Narcissists की पहचान कैसे करें? Narcissism के 9 लक्षण और उपचार!
अपने आप को चाहना या पसंद करना या फिर सिर्फ अपने ही बारे में सोचना और या अपने आप को सबसे अच्छा समझना यह आजकल बहुत common हो गया है. हमें यहां पर समझना यह है कि अपने आप को चाहने या पसंद करने में कोई बुराई नहीं है लेकिन जब कोई इस हद तक अपने को पसंद करने लगता है कि उसे बाकी हर कोई अपने से खराब लगने लगे, तो यह सिर्फ अपने आप को पसंद करना नहीं actually एक disorder हैनार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर क्या है? जानें इसके प्रमुख लक्षणवह अपनी बहुत self importance feel करते हैं: उन्हें लगता है कि वह सबसे important है और वह दूसरों से बात करके उन पर बहुत एहसान कर रहे हैंवह एक fantasy world में रहते हैं, उन्हें लगता है कि वह सबसे ज्यादा अच्छे हैं, उनके पास सबसे ज्यादा पावर है या वह हर चीज में सबसे बेस्ट हैवह अपने आप को बहुत special और unique समझते हैं और इसीलिए वह आम लोगों से रिश्ता बना कर रखना भी नहीं चाहतेवह बहुत ज्यादा तारीफ के भूखे होते हैं. उनकी जितनी भी तारीफ करें उन्हें कम ही लगती है क्योंकि उन्हें लगता है कि वह इतने अच्छे हैं कि तारीफें भी उनके लिए कम हैवह अपने आप को एक special title देना पसंद करते हैं जैसे कि गुरु, राजा, गुरु मां. जबकि उनमें ऐसी कोई खास बातें नहीं होती बस वह ऐसा महसूस करते हैंवह दूसरों को exploit करते हैं, जैसे दूसरों से जरूर से ज्यादा अपना काम निकलवाना और फिर भी उन्हें value ना करनावह दूसरे की feelings को कुछ value नहीं देते. चाहे उनके सामने कोई रो रहा हो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़तावह दूसरों से बहुत jealous feel करते हैं और हमेशा यही दिखाते हैं कि दूसरे उनसे jealous हो रहे हैं क्योंकि वह अपनी कमी कभी accept नहीं कर सकतेवह लोग बहुत घमंडी और attitude वाले होते हैं. वह किसी से सीधे मुंह बात तक करना पसंद नहीं करतेअगर इन नौ में से कोई पांच criteria भी match कर जाएं और उस व्यक्ति की age 18 years से ऊपर हो तो उसे यह disorder होने के chances बहुत ज्यादा हैंइसलिए अगर आपको अपने या अपने किसी में ऐसे कुछ symptoms दिखें तो कृपया psychologist से संपर्क करें. क्यूंकि इसकी वजह से relationships पे बहुत खराब impact पड़ता है.कोई भी इस disorder से बाहर निकल कर अपनी लाइफ वापस balance कर सकता है. So, please किसी की भी help करने से पीछे ना हटेंSource:-1. https://www.health.harvard.edu/blog/biking-and-sex-avoid-the-vicious-cycle-201209145290 2. https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/cycling-health-benefits
Migraine सिरदर्द के कारण, लक्षण और उपचार
Migraine एक pulsating सिरदर्द है, जो आमतौर पर medium से severe तीव्रता में देखा जाता है और यह अक्सर जीवन भर रहता है। उपचार न किए जाने पर इसके लक्षण 4 से 72 घंटों तक रहते हैं।Migraine attack में आम तौर पर ऐसा सिरदर्द होता है, जोमध्यम/गंभीर तीव्रता का होसर के एक तरफ या आंखों के पीछे होPulsating प्रभाव का होशारीरिक गतिविधि से बढ़ जाता होLight और sound के प्रति sensitive होसिरदर्द के साथ उल्टी आती होMigraine सिरदर्द के बढ़ने के कारण:इसके कारण हर किसी में अलग हो सकते हैं। 