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क्या Monkey Pox Virus है Covid से भी ख़तरनाक? | WHO ने किया High Alert जारी | जानिए ख़ौफ़नाक सचाई!

2022 में monkeypox outbreak के बाद, World Health Organization (WHO) ने experts को बुलाया है यह decide करने के लिए कि क्या यह spread ज्यादा dangerous है और क्या इसे international emergency declare किया जाना चाहिए, क्योंकि यह 10 से ज्यादा African countries को affect कर चुका है।Monkeypox, जो कि mpox के नाम से भी जाना जाता है, एक viral zoonotic disease है जो animals से humans में spread होती है। यह monkeypox virus के वजह से होता है। Historically, यह Central Africa और West Africa में पाया गया था। Monkeypox का पहला human case एक 9 महीने का baby था जो Democratic Republic of the Congo, Central Africa से था।Monkeypox एक mild illness है जो 2-4 weeks में recover हो सकती है। इसके symptoms हैं: swollen lymph nodes, fever, headache, muscle aches, back pain, fatigue, और एक rash जो pimples और blisters के साथ body के अलग-अलग parts पे appear होती है, including face, palms, और groin area, और यह painful हो सकती है।Monkeypox कई तरीकों से transmit होता है जैसे कि:infected individuals के साथ close contact, जैसे कि kissing, touching, या sexual contactBody fluids, जैसे कि sneezing या coughing सेInfected animals से, especially hunting या cooking के दौरान।Contaminated towels, clothes, या bedding सेऔर Mother से unborn baby को placenta के through भी transmit हो सकता है।Weak immune systems वाले लोग और जो लोग multiple sex partners रखते हैं या sex workers हैं, उनको monkeypox होने का ज्यादा risk होता है।Monkeypox diagnose करने के लिए PCR (Polymerase Chain Reaction) test किया जाता है, जिसमें body fluids या skin से swabs लिए जाते हैं। अगर infected person से contact के 4 दिन के अंदर mpox vaccine लगवा लो, तो disease prevent हो सकती है।Monkeypox को Prevent करने के लिए ये measures ज़रूरी हैं:हाथों को बार-बार soap और water से धोना।Infected individuals से close contact avoid करना।Mask पहनना और surfaces को disinfect किए बिना touch न करना।अगर आपको monkeypox के symptoms लगते हैं, तो doctor से consult करें ताकि complications से बचा जा सके।Source:- 1. https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/monkeypox 2. https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/monkeypox

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डेंगू | मच्छरों से होने वाली बीमारियाँ Part-1 | लक्षण और उपचार !

जैसे कि आपने हमारे पिछले वीडियो में देखा था कि जब भी पानी कहीं भर जाता है तो उसमें मच्छर पनपने लगते हैं जिसकी वजह से कुछ स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां खड़ी हो जाती है।इस वीडियो में हम इन्हीं मच्छरों से होने वाली कुछ बीमारियों के बारे में बात करेंगे। यह बीमारियां साधारण रूप से लेकर काफी खतरनाक भी हो सकती हैं।आईए जानते हैं डेंगू के कुछ लक्षण, किस तरह से हम अपने आप को इन बीमारियों से बचा सकते हैं एवं इनके कुछ इलाज।डेंगू एक संक्रमण है जो मच्छरों (Aedes aegypti) के काटने से मनुष्य में फैलता है। ऐसे मच्छर ज्यादातर कहीं ठहरे हुए पानी में ही अंडे देते हैं।डेंगू के लक्षण: बहुत तेज सर दर्द, तेज बुखार (आमतौर पर लगभग 104 degree F), मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी आना, त्वचा पर चकत्ते (rashes) पड़ जाना एवं आंखों के पीछे दर्द होना।डेंगू से बचाव के कुछ तरीके: इस बीमारी का कोई टीकाकरण नहीं है। डेंगू फैलाने वाले मच्छर दिन के समय में सक्रिय (active) होते हैं, इसीलिए ऐसे कपड़े पहने जो आपके शरीर को जितना संभव हो उतना ढक सके, दिन में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, मच्छर भगाने वाली वस्तुओं (repellants) का उपयोग करें (containing DEET, Picaridin or IR3535), मच्छर भगाने वाली coils एवं vaporizer का प्रयोग करें, हर समय अपने घर की जाली की खिड़कियां बंद रखें।साथ ही जिन भी चीजों में पानी भरा हो उन्हें हर हफ्ते खाली करके साफ किया जाए, कूड़े को सही जगह फेका जाए, समुदाय में किसी भी तालाब या वस्तु में पानी जमा न होने दे क्योंकि रुके हुए पानी में मच्छर अंडे देते हैं एवं पानी से भरी वस्तुओं में उचित कीटनाशक जरूर लगाए।डेंगू का उपचार: हालांकि डेंगू का कोई उपचार नहीं है, केवल लक्षण संबंधित दवाइयां ही दी जाती हैं। Paracetamol का सेवन ज्यादातर दर्द के लिए किया जाता है। Ibuprofen और Aspirin जैसी दवाइयां नहीं दी जाती क्योंकि यह खून के बहने का खतरा बढ़ा देती हैं। कुछ गंभीर मामलों में अस्पताल में भरती होना जरूरी हो जाता है।Source:- 1. https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/dengue-and-severe-dengue

