के बेमारी अवुरी कुछ खास कैंसर के खतरा के कम करेला।दूध : दूध अवुरी डेयरी उत्पाद में कैल्शियम, प्रोटीन अवुरी कुछ विटामिन अवुरी खनिज के मात्रा भरपूर होखेला अवुरी एकरा अलावे कुछ पुरान बेमारी जईसे हृदय रोग, मधुमेह से भी बचावेला अवुरी हड्डी के द्रव्यमान के घनत्व में भी सुधार करेला।घर के बनावल स्मूदी : घर के बनावल स्मूदी फल, सब्जी, साग अवुरी नट्स के मिला के बनावल जा सकता। इ पोषक तत्व से बहुत भरपूर होखेला अवुरी काफी भरपूर होखेला।हॉट-चॉकलेट : बिना चीनी डालल हॉट चॉकलेट एगो हेल्दी पेय हो सकता। कोको मूड के ऊपर उठावेला अवुरी डायबिटीज के खतरा भी कम करेला।सोया दूध भा बादाम के दूध : शाकाहारी लोग खातिर इ एगो बढ़िया विकल्प बा। इ फाइबर अवुरी प्रोटीन से भरपूर होखेला, अवुरी खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर के कम करे में मदद करेला, जवना से दिल के बेमारी के खतरा कम हो जाला।ब्लैक कॉफी : जदी एकरा के संयम से लिहल जाए त ब्लैक कॉफी भी एगो हेल्दी पेय ह। एकरा से कई गो पुरान बेमारी के खतरा कम हो जाला।कोम्बुचा : कोम्बुचा एगो किण्वित पेय ह अवुरी किण्वन से बायोएक्टिव यौगिक, विटामिन बी, विटामिन सी, अवुरी कुछ जरूरी खनिज जईसे आयरन, मैग्नीशियम, जस्ता आदि के मात्रा बढ़ावे में मदद मिलेला।सोडा, एनर्जी ड्रिंक अवुरी स्पोर्ट्स ड्रिंक जईसन चीनी वाला पेय पदार्थ से जरूर परहेज करीं, जवन कि फालतू के कैलोरी अवुरी कवनो पोषण ना देवेला।Source:-1 .https://www.researchgate.net/publication/353603073_An_Overview_on_Coconut_Water_As_A_Multipurpose_Nutrition 2. https://www.researchgate.net/publication/353603073_An_Overview_on_Coconut_Water_As_A_Multipurpose_Nutrition
आज हमनी के साइकिल चलावे के स्वास्थ्य लाभ के बारे में बात करब जा। का रउवा जानत बानी कि सिर्फ साइकिल चलावे से दिल के बेमारी के खतरा 50% कम हो जाला?साइकिल चलावे के स्वास्थ्य खातिर अउरी कई गो फायदा बा। शुरुआत कइल जाव:हृदय के स्वास्थ्य के समर्थन करेला: साइकिल चलावे में शरीर में जादा ऑक्सीजन के जरूरत होखेला, जवना के चलते दिल के जादा खून पंप करे के पड़ेला। अयीसन कईला से दिल के मांसपेशी मजबूत हो जाले अवुरी खून के संचार भी निमन रहेला, जवन कि समग्र रूप से दिल के स्वास्थ्य खाती बहुत निमन बा। माने कि दिल से जुड़ल समस्या जइसे कि स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर आदि के संभावना कम हो जाला।वजन घटावे: मात्र एक घंटा साइकिल चलावे से लगभग 600 कैलोरी बर्न हो सकता। साइकिल चलावे के दौरान शरीर के ऊर्जा के जरूरत होखेला, जवन कि कैलोरी मिलेला अवुरी एकरा संगे-संगे शरीर के चर्बी भी कम होखे लागेला, जवन कि वजन घटावे में मदद करेला।मूड में सुधार करेला: साइकिल चलावे से शरीर में एंडोर्फिन यानी फीलिंग-गुड हार्मोन निकलेला, अवुरी तनाव के हार्मोन भी कम होखेला, जवन कि तनाव के कम करेला अवुरी मानसिक स्वास्थ्य के भी निमन राखेला।मांसपेशी के मजबूत करेला: साइकिल चलावे से पैर के सभ मांसपेशी मजबूत हो जाला, चाहे उ जांघ होखे, ओकर लचीलापन बढ़ जाला अवुरी ओकरा में मौजूद चर्बी भी कम होखे लागेला, जवना के चलते पैर Toned देखाई देवेलाजोड़ के स्वास्थ्य खाती निमन: साइकिल चलावे से जोड़ प ओतना असर ना पड़ेला, जेतना कि दौड़ला से होखेला, जवना के चलते घुटना अवुरी कमर के चाल चिकना हो जाला। आ जवना लोग के जोड़ के समस्या बा ऊ लोग साइकिल चलावे के काम भी आसानी से कर सकेला.त रउरा का इंतजार करत बानी? आज से साइकिल चलावल शुरू करीं, अवुरी स्वस्थ शरीर अवुरी दिमाग के संगे-संगे अपना शरीर के फिट राखी।Source:- 1. https://www.health.harvard.edu/blog/biking-and-sex-avoid-the-vicious-cycle-201209145290 2. https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/cycling-health-benefits