3 मुख्य कर्म में शामिल हैं:Environmental changes:i)मौसम में अचानक बदलावii) बहुत अधिक सो जाना या पर्याप्त नींद न लेनाiii) तेज़ खुशबूiv) तेज़ आवाज़ या तेज़/चमकती रोशनीv) समय पर खाना ना खाना 2. Mental Health concerns:i) हमारी भावनाएँii) तनावiii) अवसादiv) चिंता 3. Medical reasons:i) Motion sicknessii) Low blood sugariii) हार्मोनल changesiv) ) बहुत अधिक परिश्रमMigraine होने की सबसे अधिक संभावना किसे होती है?दुनिया भर में करीब 1.1 billion लोग migraine के सिरदर्द से पीड़ित हैं।Migraine बच्चों और adults दोनों में होता है। लेकिन देखा गया है कि adult महिलाओं को migraine पुरुषों की तुलना में तीन गुना ज्यादा होता हैं। महिलाओं में, migraine अक्सर हार्मोन में बदलाव से संबंधित होता है।Migraine का इलाज:लक्षणों से राहत देना और बहुत ज्यादा attacks को रोकना ही migraine का मुख्य उपचार है। लक्षणों को कम करने के लिए कुछ सुझाव:एक कप कॉफ़ीकिसी शांत, अँधेरे कमरे में आँखें बंद करके झपकी लेना या आराम करनामाथे पर ठंडा कपड़ा/ ice pack रखेंबहुत सारा liquid पीनाMigraine के प्राकृतिक उपचार में विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन), मैग्नीशियम, कोएंजाइम Q10 और एक औषधीय पौधा बटरबर शामिल हैं।Migraine का औषधीय उपचार:Migraine के लिए दो अलग-अलग प्रकार की दवाएं हैं:Acute दवाएँ: दर्द के लक्षण दिखते ही, राहत के लिए ली जाती है।Preventive दवाएँ: भविष्य में होने वाले attacks और उनकी severity को कम करने के लिए प्रतिदिन ली जाती हैं।Lifestyle में बदलाव जो Migraine के हमलों को कम करने या रोकने में मदद कर सकते हैं:व्यायामसिरदर्द करने वाले भोजन/पेय पदार्थों से परहेज करेंनियमित रूप से निर्धारित भोजन करेंपर्याप्त fluids लेंरोजाना अच्छे सेऔर पूरी नींद लेस्वस्थ वजन बनाए रखेंMigraine से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को सिरदर्द के समय effective treatment की जरूरत होती है। हमारे आसान तरीके आज़माएं और बार-बार होने वाले इस दर्द से छुटकारा पाएं।Source:-1. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC8904749/ 2. https://www.ninds.nih.gov/health-information/disorders/migraine
ज़्यादा पुरुष suicide क्यों करते हैं महिलाओं की तुलना में? | Males क्यो suicide करते हैं?
क्या आपको पता है कि suicide से मरने वाली females से 3-4 गुना ज़्यादा suicide से मरने वाले males की संख्या है। दुनिया में हर 11 minute में एक इंसान suicide से मरता है। और WHO के मुताबिक़ दुनिया भर के total suicide cases में 70-80% males होते हैं। असल में females males से ज़्यादा suicide attempt करती हैं, लेकिन suicide से मरते ज़्यादा males हैं। ऐसा क्यों है, जानने के लिए पूरा video देखिए, मैं आगे ये भी बताऊंगी।आख़िर males क्यों suicide करते हैं?इसके पीछे हमारा समाज और उसकी सोच है।हमारे society में आदमियों के लिए सदियों से चली आ रही है एक धारणा, "मर्द बनो", "तुम मर्द हो", "तुम्हें बहुत strong होना चाहिए", "मर्द रोते नहीं हैं", और सबसे famous dialogue जो हम सबके favourite Amitabh Bachchan जी का है… बिल्कुल सही समझे हैं…"मर्द को दर्द नहीं होता"।