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मलेरिया: लक्षण, रोकथाम, आ इलाज के टिप्स!

मलेरिया, पानी से पैदा होखे वाला बेमारी,कुछ किसिम के संक्रमित मादा मच्छर (Anopheles मच्छर) सभ द्वारा मनुष्य में फइल जाले।हालाँकि, खून चढ़ावे आ दूषित सुई से भी मलेरिया के संक्रमण हो सके ला। मलेरिया के लक्षण : आमतौर पर मच्छर के काटला के 10-15 दिन बाद लक्षण शुरू हो जाला।लक्षण हल्का या से अलग-अलग हो सकता इहाँ तक कि जानलेवा भी।हल्का लच्छन में बोखार, ठंढा आ सिरदर्द सामिल बा,जबकि गंभीर लच्छन में थकान, दौरा, भ्रम, पेशाब करिया, पीलिया आ साँस लेवे में दिक्कत सामिल बा।मलेरिया से कइसे बचावल जा सकेला :मच्छर के काटला से बचे आ दवाई से मलेरिया से बचाव कइल जा सकेला।समय पर इलाज से हल्का केस के खराब होखे से रोकल जा सकेला।जवना इलाका में मलेरिया आम बा, ओहिजा जाए से पहिले chemoprophylaxis जईसन दवाई लेवे खाती अपना डॉक्टर से सलाह लीही।अयीसन कपड़ा पहिनीं जवन कि आपके शरीर के जादा से जादा ढंक देवे,सुते के समय मच्छरदानी के इस्तेमाल करीं,मच्छर भगावे वाला दवाई (जवना में DEET, Icaridin चाहे IR3535 होखे) के इस्तेमाल करीं,कॉइल अवुरी वैपराइजर के इस्तेमाल करीं, अवुरी हर समय खिड़की के कवर के इस्तेमाल करीं।मलेरिया के इलाज :मलेरिया के रोकथाम आ इलाज खातिर कई गो दवाई के इस्तेमाल होला। राउर डॉक्टर रउआँ खातिर एह आधार पर चुनीहें: - मलेरिया के प्रकार,मलेरिया के परजीवी कवनो दवाई के प्रतिरोधी होखे कि ना,मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति के वजन या उम्र,उ व्यक्ति गर्भवती बा कि ना।मलेरिया के कुछ सबसे आम दवाई ह:Artemisinin आधारित संयोजन चिकित्सा दवाई: P falciparum malaria के इलाज में प्रभावी,Chloroquine: P vivax परजीवी के संक्रमण के इलाज में सिर्फ प्रभावी होखेला,Primaquine: P vivax and P ovale परजीवी के संक्रमण के रिलैप्स रोके खातिर मुख्य इलाज में मिलावल जाला। इस्तेमाल होखे वाला अधिकतर दवाई गोली के रूप में होखेला। कुछ लोग के कुछ खास इंजेक्शन खाती अस्पताल जाए के जरूरत पड़ सकता।Source:-https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/malariaSource:- 1. https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/malaria

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हैजा, एगो दस्त के संक्रमण : एकर लक्षण आ इलाज।

हैजा, पानी से होखे वाला बेमारी एगो तीव्र दस्त के संक्रमण हवे जे वाइब्रिओ हैजा बैक्टीरिया से दूषित भोजन भा पानी के सेवन से होला।अगर एकर इलाज ना कइल जाव त घंटन के भीतर मौत हो सकेला।हैजा के लक्षण: कुछ हल्का से मध्यम लक्षण होखेला जवना के देखाई देवे में 12 घंटा से 5 दिन के बीच लागेला। अल्पसंख्यक मरीजन में तीव्र पानी के दस्त हो जाला जवना में बहुते निर्जलीकरण हो जाला. एकर इलाज ना कइला पर मौत हो सकेलाहैजा के इलाज: हैजा एगो आसानी से इलाज होखे वाला बेमारी ह। Oral rehydration therapy (ORS) के तुरंत प्रशासन से बहुत मदद मिलेला। गंभीर मामला में नस में तरल पदार्थ के उचित एंटीबायोटिक दवाई के संगे देवे के होखेला जवन कि दस्त के अवधि के कम करे में मदद करेला अवुरी जरूरत के तरल पदार्थ के जरूरत कम करेला।Source:- 1. https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/cholera

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चिकनगुनिया : लक्षण, रोकथाम, आ इलाज!