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मलेरिया | मच्छरों से होने वाली बीमारियाँ Part-2 | लक्षण और उपचार !

मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो कि संक्रमित मच्छरों (Anopheles mosquitoes) से मनुष्य में फैलती है। हालांकि देखा गया है कि blood transfusion एवं contaminated needles से भी मलेरिया फैल सकता है।मलेरिया के लक्षण: इसके लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के 10 से 15 दिनों के बाद दिखने शुरू होते हैं। लक्षण साधारण से होकर गंभीर रूप तक कैसे भी हो सकते हैं। साधारण लक्षणों में बुखार, ठंड लगना और सर दर्द आता है जबकि गंभीर लक्षणों में थकान, दौरा पड़ना, भ्रम में रहना, मूत्र का गहरा रंग होना या उसमें खून होना, पीलिया और सांस लेने में कठिनाई होती है।मलेरिया से बचाव के कुछ तरीके: मच्छरों के काटने से बचकर और कुछ दवाओं से मलेरिया को रोका जा सकता है। समय पर उपचार होने से इसकी गंभीरता को रोका जा सकता है। मलेरिया पीड़ित क्षेत्र में जाने से पहले, अपने चिकित्सक से परामर्श करके chemoprophylaxis जैसी दवा ले सकते हैं।मच्छरों के काटने से बचने के लिए ऐसे कपड़े पहने जो आपके शरीर को ज्यादा से ज्यादा ढक सके, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, मच्छर भगाने वाली वस्तुओं (repellants) का उपयोग करें (containing DEET, Icaridin or IR3535), मच्छर भगाने वाली coils एवं vaporizer का प्रयोग करें, हर समय अपने घर की जाली की खिड़कियां बंद रखें।मलेरिया के उपचार: मलेरिया से बचाव एवं उपचार के लिए कई दवाओं का उपयोग किया जाता है। किस तरह की दवाई मरीज को देनी है यह एक डॉक्टर निम्न बातों को ध्यान में रखते हुए तय करता है:मलेरिया का प्रकारक्या मलेरिया parasite किसी दवा के प्रति प्रतिरोधी (resistant) हैमरीज का वजन और उम्रक्या मरीज गर्भवती (pregnant) हैकुछ सबसे आम दवाएं:Artemisinin आधारित दवाएं एवं Chloroquine : उपचार में काम आती हैंPrimaquine: संक्रमण को दोबारा न होने देने के प्रति काम करती है(Artemisinin-based combination therapy medicines: Effective in treatment for P. falciparum malaria.Chloroquine: Effective in treatment of infection with the P. vivax parasite only in places where it is still sensitive to this medicine.Primaquine: Is added to the main treatment to prevent relapse of infection with the P. vivax and P. ovale parasites)ज्यादातर दवाइयां गोली के रूप में ही होती है। केवल कुछ ही लोगों को इंजेक्शन के लिए अस्पताल जाने की जरूरत पड़ सकती है।source: https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/malaria

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प्रोस्टेट के लक्षणों को दूर करने के लिए lifestyle changes

