पैनिक अटैक्स: जानें लक्षण, कारण और बचाव के तरीके!
World Health Organization के अनुसार, panic disorder दुनिया भर में सबसे common mental health problems में से एक है। करीब 300 मिलियन से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं। यह भी अनुमान है कि हर साल दुनियाभर की करीब 2-3% जनसंख्या को panic disorder का सामना करना पड़ता है।
पैनिक अटैक के दौरान ऐसा महसूस हो सकता है कि जैसे आपकी सांस रुक रही है और आपको बहुत तेज़ डर लग रहा है।
पैनिक अटैक क्या है?
अचानक तेज़ डर या बेचैनी महसूस होना ही पैनिक अटैक कहलाता है। इस दौरान कुछ physical और emotional symptoms होते हैं, जैसे:
- दिल का तेज़ धड़कना
- पसीना आना
- सांस लेने में परेशानी
- सीने में दर्द
- उल्टी जैसा महसूस होना
- चक्कर आना
- डर और चिंता
लेकिन अच्छी बात ये है कि पैनिक अटैक्स को मैनेज करने के कुछ आसान और असरदार तरीके हैं।
पैनिक अटैक को मैनेज करने के तरीके:
दीप ब्रीदिंग (Deep Breathing):
4-7-8 ब्रीदिंग टेक्नीक पैनिक अटैक के दौरान सांस तेज़ और उथली हो जाती है, जिससे chest tightness हो सकता है। ऐसे में धीरे-धीरे 4 सेकंड तक सांस लें, फिर 7 सेकंड तक रोकें और धीरे-धीरे 8 सेकंड तक सांस छोड़ें। इसे ज़रूरत पड़ने पर दोहराएं। इससे काफी राहत मिल सकती है।
ग्राउंडिंग टेक्नीक (5-4-3-2-1 Technique):
अपने senses का इस्तेमाल करें ताकि आपका ध्यान stress से हट सके। इसके लिए आस-पास की 5 चीजें देखें, 4 चीजें छुएं, 3 आवाज़ें सुनें, 2 चीजें सूंघें और 1 चीज़ taste करें। यह तकनीक माइंडफुलनेस का हिस्सा है और anxiety कम करने में मदद करती है।
पॉजिटिव अफर्मेशन (Positive Affirmations):
खुद से कुछ positive बातें कहें, जैसे "मैं सेफ हूँ," "यह feeling जल्दी गुजर जाएगी," या "मैं स्ट्रॉन्ग हूँ।" ये बातें आपको नेगेटिव थॉट्स से बाहर आने में मदद करती हैं। जब आप खुद को बार-बार positive बातें कहते हैं, तो आपका mind और body धीरे-धीरे relax होने लगते हैं।
शांत जगह की कल्पना करें (Imagine a Calm Place):
अपनी आंखें बंद करें और खुद को किसी शांत और सुकून वाली जगह पर सोचें। वहां के visuals, sounds, और फीलिंग्स को imagine करें। इससे पैनिक सिम्पटम्स कम हो सकते हैं और आपको शांति महसूस होगी।
सपोर्ट लें (Seek Support):
अपनों से बात करें: अपनी feelings किसी ऐसे इंसान से शेयर करें जिस पर आप भरोसा करते हैं। किसी से बात करने से काफ़ी comfort मिलता है।
प्रोफेशनल हेल्प लें: Cognitive Behavioral Therapy (CBT) जैसी थेरेपी लें, जिससे आप बेहतर coping strategies सीख सकें। कुछ मामलों में medication भी मदद कर सकता है।
अगर आप पैनिक अटैक्स को ट्रिगर करने वाली चीजों को समझ लें और उनसे बचना सीख जाएं, तो उनकी frequency और intensity कम हो सकती है।
याद रखें, आप अकेले नहीं हैं। सही support और सही techniques की मदद से आप पैनिक अटैक्स को मैनेज कर सकते हैं और एक खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं।
Source:- https://www.medicalnewstoday.com/articles/321510
यह जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. अपने उपचार में कोई भी बदलाव करने से पहले अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें। मेडविकी पर आपने जो कुछ भी देखा या पढ़ा है, उसके आधार पर पेशेवर चिकित्सा सलाह को अनदेखा या विलंब न करें।
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