Society के इन सब expectations की वजह से आदमी खुल के बात नहीं कर पाते, किसी से अपनी problem अपना दर्द share नहीं पाते, क्योंकि ऐसे करने से वो मर्द नहीं रहेंगे न… यहाँ तक कि घर में कोई माँ भी अपनी बेटी से ज़्यादा बात करती है अपने बेटे के मुक़ाबले, जिसके कारण उनको अपनी बेटी की problem तो समझ आ जाती है, लेकिन बेटे की problem काफ़ी कम पता चलता है। Actually males को physically strong होने के साथ emotionally strong होने को भी कहा जाता है, जिसके कारण males बहुत कम expressive होते हैं, लेकिन वो भी तो इंसान हैं, उसे भी stress तो होती होगी, रोने का मन करता होगा। ये सब के कारण males में mental problems जैसे depression, anxiety develop होती है और suicide का risk बढ़ जाता है।किन कारणों से males suicide करते हैं?Suicide करने का सबसे common reason relationship issues, heartbreak, financial issues और unemployment यानी बेरोज़गारी और ये सारे problems किसी से share न कर पाना या फिर किसी से support न मिलना पाया गया है।अब बात करते हैं, क्यों suicide से males ज़्यादा मरते हैं?World Health Organisation (WHO) और CDC की report के मुताबिक़, males बहुत जानलेवा तरीके अपनाते हैं suicide करने का। Suicide के death cases में 50% males ने किसी हथियार का use किया है जैसे rifle या gun से ख़ुद को shoot कर लिया हो। इसके पीछे का reason ये है कि males में दर्द सहने की क्षमता ज़्यादा होती है, जिसके कारण वो ऐसा क़दम उठाते हैं कि उनको बचाने का मौक़ा तक नहीं मिलता। इसके अलावा males ख़ुद को फांसी लगा लेते हैं, तो कभी ज़हर खा लेते हैं, या किसी medicine का overdose लेके भी suicide attempt करते हैं।इस video से एक ही message सब तक पहुँचाना चाहती हूँ कि please मर्दों को भी इंसान समझ के उनको support और care दीजिए, उनके emotions की क़दर करें, उनकी problems को सुनें और उनकी help करें। कोई भी इतना strong नहीं होता कि उसे किसी की support की ज़रूरत ही न पड़े।Source:-1. https://www.cdc.gov/suicide/facts/data.html 2. https://www.who.int/data/gho/data/themes/mental-health/suicide-rates
Working Moms: तनाव कैसे कम करें?
2022 में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 38% कामकाजी माताओं ने पूर्ण मानसिक और भावनात्मक टूटन का अनुभव किया, और 55% कामकाजी माताओं को बार-बार भावनात्मक और मानसिक टूटन या कार्यस्थल पर बर्नआउट का सामना करना पड़ा।क्या आप एक कामकाजी माँ हैं? तो आपको इससे संबंधित होना चाहिए: सुबह 5 बजे उठना, खुद को तैयार करना, अपने बच्चों के लिए भोजन तैयार करना, उन्हें स्कूल भेजना, फिर 8 घंटे के कार्यदिवस के लिए कार्यालय जाना। घर वापस आकर, आप बिना किसी ब्रेक के सीधे घर के कामों में लग जाती हैं, और इससे पहले कि आप कुछ समझ पातीं, रात हो जाती है।एक बार फिर, आपको अपने बच्चे के साथ खेलने या उनके साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने का मौका नहीं मिला, और आप इसके बारे में सोचते-सोचते सो जाती हैं क्योंकि कल भी यही दिनचर्या आपका इंतजार कर रही है।हर दिन, अपने परिवार, बच्चों, पति और कार्यालय की विविध मांगों को पूरा करने की कोशिश करते हुए, आप अक्सर अपना ख्याल रखना भूल जाती हैं। इतना सब कुछ संभालने के बाद, जब कोई आपकी सराहना नहीं करता, या कोई कहता है कि आप अपने बच्चे की परवरिश ठीक से नहीं कर रहे हैं, या परिवार और बच्चों की देखभाल की ज़िम्मेदारियों के कारण आप अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहे हैं, तो यह तनाव बर्नआउट में बदल जाता है।