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क्या आपके बच्चे को Calcium की कमी हो रही है? लक्षण और समाधान जानें!

आज हम जानेंगे कि बच्चों में calcium की कमी यानी hypocalcemia के लक्षण को कैसे पहचानें?सबसे पहले समझते हैं कि hypocalcemia होता क्या है?हम सभी जानते हैं कि Calcium हमारे शरीर के लिए बहुत ज़रूरी होता है। Hypocalcemia एक ऐसी समस्या है जिसमें calcium की मात्रा बहुत कम हो जाती है। । Calcium हड्डियों और दांतों को तो मजबूत बनाता ही है इसके साथ साथ, यह हमारी नसों (nerves), मांसपेशियों (muscles) और दिल (heart) को भी सही से काम करने में मदद करता है।अगर किसी बच्चे के शरीर में calcium बहुत कम हो जाता है, तो वह गंभीर तरीके से बीमार पड़ सकता है। इतना ही नहीं, अगर इसका इलाज न किया जाए, तो बच्चे को आगे चलकर हड्डियों और नसों से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं।अब जानते हैं कि बच्चों में Calcium की कमी क्यों हो जाती है?Calcium की कमी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे-1. खान-पान में Calcium की कमी – अगर बच्चे को सही nutrition नहीं मिल पा रहा है, तो उसके शरीर में calcium की मात्रा कम हो सकती है।बच्चों को घर पर milk powder से बना baby formula या बहुत पतला दूध पिलाने से calcium की मात्रा कम हो सकती है।एक साल से छोटे बच्चे को गाय का दूध, बकरी का दूध या किसी और जानवर का दूध देने से भी यह समस्या हो सकती है।सबसे अच्छा दूध माँ का दूध होता है और उसके बाद बाजार में मिलने वाला baby formula होता है, क्योंकि इसमें calcium और बाकी ज़रूरी nutrients सही मात्रा में होते हैं।2. Vitamin D की कमी – शरीर में calcium को absorb होने के लिए Vitamin D की जरूरत होती है।Baby formula में Vitamin D पहले से मिला होता है। लेकिन, जो बच्चे सिर्फ माँ का दूध पीते हैं, उन्हें अलग से Vitamin D की दवा देने की जरूरत पड़ सकती है।3. शरीर में जरूरी Hormones की कमी – हमारे शरीर में Parathyroid और Calcitonin नाम के hormones मौजूद होते हैं, जो calcium की मात्रा को control करते हैं। अगर यह hormones कम हो जाए, तो शरीर में calcium भी कम हो सकता है।4. कुछ बीमारियाँ – कभी-कभी newborn babies में neonatal hypocalcemia नाम की समस्या होती है, जिससे शरीर में calcium levels disturb हो सकते हैं।छोटे बच्चे, जो समय से पहले पैदा हुए हों, जिनका जन्म के समय वजन कम हो, या जिनकी माँ को diabetes हो, उनमें hypocalcemia होने का खतरा ज्यादा रहता है।अब समझते है कि Calcium की कमी के लक्षण क्या होते हैं?अगर किसी बच्चे में calcium की कमी हो रही है, तो वह—बहुत चिड़चिड़ा हो सकता है।दूध पीने के बाद उल्टी कर सकता है या दूध ठीक से नहीं पीता।बहुत कमजोर या सुस्त हो जाता है।बहुत slow और शांत लग सकता है।उसके हाथ पैर में कंपन महसूस होती है।और, उसे कभी-कभी दौरे भी आ सकते हैं।कुछ बच्चों में calcium की कमी की वजह से rickets नाम की बीमारी भी हो सकती है। इसमें हड्डियाँ कमजोर और मुलायम हो जाती हैं।इस बीमारी से अपने बच्चे को बचाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?हर बार calcium की कमी को रोका नहीं जा सकता, लेकिन हम कुछ ज़रूरी बातों सकते हैं, जैसे:बच्चे को माँ का दूध या सही formula से बना दूध ही पिलाएँ।एक साल से पहले गाय का दूध, बकरी का दूध या कोई और जानवर का दूध बिलकुल न दें।अगर बच्चा सिर्फ माँ का दूध पी रहा है, तो doctor से consult करके बच्चे को Vitamin D की दवा देना शुरू करें।और, अगर आपका बच्चा सूस्त सा लग रहा है, दूध ठीक से नहीं पी रहा, बहुत रो रहा है या उसे दौरे पड़ रहे हैं, तो देरी न करें और doctor से तुरंत consult करें।Source:- 1.https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC9526821/2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK56060/3. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK549792/4. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK430912/5. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC9311836/

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Healthy तरीके से बच्चों का वज़न कैसे बढ़ाएँ? सही Diet और Tips जानें!

