आयुर्वेद और हाइपरपिगमेंटेशन!
- हाइपरपिगमेंटेशन सबसे common skin disorder है, जिसमें त्वचा dull और नीले-काले धब्बों के साथ बन जाती है।
- मेलेनिन त्वचा का natural pigment है, जो मेलानोसाइट्स नामक cells द्वारा निर्मित होता है।
- हाइपरपिगमेंटेशन को आयुर्वेद में "व्यंग" के नाम से जाना जाता है, जो पित्त और कफ दोषों के असंतुलन और blood related problems के कारण होता है।
- अधिक मेलेनिन के उत्पादन के कारक शामिल हैं: Sun Exposure, Hormonal Changes, Inflammation and Injury, Genetic Factors, Age, Chemicals and Medications।
- आयुर्वेदिक उपचार जैसे अभ्यंग, आयुर्वेदिक लेप, और lifestyle में बदलाव हाइपरपिगमेंटेशन के इलाज में मददगार हो सकते हैं।
Source:- Rathee, P., Kumar, S., Kumar, D. et al. Skin hyperpigmentation and its treatment with herbs: an alternative method. Futur J Pharm Sci 7, 132 (2021). https://doi.org/10.1186/s43094-021-00284-6
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