इसे भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक टूटन के रूप में भी जाना जाता है। तो, आप अपनी नौकरी और तनाव के बिना अपने बच्चे की देखभाल के बीच संतुलन बनाने के लिए क्या कर सकते हैं? यह आसान है, बस इन 5 नियमों का पालन करें:1. एक सख्त दिनचर्या की योजना बनाएँ जहाँ आप घर के काम और दफ़्तर के काम के लिए अलग-अलग समय निर्धारित करें। इससे एक सीमा बनती है: दफ़्तर के समय कोई घर का काम नहीं और घर के समय कोई दफ़्तर का काम नहीं।2. नियम है अपने लिए समय निकालना। अगले दिन के कामों की योजना रात को ही बना लें, किराने का सामान ऑनलाइन मंगवा लें या अनावश्यक सामाजिक कार्यक्रमों से मना कर दें। इस समय का उपयोग खुद का ख्याल रखने में करें।3. नियम है काम के कारण सही पालन-पोषण न कर पाने या अपने परिवार को पर्याप्त समय न दे पाने के लिए अपराध-बोध को छोड़ देना। दूसरों से अपनी तुलना न करें या किसी और की अपेक्षाओं से अपनी कीमत न आँकें। इसके बजाय, स्वीकार करें कि आप एक अच्छी माँ हैं।4. नियम है "नहीं" कहना सीखना। बहुत से लोगों को "नहीं" कहना मुश्किल लगता है क्योंकि उन्हें नापसंद किए जाने की चिंता होती है। हालाँकि, अगर आपको पता है कि कोई खास काम करना या किसी दोस्त के साथ बाहर जाना आपकी निजी ज़िंदगी से कम महत्वपूर्ण है, तो "नहीं" कहना ठीक है। इसमें कोई समस्या नहीं है।5. नियम है कि अपने काम का बोझ अपने साथी, अपने पति के साथ बाँटें। वे आपकी काफ़ी मदद कर सकते हैं, जिससे आपका तनाव कम हो सकता है।Source:- 1. https://link.springer.com/article/10.1007/s10826-017-0892-4 2. https://www.researchgate.net/publication/312566114_DETERMINANTS_OF_WORK-LIFE_BALANCE_FOR_WORKING_MOTHERS
अपने बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य से निपटने के लिए आप जो 5 बेहतरीन चीज़ें कर सकते हैं
Parenthood: क्या यह आसान है या मुश्किल? माता-पिता के लिए अलग-अलग समय पर यह एक अलग एहसास हो सकता है, किंतु बच्चों के लिए माता-पिता ही सब कुछ होते हैं। वह अपने माता-पिता को एक देवदूत की तरह देखते हैं जो उनके लिए सब कुछ सुलझा सकते हैं।एक parent होने के नाते मैं आपकी स्थिति को पूरी तरह समझती हूं और यह भी जानती हूं कि मेरी तरह सभी मां-बाप के लिए अपने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य से ऊपर कुछ भी नहीं है।यह 5 टिप्स आपको अपने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने में मदद करेंगी:बच्चों को सुने और उन्हें प्रोत्साहित करें: सुनिश्चित करें कि बच्चे हमेशा आपसे अपने विचार और भावनाओं के बारे में आसानी से बात कर सके। उनकी बातों का सकारात्मक (positive) रूप से जवाब दें। उन पर हमेशा विश्वास करें एवं धैर्य रखें।बच्चों पर पूरा ध्यान दें: बच्चों से बात करते समय उनसे आंखों का संपर्क बनाए रखें। उसे दौरान अपने मोबाइल या टीवी पर ध्यान बिल्कुल ना दे।बच्चों की रुचि को अपनी रुचि बनाएं: बच्चों के साथ उनके पसंदीदा टीवी शो संगीत या किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के बारे में बात करें। खाना पकाने या योग जैसी चीज उनके साथ में करें। इससे आपको अपने बच्चों के करीब जाने में मदद मिलेगी।बच्चों को पुरस्कार दें एवं प्रोत्साहित करें: बच्चों के कुछ अच्छा करने पर हमेशा उनकी प्रशंसा करें। उनके लिए एक सकारात्मक role model बनें। उन्हें बताएं कि भावनात्मक होने में कुछ भी गलत नहीं है, उन्हें बताएं कि प्यार, गुस्सा, खुशी और दुख इन सभी को जब भी वह महसूस करें, उसे आपके साथ व्यक्त जरूर करें।