आज हम एक बहुत ही ज़रूरी topic पर बात करने वाले हैं—बच्चों का healthy तरीके से वज़न कैसे बढ़ाएं?कई बार ऐसा होता है कि बच्चे अच्छे से खाते हैं, लेकिन फिर भी उनका वज़न नहीं बढ़ता। और ये कोई चिंता की बात नहीं है! बस हमें उनकी body को सही तरीके से energy देने की ज़रूरत है—और वो भी healthy foods के साथ!तो, चलिये जानते हैं कि बच्चों का वज़न बढ़ाने के लिए उन्हें क्या खिलाया जाए?Power-Packed CarbsCarbohydrates बच्चों की body के लिए fuel की तरह होते हैं। उनकी body को grow करने के लिए carbs चाहिए! तो कौन-कौन से foods carbohydrates के सबसे अच्छे option हैं?आलू (Potatoes) – इसे आप mash कर सकते हैं, bake कर सकते हैं या फिर crispy potato wedges बना सकते हैं! थोड़ा butter या cheese डालने से यह और भी tasty और फायदेमंद बन जाएगा।चावल (Rice) – चावल नर्म होता है, आसानी से खाया जा सकता है और यह बहुत energy भी देता है! इसे दाल, सब्ज़ियों के साथ या दही में मिलाकर अपने बच्चों को ज़रूर खिलायें!Bread – Whole wheat या multigrain bread सबसे अच्छी होती है। इस पर cheese, peanut butter या केले के slices लगाकर अपने बच्चों को खिलायें—स्वाद भी अच्छा और वज़न बढ़ाने में भी मदद करेगा।Healthy FatsFats कम मात्रा में भी ज़्यादा energy देते हैं! लेकिन अपने बच्चों को healthy fats खिलाएँ, unhealthy fats नहीं। तो, healthy fats को बच्चों की diet में कैसे शामिल करें?Cheese – इसे आप whole wheat sandwich, whole wheat pasta या दाल-चावल पर डाल सकते हैं। Cheese खाने को creamy और nutritious भी बनाता है!दूध और Dairy Products – सिर्फ सादा दूध पीने की बजाय, इससे दलिया बनाइए! इसमें बादाम और काजू डालकर इसे आप और healthy बना सकते हैं।Nuts and Nut Butters – Peanut butter या almond butter को whole wheat toast पर लगाकर अपने बच्चों को खिलाएँ। आप अपने बच्चों को सुबह breakfast के साथ भीगे हुए बादाम और काजू भी दे सकते हैं। ये super healthy और energy से भरपूर होते हैं!High-Calorie Drinksकई बार बच्चों को खाना खाने से ज़्यादा कुछ पीना पसंद होता है! ऐसे में आप उनके लिए कुछ healthy और tasty बना सकते हैं—Milkshakes – दूध में केला, आम या strawberry मिलाकर delicious shake बनाइए! थोड़ा सा शहद (honey) डालकर इसे और भी टेस्टी बनाया जा सकता है।Smoothies – Yogurt में केला, सेब या खजूर मिलाकर एक healthy snack तैयार करें!लस्सी – दही, थोड़ा सा शहद और पानी मिलाकर ठंडी-ठंडी लस्सी बनाइए। यह tummy को cool रखती है और body को strong बनाती है!Smart Snackingकई बार बच्चे heavy meals नहीं खाना चाहते, लेकिन small meals भी healthy weight gain में मदद कर सकते हैं।Yogurt with fruits – Yogurt में केला या सेब के टुकड़े मिलाकर अपने बच्चों को खिलाएँ।Whole wheat Breadsticks with cheese dip – ये एक fun snacks है, जो बच्चों को carbs और fats दोनों देता है!Mini whole wheat sandwiches – Peanut butter और cheese के साथ छोटे-छोटे sandwiches बनाएँ। ये खाने में आसान और energy से भरपूर होते हैं।Don’t Forget Vitaminsखाने की मात्रा बढ़ाना ज़रूरी है, लेकिन बच्चों की body को उसे properly use करने के लिए vitamins और minerals भी तो चाहिए!फल और सब्ज़ियाँ – बच्चों को रोज़ colourful fruits और vegetables खिलाइए। ये body को सभी ज़रूरी vitamins देते हैं!अंडे (Eggs) – अंडों में protein और vitamins होते हैं जो बच्चों को मजबूत बनाते हैं।Dry Fruits – भीगे हुए बादाम, किशमिश और काजू खाने से बच्चों को iron और healthy fats मिलते हैं, जो वज़न बढ़ाने में मदद करते हैं।खाने को Healthy बनाने के कुछ आसान तरीके।छोटे-छोटे Meals खिलाते रहें और बहुत ज़्यादा भूख लगने का इंतज़ार मत करें!अलग-अलग foods try करें। बच्चों को एक ही चीज़ बार-बार खाने से बोरियत होती है।पानी सही मात्रा में पिलाएँ। यह हमारी body को खाना properly digest करने में मदद करता है।तो दोस्तों, healthy खाना बच्चों के लिए boring नहीं होता—बस हमें इसे मज़ेदार और tasty बनाना होता है! इन simple tips को follow करें और अपने बच्चों को healthy और strong बनायें।Read Also:- https://medwiki.co.in/post/natural-ways-to-boost-a-childs-immunity-hiSource:- 1. https://www.nhslanarkshire.scot.nhs.uk/services/weight-management-service/child-and-young-person-healthy-weight/2. https://www.uhs.nhs.uk/Media/UHS-website-2019/Patientinformation/Childhealth/Tips-to-help-your-child-maintain-a-healthy-weight-2532-PIL.pdf3. https://www.nhs.uk/live-well/healthy-weight/managing-your-weight/healthy-ways-to-gain-weight/4. https://www.nhs.uk/live-well/healthy-weight/childrens-weight/how-to-help-your-child-gain-weight/5. https://www.kentcht.nhs.uk/leaflet/how-to-fortify-food-for-children/