चिकनगुनिया, पानी से होखे वाला बेमारी मच्छर से फ़ैलेलाचिकुंगुनिया के लक्षण: आमतौर प मच्छर के काटला के 2-12 दिन के भीतर लक्षण शुरू होखेला। अचानक बोखार शुरू होखे के संगे जोड़ में दर्द होखेला जवन कि कुछ दिन से साल तक तक चल सकता। जोड़ में सूजन, मांसपेशी में दर्द, सिरदर्द, मतली, थकान अवुरी त्वचा प दाना भी कुछ अवुरी लक्षण बा। कबो-कबो आँख, दिल, आ न्यूरोलॉजिकल समस्या के मामला भी देखल गइल बा।चिकुंगुनिया से बचाव कईसे कईल जाला: मच्छर के काटला से बचे के एकमात्र सबसे निमन सुरक्षा बा। पानी के बर्तन के हर हफ्ता खाली आ साफ करीं आ कचरा के ठीक से निपटान करीं जेहसे कि मच्छर के प्रजनन के संभावना कम होखे. बर्तन के सतह (भीतर आ आसपास) पर कीटनाशक लगाईं। अयीसन कपड़ा पहिनीं जवन कि आपके शरीर के जादा से जादा ढंक देवे, मच्छरदानी के इस्तेमाल करीं, खिड़की अवुरी दरवाजा के स्क्रीन बंद करीं, उजागर त्वचा चाहे कपड़ा प रिपेलेंट (DEET, IR3535 चाहे icaridin) लगाईं।चिकुंगुनिया के इलाज: Clinical management में बोखार अवुरी जोड़ के दर्द के anti-pyretics अउरी optimal analgesics, भरपूर तरल पदार्थ के सेवन अवुरी आराम कईल शामिल बा। एकरा इलाज खातिर कवनो खास एंटीवायरल दवाई नइखे. दर्द से राहत आ बोखार कम करे खातिर पेरासिटामोल भा एसिटामिनोफेन के सलाह दिहल जालाSource:- 1. https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/chikungunya

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पुरुष में मूत्रमार्ग के संक्रमण के लक्षण?

पुरुष में यूटीआई के कारण Escherichia coli (E. coli) bacteria होखेला!जवन कि खराब स्वच्छता, यौन गतिविधि, चाहे सामान्य शौचालय के इस्तेमाल के दौरान भी पुरुष मूत्रमार्ग में प्रवेश करेला। पुरुष में यूटीआई बहुत कम होखेला,लेकिन जब इ होखेला त एकर इलाज काफी मुश्किल हो सकता, रउरा कइसे पता चल सकेला कि रउरा यूटीआई बा आ इलाज के जरूरत बा कि ना?5 पुरुष में मूत्रमार्ग संक्रमण (यूटीआई) के लक्षण जवन रउआ के यूटीआई के पहचान करे में मदद कर सकेला:बार-बार पेशाब: जब यूटीआई होखेला त पेशाब के नली सूज जाला, जवना के चलते सही तरीका से पेशाब कईल मुश्किल हो जाला। एकरा चलते आपके बार-बार पेशाब करे के जरूरत महसूस होखेला, लेकिन हर बेर पेशाब के मात्रा थोड़-बहुत निकलेला।पेशाब के दौरान जलन: यूटीआई के संगे पेशाब के नली में सूजन अवुरी संवेदनशील हो जाला। पेशाब के अम्लीय प्रकृति के चलते पेशाब करत घरी जलन के सनसनी महसूस हो सकता।बादल जइसन पेशाब:जब आपके यूटीआई होखेला त आपके प्रतिरक्षा प्रणाली बैक्टीरिया से लड़े खाती सफेद रक्त कोशिका (WBC) पैदा करेला। बैक्टीरिया अवुरी डब्ल्यूबीसी से निकले वाला बेकार पदार्थ एक संगे मिल जाला, जवना के चलते आपके पेशाब बादल निहन देखाई देवेला।गंदा गंध वाला पेशाब: जईसे-जईसे बैक्टीरिया आपके पेशाब के नली में बढ़ेला, उ अमोनिया जईसन बेकार पदार्थ छोड़ेला, जवना के चलते पेशाब से बदबू आवेला।पेट के निचला हिस्सा भा कमर में दर्द: इ लक्षण तब होखेला जब संक्रमण फैल के आपके मूत्राशय चाहे किडनी तक पहुंच गईल होखे। अगर संक्रमण बढ़ गइल बा त बोखार आ थकान भी हो सकेला।अगर रउरा एहमें से कवनो लक्षण लउकत बा त तुरते अपना डाक्टर से मिल के सही इलाज कराईंSource:-1. https://www.researchgate.net/publication/8123739_Urinary_tract_infection_in_men 2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK436013/

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पुरुष में यूटीआई : एकर कारण अवुरी लक्षण!