पारिवारिक नियम बनाएं: आपसी समझ से तय किए गए नियम बच्चों को सुरक्षित महसूस कराते हैं। नियमों के पालन पर बातचीत करने से चिंता, गुस्सा और अविश्वास कम हो सकता है। बच्चों के साथ टीम बनाकर कुछ कार्य करें जिससे आप दोनों का समय साथ में व्यतीत हो सके।अक्सर देखा गया है कि बहुत सी परेशानियां तो सबके साथ बैठने और मिलकर समस्याओं का समाधान ढूंढने से ही हल हो जाती है। कभी-कभी परेशानियां उतनी बड़ी होती नहीं है जितना हम उन्हें बना देते हैं। आई आज अपने आप को बदले और अपने बच्चों को मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद करें।
बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए 5 खाद्य पदार्थ| 5 खाद्य पदार्थ जो बढ़ाते हैं दिमाग की शक्ति!
बड़ी पुरानी कहावत है, “You are what you eat”. इसका मतलब साफ है, आपके brain और पेट का काफी strong relation है। और इन दोनों को एक साथ link करता है एक nerves जिसे vagus nerves कहते है। Vagus nerve के through ये दोनों में messages transfer होते है।यकीन नहीं होता, आइये एक example से समझते है।जब भी आपका कोई exam होता है, आपको nervousness feel होता है, लेकिन साथ ही पेट में भी अजीब सा दर्द होने लगता है, और कभी तो diarrhea भी हो जाता है। होता है ना?अब सोचिये, जब भी आपको बहुत भूख लगती है, तो साथ में गुस्सा क्यों आने लगता है?ये इसलिए क्यों कि brain और gut एक दूसरे से related होते है। तो सोचने वाली बात है, हम अगर अच्छा और healthy खायेंगे तो brain भी healthy होगा।आइये जानते है 5 Superfoods के बारे में जो आपके mental health के लिए बहुत अच्छे है:Avocados: Avocado में vitamin B3, B5, B9, vitamin C और vitamin E की भरपूर मात्रा होती है। इन vitamins का काफी important role होता है, brain के nerves को healthy और protected रखने में, neurotransmitters को produce करने में, और brain में blood flow maintain करने में।Eggs: Eggs में vitamin B1,2,3,6 और 12 होते है जो brain को normally function करने में help करते है। साथ ही eggs में choline और leitin होता है, जो आपकी memory power को increase करता है।Walnuts: Walnuts ya Akhrot में भरपूर मात्रा में antioxidants होते है जो brain को damage से बचाते है और memory और learning को बढ़ाते है और dementia यानी यादाश खो जाने वाली बीमारी से बचाता है।Salmon: Salmon एक fish है जिसमें Omega 3 fatty acids होते है, जो brain को damage से protect करते है, और इसमें रहे antioxidants आपके brain को उम्र के साथ होने वाली mental problems से बचाता है।Blueberry: Blueberries में हर fruit से antioxidants की मात्रा ज्यादा होती है। और ये antioxidants आपके brain की memory को improve करता है और brain को young रखता है।source.. https://www.researchgate.net/publication/343534587_The_effect_of_food_on_mental_health
Maa-Papa mujhe aapse kuch kehna hai!
DRx अश्विनी सिंह
मास्टर इन फार्मेसी
Trauma पीड़ितों की सहायता के लिए सबसे पहले ये कदम उठाएं, घबराएं नहीं|
श्रीमती प्रेरणा त्रिवेदी
एमएससी पोषण
Narcissistic Personality Disorder: All about loving oneself!
श्रीमती प्रेरणा त्रिवेदी
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