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बच्चों के कान दर्द को ठीक करने के लिए अपनाये ये 5 घरेलू नुस्ख़े!

छोटे बच्चों को अक्सर कान में दर्द की समस्या होती है, जिससे वे काफी चिड़चिड़े हो जाते हैं और ठीक से सो भी नहीं पाते। कभी ये दर्द हल्का होता है तो कभी बहुत तेज़!बच्चों में कान के दर्द को कम करने के 6 असरदार तरीके1. ठंडी सिकाई करेंठंडी सिकाई से कान में हो रहे दर्द और सूजन में आराम मिलता है, इसलिए ice pack को 20 मिनट तक बच्चे के कान के बाहरी हिस्से पर रखें, इससे उन्हें दर्द में राहत मिलेगी!2. बच्चे को खूब पानी पिलायेंअगर कान में दर्द सर्दी-जुकाम की वजह से हो रहा है, तो खूब पानी पीने से कान में मौजूद गाढ़े बलगम (mucus) को बाहर निकलने में मदद मिलती है और कान का दर्द भी कम हो जाता है।3. सुलाते समय बच्चे का सिर ऊँचा रखेंजब बच्चा सो रहा हो, तब उसके सिर के नीचे एक या दो तकिये लगाएं। ऐसा करने से अगर कान के अंदर कुछ liquid जमा होगा तो वो बाहर निकल जाएगा जिससे बच्चे के कान पर pressure कम पड़ेगा और उसे दर्द में भी राहत मिलेगी।4. कान और गर्दन पर हल्की मालिश करेंकान के आस-पास और गर्दन पर हल्की मालिश करने से blood flow improve होता है, जिससे कान में हो रहे दर्द और सूजन में कमी आती है। लेकिन यह ज़रूर ध्यान रखें कि बच्चे के कान पर ज़्यादा दबाव न पड़े, इससे कान दर्द और बढ़ सकता है।5. बच्चे को आराम करने की सलाह देज़्यादा movement करने या खेलने-कूदने से कान का दर्द और infection दोनों बढ़ सकते हैं इसलिए बच्चे को आराम करने की सलाह दें। आराम करने से शरीर का immune system भी strong होता है और उसे infections से लड़ने में मदद मिलती है, जिसके कारण कान का दर्द भी कम हो जाता है।6. कान दर्द कम करने की दवाएं देंTylenol या ibuprofen जैसी दवाएं कान के सूजन को कम कर सकती हैं, जिससे कान में पड़ रहा pressure भी कम हो जाता है और बच्चे को कान के दर्द में राहत मिलती है।इन तरीकों को आज़माने के बाद भी अगर कान का दर्द कम न हो, बच्चे को तेज बुखार आ जाए या कोई और गंभीर लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से consult करें।Source:- 1. https://www.webmd.com/cold-and-flu/ear-infection/ear-pain-home-treatment2. https://www.webmd.com/first-aid/treating-ear-infections-in-children3. https://www.nhsinform.scot/illnesses-and-conditions/ears-nose-and-throat/earache/4. https://www.nhs.uk/conditions/earache/5. https://newsinhealth.nih.gov/2018/10/pain-ear