पेशाब के नली के संक्रमण या यूटीआई, जवना के पेशाब के संक्रमण के नाम से भी जानल जाला, महिला में एगो आम समस्या ह जवना के चलते पेशाब के दौरान जलन चाहे बार-बार पेशाब करे के जरूरत जईसन लक्षण होखेला।का पुरुष के भी यूटीआई हो सकता?एह वीडियो में हमनी के ओह कारणन के खोज करब जा कि पुरुषन में यूटीआई काहे हो सकेला चलीं शुरुआत कइल जाव ! पहिले त समझल जाव कि यूटीआई का होला यूटीआई एगो प्रकार के संक्रमण ह जवन कि आपके पेशाब प्रणाली में कहीं भी हो सकता, जवना में आपके पेशाब के नली भी शामिल बा। इ तब होखेला जब बैक्टीरिया पेशाब के माध्यम से आपके शरीर में घुस के किडनी, मूत्राशय, मूत्रमार्ग चाहे मूत्रमार्ग में पहुंच जाला। त का पुरुषन के यूटीआई हो सकेला? हँ, पुरुष के यूटीआई हो सकेला, लेकिन महिला के मुक़ाबले एकर खतरा बहुत कम होखेला। पुरुषन में यूटीआई सभसे ढेर मूत्राशय (जहाँ पेशाब के संग्रहण होला) आ मूत्रमार्ग (शरीर से बाहर पेशाब ले जाए वाली नली) में होला।अब बात कइल जाव कि पुरुषन के यूटीआई कइसे होला आ एकर कारण का होला पुरुष में यूटीआई के मुख्य कारण Escherichia coli (E. coli) बैक्टीरिया होखेलाई बैक्टीरिया खराब स्वच्छता, यौन गतिविधि, भा नियमित शौचालय के इस्तेमाल के दौरान भी पुरुष मूत्रमार्ग में प्रवेश क सके ला। बैक्टीरिया में बाल निहन छोट-छोट संरचना होखेला जवन कि पेशाब के दीवार से चिपक जाए में मदद करेला, जहां इ बहुत संख्या में बढ़े लागेला, जवना के चलते पेशाब के नली में सूजन होखेला अवुरी पेशाब कईल मुश्किल हो जाला। जब पेशाब ठीक से ना बहेला त संक्रमण अउरी खराब हो जाला। संक्रमण से लड़े खातिर आपके प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमित इलाका में सफेद खून के कोशिका भेज देवेले, जवना के चलते पेशाब के दौरान जवना के चलते पेशाब के दौरान जलन, बार-बार पेशाब कईल, चाहे पेशाब से बदबू आवे जईसन लक्षण देखाई देवेला।, त, पुरुष में यूटीआई अयीसन होखेला, लेकिन एकर अवुरी कारण भी बा, जईसे कि प्रोस्टेट बढ़ल, किडनी में पथरी, डायबिटीज, पेशाब के कैथेटर के इस्तेमाल, चाहे कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली। यूटीआई के लक्षण का होखेला, अवुरी कवन पुरुष के यूटीआई होखे के खतरा जादे होखेला?Source:- 1. https://www.researchgate.net/publication/8123739_Urinary_tract_infection_in_men 2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK436013/

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6 जीवनशैली में बदलाव जवन रउवा के हाई ब्लड प्रेशर के प्रबंधन में मदद कर सकेला!

