आर्टिफिशियल फीड बच्चा खातिर काहे ना दिहल जाव?
हर महतारी अपना बच्चा के बेहतरीन स्वास्थ्य अवुरी पोषण सुनिश्चित कईल चाहतारी। कुछ महतारी के लागेला कि स्तनपान थकाऊ काम ह। एहसे उ लोग आर्टिफिशियल दूध शुरू करे के योजना बनावत बाड़े, जवना के मकसद बा कि उ स्तन के दूध निहन स्वस्थ होखे।
का आर्टिफिशियल दूध से पियाबल बच्चा ओतने स्वस्थ होई जतना कि स्तन के दूध से दूध पियावल बच्चा? ना,
काहे अइसन बा?
1. आर्टिफिशियल दूध पियावे वाला बच्चा के दस्त चाहे अवुरी संक्रमण से बेमार होखे के संभावना जादे होखेला।
2. आर्टिफिशियल दूध बनावे में बहुत समय के जरूरत होखेला, जबकि स्तन के दूध हमेशा उपलब्ध रहेला।
3. बच्चा के कम संतुलित पोषक तत्व/ बहुत कम दूध/ बहुत पतला दूध मिलेला अवुरी ओकरा पोषण के कमी हो सकता।
4. बच्चा के ओवर फीड हो सकता अवुरी मोटापा हो सकता।
5. आर्टिफिशियल दूध बच्चा खातिर पचावल आसान ना होखेला।
6. हो सकेला कि बच्चा के मानसिक रूप से एतना बढ़िया विकास ना होखे अवुरी इंटेलिजेंस कोटिएंट प कम स्कोर हो सकता।
एहसे सलाह दिहल जाला कि कवनो बच्चा के आर्टिफिशियल दूध ना पियाबे के चाही। पहिला 6 महीना तक सिर्फ स्तन के दूध अवुरी घर में बनल खाना के संगे-संगे 6 महीना से 2 साल के उमर तक के स्तन के दूध से हर बच्चा के सबसे निमन स्वास्थ्य अवुरी पोषण सुनिश्चित होखेला।
Source:-
1. Milk and Protein Intake by Pregnant Women Affects Growth of Foetus
2. The potential of a simple egg to improve maternal and child nutrition
Disclaimer:-This information is not a substitute for medical advice. Consult your healthcare provider before making any changes to your treatment. Do not ignore or delay professional medical advice based on anything you have seen or read on Medwiki.
ई जानकारी मेडिकल सलाह के विकल्प ना ह। अपना इलाज में कवनो बदलाव करे से पहिले अपना स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं। मेडविकी पर देखल भा पढ़ल कवनो बात के आधार पर पेशेवर चिकित्सा सलाह के अनदेखी भा देरी मत करीं.
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