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बच्चों में UTI कैसे होता है? अपने बच्चों को UTI से कैसे बचायें? बच्चों में UTI का इलाज़।

UTI (Urinary Tract Infection) तब होता है जब harmful bacterias बच्चे के urinary tract में चले जाते हैं। इस infection के कारण पेशाब करते समय बच्चों को दर्द भी हो सकता है। अगर इसका सही समय पर इलाज न हो तो परेशानी बढ़ सकती है।UTI के लक्षण क्या होते हैं?छोटे बच्चों में UTI के लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं -बुखारपेट में दर्दबदबू वाली पेशाबचिड़चिड़ापनउल्टीथकानदस्तबड़े बच्चों में UTI के लक्षण कुछ ऐसे होते हैं-बार-बार पेशाब करने का मन होनापेशाब करते समय दर्द होनापेशाब में खून आनाबुखार और ठंड लगनापीठ या सिर में दर्द होनाUTI से अपने बच्चों को कैसे बचायें?अपने बच्चों को UTI से बचाने के लिए इन बातों पर ध्यान दें।बच्चों को साफ-सफाई से रहना सिखाएँ।उन्हें अच्छे से पानी पीने को कहें।बच्चों को cotton underwears ही पहनाएं।उन्हें पेशाब रोकने की आदत न डालने दें।बच्चों को scented soaps से ना नहलाएँ।UTI का इलाज़ कैसे करें?UTI का इलाज़ करने के लिए आप ये steps ज़रूर follow करें:Doctor से तुरंत consult करें और उनकी दी गई दवाई (antibiotics) अपने बच्चे को समय से खिलाये।अपने बच्चे को अच्छे से पानी पिलायें ताकि उनकी पेशाब साफ हो और शरीर में पानी की कमी न हो।कुछ बच्चों को बार-बार UTI होता है। अगर आपके बच्चे को पहले UTI हो चुका है, तो लक्षणों पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है।अगर कोई भी लक्षण दोबारा दिखे, तो जल्दी से अपने डॉक्टर को बताएं।Source:- 1. https://my.clevelandclinic.org/health/symptoms/15533-frequent-urination2. https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/12415-urinary-tract-infection-childrens3. https://www.kingstonandrichmond.nhs.uk/patients-and-families/patient-leaflets/urinary-tract-infection-uti-children4. https://www.cuh.nhs.uk/patient-information/bladder-and-voiding-problems-in-children/5. https://www.nhsinform.scot/illnesses-and-conditions/kidneys-bladder-and-prostate/urinary-tract-infection-uti-in-children/

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Bedwetting की problem को solve करने के आसान tips!

बच्चों में Bedwetting की problem को solve करने के कुछ आसान tips:बच्चों का रात में बिस्तर पर सुसु करना, जिसे nocturnal enuresis भी कहा जाता है, एक बहुत ही common problem है। यह problem ज़्यादातर समय के साथ solve हो जाती है, लेकिन कुछ बच्चे 7 साल की उम्र में या उससे भी बड़े होने पर बिस्तर पर सुसु कर सकते हैं।याद रखें कि bedwetting बच्चे की गलती नहीं है इसलिए बच्चे को कभी भी शर्मिन्दा न करें या डांटे नहीं। इस problem को solve करने के लिए उन्हें पूरा support करें और patience से काम लें। बच्चे की मदद के लिए कुछ Tips:Tip 1 : बच्चे को सिखाएं कि दिन भर में ज़्यादा देर तक सुसु को रोकना नहीं है।Tip 2: ध्यान दें कि आपका बच्चा regularly दिन भर में और रात को सोने से पहले सुसु ज़रूर जाए।Tip 3: सोने से कुछ घंटे पहले बच्चे को कम से कम liquids दें।Tip 4: जिस रात बच्चा बिस्तर पर सुसु ना करे, सुबह उठकर उसकी प्रशंसा करें और कोई छोटा सा gift भी दें।Tip 5: एक अलार्म का उपयोग करें ताकि बच्चा रात में अलार्म की आवाज़ से उठ कर सुसु करने जा सके।थोड़े patience और support से इस problem को घर पर ही आसानी से solve किया जा सकता है। अगर आपको फिर भी मुश्किल हो रही हो तो डॉक्टर से ज़रूर consult करें।Source:- https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000703.htm

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बच्चों का वज़न बढ़ाने के लिए क्या करें और क्या ना करें!