विश्व स्वास्थ्य संगठन के कहनाम बा कि दुनिया भर में 30-79 साल के उमर के करीब 1.28 अरब वयस्क उच्च रक्तचाप से पीड़ित बाड़े।ब्लड प्रेशर के सामान्य रेंज 120/80 होला आ ब्लड प्रेशर तब ढेर मानल जाला जब ब्लड वाहिका सभ में प्रेशर 140/90 मिमीएचजी भा एकरे से ढेर हो जाला। हाई ब्लड प्रेशर वाला लोग के कवनो लक्षण ना लागेला। त, एकरा के जाने के एकमात्र तरीका बा कि ब्लड प्रेशर के जांच करावल जाए।सामान्य जोखिम कारक जवना से हाई ब्लड प्रेशर हो सकेला:बचपन में हाई ब्लड प्रेशर के विकास शुरू हो सकता लेकिन एकर कुछ कारण भी बा। पसन:बुढ़ापाजीन के बारे में बतावलअधिक वजनउच्च नमक वाला आहारशारीरिक रूप से सक्रिय ना होखेशराब के जादा सेवनबचपन में हाई ब्लड प्रेशर के घटना के रोके प ध्यान देवे के एगो महत्वपूर्ण समय होखेला लेकिन खास तौर प नमक/ सोडियम के सेवन में कटौती क जीवनशैली में बदलाव से हर उम्र के लोग खाती काफी असर पड़ सकता।जीवनशैली में कवन 6 बदलाव हाई ब्लड प्रेशर के रोके भा प्रबंधन में मदद कर सकेला?प्रोसेस्ड फूड में कटौती करीं: प्रोसेस्ड फूड में सोडियम के मात्रा बहुत भरपूर होखेला। इहाँ तक कि जवना खाद्य पदार्थ में नमकीन स्वाद ना होखे, ओकरा में सोडियम के मात्रा आश्चर्यजनक रूप से जादा हो सकता। रोटी, तैयार सॉस, सलाद ड्रेसिंग अवुरी तैयार ग्रेवी जईसन खाद्य पदार्थ में कटौती करीं।नमकीन खाद्य पदार्थ के छोट हिस्सा खाईं: अपना पसंदीदा नमकीन खाद्य पदार्थ जईसे अचार, पनीर अवुरी जैतून के आहार से खतम कईल जरूरी नईखे। बल्कि कोशिश करीं कि खाली स्वाद खातिर छोट-छोट हिस्सा खाईं।कम सोडियम के विकल्प के पता लगाईं: जड़ी-बूटी, मसाला अवुरी साइट्रस के खाद्य पदार्थ जईसे नींबू जईसन कुछ विकल्प बा जवन कि कम सोडियम के संगे जादा स्वाद दे सकता। अइसन वैकल्पिक विकल्प खातिर अपना सुपरमार्केट के खोज करीं. अइसन कवनो विकल्प के नियमित रूप से लेवे शुरू करे से पहिले एक बेर अपना डॉक्टर से सलाह लीं।घर के खाना पसंद करीं: ठीक प्रोसेस्ड फूड निहन रेस्टोरेंट में पकावल खाना में भी स्वाद बढ़ावे खाती सोडियम के मात्रा बहुत जादे होखेला। घर में ताजा सामग्री के संगे खाना बनावे प ध्यान दीं, जवना से आपके खाना में डालल नमक के मात्रा के नियंत्रित कईल जा सके।शारीरिक रूप से अधिका सक्रिय रहीं: शारीरिक रूप से सक्रिय रहला से हाई ब्लड प्रेशर के स्तर कम होखे में मदद मिलेला। अपना रोजमर्रा के दिनचर्या में कुछ शारीरिक गतिविधि जइसे कि चलल, दौड़ल, तैरल, नाचल भा वजन उठावल तक शामिल करीं.*धूम्रपान मत करीं, तंबाकू के इस्तेमाल मत करीं, शराब मत पीईंउच्च रक्तचाप के कम कईला से दिल के दौरा, स्ट्रोक अवुरी किडनी के नुकसान के संगे-संगे स्वास्थ्य के अवुरी समस्या से बचाव होखेला। तनाव कम क के भा प्रबंधन क के, नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर के जांच क के अवुरी नियमित रूप से निर्धारित दवाई के सेवन क के उच्च रक्तचाप के खतरा के कम करीं।Source:- 1. https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/hypertension 2.https://nutritionsource.hsph.harvard.edu/salt-and-sodium/take-action-on-salt/

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Male में Prostate Gland के बढ़े के लक्षण अवुरी इलाज!