प्रोस्टेट (Prostate) बढ़ने के लक्षण?कई बार हो सकता है कि BPH वाले पुरुषों को कभी पता ही ना चले कि उनका prostate बढ़ गया है, लेकिन अक्सर BPH कुछ परेशानियों के साथ आता है, जैसे:बार-बार पेशाब/ urine आना, खासकर रात मेंकम कम urine निकलना, जैसे कि सिर्फ टपकना या leak होनाurine के दौरान कुछ कठिनाई जैसे शुरू करने या रोकने मेंऐसा महसूस होने कि एक बार में पूरा यूरिन नहीं निकल पाया होकुछ lifestyle changes जो Prostate के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकते हैं:प्रोस्टेट की समस्याओं से राहत पाने के लिए 5 सबसे असरदार जीवनशैली(lifestyle changes) में बदलाव जैसे नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, वजन नियंत्रित रखना, धूम्रपान छोड़ना और कैफीन व शराब का सेवन कम करना बेहद फायदेमंद हो सकता है।व्यायाम करें: नियमित रूप से व्यायाम और meditation करना। Deep breathing exercises तनाव कम करने में मदद करती हैं। पुरुष जो घबराए हुए और तनावग्रस्त होते हैं, वह अधिक बार यूरिन पास करते हैं।समय लें: जब आप bathroom में हों, तो थोड़ा समय लगाकर पूरी तरह से अपनी urine की नाली को खाली करें। इससे बार-बार urine के लिए जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।Urine टपकने से रोकें: Urine करने के बाद टपकने को कम करने के लिए, एक हाथ की दो या तीन अंगुलियों को अपने scrotum के लगभग एक इंच पीछे रखें और धीरे से ऊपर की ओर दबाएं।अपने डॉक्टर से बात करें: Antihistamines और Decongestants जैसी कुछ दवाओं से urine पर भी प्रभाव पड़ता है। आपका डॉक्टर खुराक का समय बदल सकता है या फिर कोई दूसरी दवा भी लिख सकता है।शाम को liquids पीने से बचें: विशेष रूप से caffeine युक्त और alcoholic liquids से बचें।दवाएं तो हमेशा एक विकल्प होते हैं, लेकिन कुछ आसान lifestyle changes prostate के बढ़ने के लक्षणों को दूर करने में काफी मददगार हो सकते हैं। क्यों न इन्हें आजमाएं?Source:-1.https://www.health.harvard.edu/mens-health/4-tips-for-coping-with-an-enlarged-prostate

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पुरुषों में Prostate Gland बढ़ने की समस्या के लक्षण और उसका इलाज!

ज्यादातर पुरुषों की लंबाई लगभग 18 साल की उम्र तक ही बढ़ती है, लेकिन 40 साल के बाद उनका prostate gland अक्सर बढ़ने लगता हैं। 51 से 60 साल की उम्र के लगभग 50% पुरुष और 80 से अधिक उम्र के 90% पुरुष Benign Prostatic Hyperplasia (BPH) से प्रभावित होते हैं।बीपीएच के इलाज के लिए सबसे पहले विकल्प हैं:जीवनशैली में बदलाव: व्यायाम करना, पेशाब टपकने से रोकना और शाम के समय ज्यादा liquids लेने से बचना।दवाएं: Uroxatral, Flomax, Avodart, Proscar and Cialis.जैसी कुछ दवाएं।कुछ महीनों में आपको पता चल जाएगा कि ये जीवनशैली में बदलाव या ये दवाएं आपके लिए काम कर रही हैं या नहीं।अगर जीवनशैली में बदलाव और दवाएं काम नहीं करें तो क्या होगा?जब बीपीएच के लक्षणों का इलाज करने में यह उपचार प्रभावी नहीं होते हैं, और यदि बढ़ी हुई prostate gland की वजह से कुछ medical issues हो रहे हो जैसे urine infection, तो सर्जरी ही सबसे अच्छा विकल्प होता है।बीपीएच के लिए कौन सी सर्जरी कौन सी है?Prostate का Transurethral resection (TURP), BPH के लिए एक माना हुआ surgical approach है। इस प्रक्रिया में एक resectoscope ( पतली सी नली ) को जिस tube से पेशाब निकलता है, वहां से डालकर prostate तक पहुंचाया जाता है। इस resectoscope में एक छोटा camera और एक electrical loop होता है जो कि prostate tissue को mechanically हटाने के लिए प्रयोग किया जाता है। साथ ही loop गर्मी उत्पन्न करता है, जो blood vessels को जल्दी से बंद कर देता है। TURP लगभग 90 मिनट तक चलती है और local या general anesthesia देकर की जाती है।यह लगभग 85% से 90% पुरुषों में प्रभावी है।Transurethral electrovaporization (TUEVP), transurethral vaporesection (TUVRP) and plasmakinetic enucleation of the prostate (PkEP) भी TURP के कुछ अन्य रूप हैं जिनके वैसे ही परिणाम होते हैं।Source:- 1.https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK481492/#:~:text=Surgery can very effectively reduce,such as urinary tract infections. 2. http://www.health.harvard.eduwww.health.harvard.edu/mens-health/treatment-for-an-enlarged-prostate#:~:text=If you have a large,some less invasive than others.