अच्छा स्वास्थ्य खातिर बढ़िया नींद अनिवार्य बा। ई बात कवनो नया बात नइखे बाकिर आधुनिक जीवन के गति मुश्किल से आराम आ सुते के समय देला.ठीक डाइट आ एक्सरसाइज के तरह, नींद मस्तिष्क के प्रदर्शन, मनोदशा अवुरी स्वास्थ्य में बढ़ोतरी खाती ओतने महत्वपूर्ण बा।पर्याप्त गुणवत्ता वाला नींद ना मिलला से दिल के बेमारी, स्ट्रोक, मोटापा अवुरी डिमेंशिया तक के बहुत बेमारी अवुरी विकार के खतरा बढ़ जाला।नींद हमनी के शरीर के मरम्मत के काम करेले।अच्छी नींद खातिर 7 गो टिप्स:नींद रोजमर्रा के दिनचर्या निहन लाग सकता लेकिन कबो-कबो हमनी के मदद के जरूरत होखेला अवुरी इ 7 टिप्स आपके नींद के बेहतर तरीका से मदद क सकता:रोज व्यायाम करीं : व्यायाम भा इहाँ तक कि रोज तेज पैदल चले से बस ना सिर्फ वजन कम करे में मदद मिलेला बालुक नींद भी ठीक होखेला। इ प्राकृतिक नींद के हार्मोन मेलाटोनिन के प्रभाव के बढ़ावेला।नींद खातिर बिस्तर आरक्षित करीं: एक बेर बिस्तर प आ गईला के बाद फोन कॉल, मेसेज, ईमेल के जवाब देवे, रील, टीवी चाहे youtube वीडियो देखे से परहेज करीं। आराम करीं आ सुते पर ध्यान दीं..कमरा के आरामदायक माहौल बनाईं: अपना कमरा के यथासंभव आरामदायक माहौल बनावे के कोशिश करीं। आदर्श रूप से ई शांत, अन्हार, ठंडा माहौल होखे के चाहीं। याद राखीं कि सुते के दौरान कमरा में टेलीविजन अवुरी स्मार्टफोन ना होखे के चाही इ असली विकर्षण ह।आपन नींद के एक ritual बनावल : ठीक ओसही जईसे जब हमनी के लईका रहनी जा अवुरी लोरी हमनी के नींद आवे में मदद करत रहे, ओसही सुते के समय के दिनचर्या कईल जईसे कि बड़ लोग भी अयीसन क सकतारे। चाहे उ गरम दूध पीयल होखे, किताब पढ़ल होखे, चाहे शांत संगीत सुनल होखे, इ सभ गतिविधि आपके शरीर के संकेत देवेले कि अब सुते के समय आ गईल बा। संगही, कोशिश करीं कि रोज एकही समय में सुते अवुरी जागल जाए। एहसे आपके शरीर के नींद के स्वस्थ पैटर्न में आवे में मदद मिलेला।सुते से पहिले समझदारी से खाना खाईं: भूख लागल होखे भा ओवरफुल होखल, दुनो आपके जागल राखे खातिर विचलित करे वाला हो सकता। सुते के दु से तीन घंटा के भीतर भारी खाना खाए से बची। अगर सुते से ठीक पहिले भूख लागल बा त नाश्ता तक संतुष्ट करे खातिर एगो छोट हेल्दी स्नैक खाईं।शराब अवुरी कैफीन से बचे के चाही: शराब अवुरी चॉकलेट सुते से पहिले स्नैक्स के हिस्सा ना होखे के चाही। चॉकलेट अवुरी शराब में मौजूद कैफीन उत्तेजक होखेला, जवना के चलते आपके तनिका नींद आवेला, लेकिन असल में इ रात के समय नींद में बाधा पहुंचावेला।तनाव मुक्त होखे:** तनाव एगो उत्तेजना ह जवन नींद के खिलाफ काम करेवाला लड़ाई-या-उड़ान के हार्मोन के सक्रिय करेला। कुछ आराम के तकनीक जईसे सांस लेवे के व्यायाम के इस्तेमाल करीं, जवन कि निमन नींद के बढ़ावा दे सकता अवुरी दिन के चिंता के भी कम क सकता।नींद में सुधार खातिर जीवनशैली में इ साधारण बदलाव के आजमाईं। हालांकि, जदी आपके खर्राटा, छाती चाहे गला में जलन, चाहे रात में बेचैनी जईसन लक्षण देखाई देता त आपके स्लीप एपनिया चाहे जीईआरडी जईसन स्थिति हो सकता। इ सब नींद में बाधा पहुंचा सकता अवुरी दिन में थकान महसूस क सकता। अइसना में सही निदान आ इलाज खातिर डाक्टर से सलाह लिहल जरूरी बा.Source:- 1. https://www.health.harvard.edu/newsletter_article/8-secrets-to-a-good-nights-sleep 2. https://www.nhlbi.nih.gov/files/docs/public/sleep/healthy_sleep.pdf
Shorts
खाना बनावे के तेल के दोबारा गरम करे के बुरा असर!
Mrs. Prerna Trivedi
Nutritionist
जाड़ा में संतरा खाये के स्वास्थ्य लाभ!
Mrs. Prerna Trivedi
Nutritionist
हल्दी के दूध पीये से बढ़िया नींद कईसे आवेला ?
Mrs. Prerna Trivedi
Nutritionist
इमली के फायदा?
Dr. Beauty Gupta
Doctor of Pharmacy