अधिकांश पुरुष के लंबाई 18 साल के उमर तक ही बढ़ेला, लेकिन 40 साल के बाद अक्सर उनुकर प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़े लागेला। 51 से 60 साल के उमिर के लगभग 50% पुरुष आ 80 साल से ऊपर के 90% पुरुष बेनिन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) से प्रभावित होलें।बीपीएच के इलाज खातिर पहिला विकल्प बा:जीवनशैली में बदलाव: व्यायाम, पेशाब के टपकल रोके अवुरी शाम के समय जादा तरल पदार्थ के सेवन से बचे।दवाई: कुछ दवाई जईसे यूरोक्सैट्रल, फ्लोमैक्स, एवोडार्ट, प्रोस्कर अवुरी सिआलिस।कुछ महीना में रउरा पता चल जाई कि ई जीवनशैली में बदलाव भा ई दवाई रउरा खातिर काम करत बा कि ना.अगर जीवनशैली में बदलाव आ दवाई काम ना करे त का होई?जब ई इलाज बीपीएच के लच्छन के इलाज में कारगर ना होखे, आ अगर बढ़ल प्रोस्टेट ग्रंथि के कारण मेडिकल मुद्दा हो रहल होखे, जइसे कि पेशाब के संक्रमण, त सर्जरी सभसे नीक विकल्प होला।बीपीएच खातिर कवन सर्जरी सबसे बढ़िया बा?प्रोस्टेट के ट्रांसयूरेथ्रल रिसेक्शन (TURP) बीपीएच खातिर एगो जानल-मानल सर्जिकल तरीका हवे। एह प्रक्रिया में मूत्र ट्यूब के माध्यम से प्रोस्टेट में रिसेक्टोस्कोप (पतली ट्यूब) डालल जाला। रिसेक्टोस्कोप में एगो छोट कैमरा अवुरी इलेक्ट्रिकल लूप होखेला, जवना के इस्तेमाल प्रोस्टेट के ऊतक के यंत्रवत तरीका से निकाले खाती कईल जाला। लूप से गर्मी भी पैदा होखेला, जवन कि खून के नली के जल्दी बंद क देवेला। TURP लगभग 90 मिनट के होला आ एकरा के लोकल भा जनरल एनेस्थेसिया के तहत कइल जाला।लगभग 85% से 90% पुरुष में इ कारगर होखेला।Transurethral electrovaporization (TUEVP), transurethral vaporesection (TUVRP) and plasmakinetic enucleation prostate (PkEP)TURP के कुछ अउरी भिन्नता हवें जिनहन के परिणाम भी अइसने होला।Source:- 1.https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK481492/#:~:text=Surgery can very effectively reduce,such as urinary tract infections. 2. http://www.health.harvard.eduwww.health.harvard.edu/mens-health/treatment-for-an-enlarged-prostate#:~:text=If you have a large,some less invasive than others.

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Benign Prostatic Hyperplasia (BPH) के लक्षण में इ दवाई राहत देवेले!

Benign Prostatic Hyperplasia (BPH), यानी बढ़ल प्रोस्टेट ग्रंथि, जे अधिकतर male में उमिर बढ़े के साथ देखा जाता। एकर चलते मर्दन के कई परेशानियाँ होखेली, जैसे बार-बार पेशाब आना, टपकना, आ पेशाब करे में दिक्कत। बाजार में एह समस्या के इलाज खातिर कुछ दवाइयाँ मिलत बाड़ीं जे इन लक्षणन में राहत देला। चलीं, जाने इन दवाइयों के बारे में:Alpha-blockersAlpha-blockers दवाइयाँ प्रोस्टेट आ ब्लैडर के मसल्स के आराम देला, जेसे पेशाब करना आसान हो जाला। ई दवाइयाँ BPH के दोसरा लक्षणन में भी मदद करेली। सबसे ज्यादा इस्तेमाल होखे वाली Alpha-blockers दवाइयाँ हईं:TamsulosinAlfuzosinDoxazosinई दवाइयाँ हाई ब्लड प्रेशर में भी काम आऽता, काहेकि ई ब्लड प्रेशर कम करेला। 2. 5-alpha reductase inhibitorsई दवाइयाँ प्रोस्टेट के बढ़ावे वाला हार्मोन के कम करेला, जेसे प्रोस्टेट के आकार छोटा हो जाला। एकरे चलते लक्षण में सुधार आवेला। सबसे आम दवाइयाँ हईं:FinasterideDutasterideई दवाइयाँ के असर देखे में थोड़ समय लग सकत बा, कभी-कभी कई महीना भी। 3. Combination दवाइयाँकभी-कभी डॉक्टर Alpha-blockers आ 5-alpha reductase inhibitors के combination देला, काहेकि ई दवाइयों के मिलावे से लक्षणन में ज्यादा राहत मिल सकत बा। ई उन मर्दन के लिए अच्छा बा जिनके लक्षण बहुत गंभीर बाड़े आ जिनका प्रोस्टेट बहुत बढ़ गइल बा।अपना दवाइयाँ के बारे में हमेशा डॉक्टर से सलाह जरूर लीं, ताकि सही इलाज मिल सको।अगर आपको पेशाब में लगातार दिक्कत हो रहल बा या रात में बार-बार टॉयलेट जाना पड़ रहल बा, त एकरा के नजरअंदाज मत करीं। जल्दी से जल्दी डॉक्टर से परामर्श लीं।Source:https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK481490/https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC6202296/

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केरल के एगो 14 साल के लईका के निपाह वायरस से मौत।

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Dr. Beauty Gupta

Doctor of Pharmacy

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विश्व पोलियो दिवस : पोलियो के टीका काहे महत्व राखेला!

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Mrs. Prerna Trivedi

Nutritionist