बच्चों का वज़न बढ़ाने के लिए क्या करें और क्या ना करेंसबसे पहले, अपने बच्चे का Body Mass Index (BMI) calculate करें। इसे calculate करने के लिए बस आपको चाहिए अपने बच्चे की date of birth, height और weight।अपने बच्चे का BMI calculate करें। Details डालने के बाद आपको result मिलेगा जो की percentile के रूप में होगा और इससे आपको पता लगेगा कि क्या आपका बच्चा सही में underweight है या आपको सिर्फ ऐसा लगता है।अगर results से पता चलता है कि आपका बच्चा underweight है, तो घबराइए मत। क्या आप जानते हैं, कि कुछ खान-पान की आदतें बदलने से ही आप अपने बच्चे का weight improve कर सकते हैं।क्या करें:आज ही उनके खान-पान में बदलाव करें:Carbohydrate की मात्रा बढ़ाएँ: उनके भोजन में आलू और चावल जैसे starchy carbohydrates शामिल करें।Healthy fats चुनें: Avocado, Nuts और Olive oil जैसे हेल्दी फैट्स से उनकी calorie intake बढ़ाएँ।High calorie drinks दें: खाने के अलावा किसी समय उन्हें milkshake और smoothies जैसे high calorie drinks पिलाएँ।हेल्दी खान-पान की आदतों को बढ़ावा दें: अपने बच्चे को खाना बनाने में शामिल करें और परिवार के सभी लोग साथ बैठकर खाना खाएँ।Healthy snacks शामिल करें: दही, फल और सब्जियों जैसे Healthy snacks हमेशा घर पर रखें ।ज़रूरी Vitamins पर ध्यान दें: ध्यान दें कि आपके बच्चे को विटामिन A, C और D जैसे सभी ज़रूरी Vitamins मिल रहे हैं।weight gain के लिए आपको क्या नहीं करना चाहिए:Unhealthy Foods पर निर्भर न रहें: "वज़न बढ़ाने के लिए junk foods या sugary drinks पर निर्भर न रहें। इसके बजाय केवल nutritious snacks और भोजन ही चुनें।"खाने से पहले drinks और snacks न दें: "खाने से पहले इनको खाने या पीने से बच्चों का पेट भर सकता है, जिसकी वजह से वो अच्छे से nutritious खाना नहीं खा पाएंगे।भोजन का समय stress free रखें: "भोजन के समय negative माहौल से बचें। अगर वे अपनी थाली में सब कुछ ख़तम नहीं भी करते तो निराश न हों। इस समय को शांत और अच्छा बनाए रखें।"Physical Activity को बढ़ावा दें: "नियमित व्यायाम overall health के लिए महत्वपूर्ण है, यह वज़न बढ़ाने में भी मदद करता है। उन activities के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करें जो उन्हें अच्छी लगती हो और आप खुद भी उनके खेल का हिस्सा बनें।"बच्चों के खानपान में कुछ आसान से बदलाव जैसे नियमित पौष्टिक भोजन, snacks, drinks और physical activity से हम अपने बच्चे को स्वस्थ तरीके से वज़न बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। याद रखें, patience और positivity ही आपके बच्चे के growth और development की सही कुंजी है।Source:-https://www.nhs.uk/live-well/healthy-weight/childrens-weight/how-to-help-your-child-gain-weight/

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Child abuse क्या होता है? और कितने types के होते हैं?

Hello parents, आज हम बात करेंगे एक बहुत ही सेंसिटिव टॉपिक “child abuse” पे। Abuse.. जिसका मतलब गलत use है, तो सोचिए “child abuse” कितना गलत होगा। हर घर में बच्चे होते हैं, जो हँसते खेलते अच्छे लगते हैं, लेकिन यही बच्चे जब चुप चुप से, और डर डर के जीने लगे, तो मतलब साफ़ है, आपका बच्चा कहीं न कहीं unsafe है, उसके साथ कुछ गलत हो रहा है, वो child abuse का शिकार हो गए हैं और शायद आपसे कह नहीं पा रहे।Child abuse क्या होता है? और कितने types के होते हैं।Child abuse एक ऐसी स्थिति है जिसमें parents, caregivers, या local guardians, जो बच्चे के लिए जिम्मेदार होते हैं, उन्हें या तो नुकसान पहुंचाते हैं या उनकी ठीक से देखभाल नहीं करते।Child abuse एक बहुत गंभीर मसला है और ये अलग-अलग तरीकों से हो सकता है:Physical abuse: Physical abuse में जान बूझकर बच्चे को चोट पहुंचाना शामिल है। जैसे मारना, धक्का देना, जलाना, या किसी object से बच्चे को चोट पहुंचाना।Physical abuse के signs: बच्चे के शरीर पर बिना वजह के चोटें, जलने के निशान, हड्डी टूटना या cuts देखे जा सकते हैं।Emotional abuse: Emotional abuse में बच्चे को डांटना, चिल्लाना, धमकाना, criticize करना, reject करना या लगातार उसका मजाक उड़ाना शामिल है।Emotional abuse के signs: बच्चे का आत्म-विश्वास कम हो जाना, उदासी या depression में रहना देखा जा सकता है।Sexual abuse: Sexual abuse में किसी भी तरह की sexual activity के लिए बच्चे को मजबूर करना शामिल है, जैसे गलत जगह पर हाथ लगाना या दूसरी कोई sexual activity।Sexual abuse के signs: बच्चा किसी जगह या व्यक्ति से डरने लगता है, genital area में दर्द महसूस करता है, बिना वजह के private parts से bleeding होती है, या उम्र से ज्यादा sexual acts का knowledge रखता है।अगर आप अपने बच्चे में ऐसे signs notice करते हैं जैसे कि वो अचानक से चुप हो जाए या किसी जगह या व्यक्ति से डरने लगे, तो उनसे बात करें, उन्हें समझें और उन्हें जो support और care चाहिए, वो दें।soutce: https://www.qld.gov.au/community/getting-support-health-social-issue/support-victims-abuse/child-abuse/what-is-child-abuse/child-abuse-types https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK459146/#:~:text=The World Health Organization

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बच्चों में अवसाद का इलाज कैसे करें?

बच्चों में डिप्रेशन के काफी कारण होते हैं, जैसे family history, या कोई बीमारी, या बचपन में हुए हादसे, और भी बहुत कारण हैं।बच्चों को उनके hard times में support और care देना जरूरी होता है, ताकि डिप्रेशन के असर को कम कर सकें। लेकिन, बच्चों में डिप्रेशन को treat करने के लिए उनको therapy की जरूरत होती है।इस therapy का नाम है, CBT यानी Cognitive Behavioral Therapy।इस therapy में बच्चों को अपनापन और supported feel होता है। उन बच्चों को क्या feel होता है, या वो क्या सोच रहे हैं, इस बारे में बात की जाती है।Even बच्चों को अलग-अलग Stories, drama, या फिर अपने डर को कम कैसे करें या उससे deal कैसे करें ये सब सिखाया जाता है। कभी-कभी बच्चों के parents को भी इस therapy में include किया जाता है ताकि बच्चे को comfortable feel हो सके।ये तो हो गई therapy, लेकिन आपको as a parent क्या करना चाहिए जब आपका बच्चा depressed हो तब?अगर आपको लगता है कि बच्चा depressed है, तो ये steps आपको as a parent जरूर करने चाहिए:अपने बच्चे से उसके उदास होने का कारण पूछिए। बच्चे को feel कराइए कि आप हैं उसको सुनने के लिए, उसकी help करने के लिए। अपने बच्चे को doctor से दिखाएं, ताकि पता चले वो depressed है या कोई stress है उसे। अपने बच्चे को therapist के पास ले जाएं और उसकी therapy करवाएं। बच्चे से शांति और प्यार से बात कीजिए। और अपने बच्चे के साथ ज्यादा से ज्यादा time spend कीजिए, ताकि उसे अच्छा feel हो और उसको positive thoughts आएं।source: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC8465814/ https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3788699/

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बच्चों में Bedwetting के 2 प्रकार – कौन सा है आपके बच्चे का प्रकार?

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5 आसान तरीके बच्चों को जल्दी सुलाने के लिए | Easy Bedtime Tips for Kids!

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