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Benign Prostatic Hyperplasia (BPH) के लक्षणों में राहत देती हैं ये दवाएं

Benign Prostatic Hyperplasia (BPH) यानी बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि जो कई पुरुषों में बढ़ती उम्र के साथ देखी जाती है। इसकी वजह से पुरुषों को बहुत सी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं, जैसे बार-बार पेशाब आना, टपकना, या पेशाब करने में परेशानी। बाजार में इस समस्या के इलाज के लिए कुछ दवाएं उपलब्ध हैं जो इन लक्षणों में राहत देती हैं आइए जानते हैं इन दवाओं के बारे में:1. Alpha-blockersAlpha-blockers दवाएं, प्रोस्टेट और ब्लैडर के muscles को relax करती हैं, जिससे पेशाब करना आसान हो जाता है। ये दवाएं BPH के दूसरे लक्षणों में भी मदद करती हैं। सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली दवाएं Alpha-blockers हैं।TamsulosinAlfuzosinDoxazosinये दवाएं हाई ब्लड प्रेशर में भी उपयोगी होती हैं क्योंकि ये ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करती हैं।2. 5-alpha reductase inhibitorsये दवाएं प्रोस्टेट के बढ़ाने वाले hormones को कम करती हैं, जिससे प्रोस्टेट का आकार सीमितहो जाता है। इससे लक्षणों में सुधार आता है। सबसे आम दवाएं हैं:FinasterideDutasterideइन दवाओं का असर दिखने में थोड़ा समय लग सकता है, कभी-कभी कई महीने भी लग सकते हैं।3. Combination दवाएंकभी-कभी डॉक्टर Alpha-blockers और 5-alpha reductase inhibitors दोनों का combination देते हैं, क्योंकि यह combination लक्षणों में ज्यादा राहत दे सकता है। यह उन पुरुषों के लिए अच्छा है जिनके लक्षण बहुत गंभीर हैं और जिनका प्रोस्टेट काफी बढ़ चुका है।अपनी दवाओं के बारे में हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें ताकि आपको सही इलाज मिल सके।अगर आपको पेशाब करने में लगातार परेशानी हो रही है या रात में बार-बार टॉयलेट जाना पड़ रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। जल्दी से जल्दी डॉक्टर से परामर्श लें।Source:- 1. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK481490/ 2. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC6202296/

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पथरी (kidney stones) Diet: 5 daily foods किडनी स्टोन के मरीज भूलकर भी ज्यादा न खाएं!

क्या आपको kidney stones हैं और क्या आप भी इन 5 foods को daily खा रहे हैं? Kidney stones को treat करने की जगह और stones न बनने लगें।5 common foods हैं जिनको kidney stones होने पर नहीं खाना चाहिएनमक: नमक में sodium होता है, और जब आपके body में ज्यादा sodium होता है तो पेशाब में calcium इकट्ठा होने लगता है, जो बाकी chemicals जैसे oxalate या phosphorus से मिलकर stone बना देता है। इसलिए अपने खाने में नमक का सेवन बहुत कम करें, especially बाहर के foods या packaged foods को avoid करें।पालक: पालक में काफी ज्यादा oxalate होता है, जो kidney में रहे calcium से combine होकर stone बना देता है। इसलिए oxalate वाली सब्ज़ियाँ जैसे चुकंदर, भिंडी, या साग का सेवन कम करें।Animal protein: Non-veg food sources जैसे red meat, chicken, eggs, pork का सेवन protein के लिए किया जाता है, लेकिन ये diet आपके body में uric acid का level बढ़ा देती है, जिसके कारण kidney stones के chances बढ़ जाते हैं। क्योंकि जब uric acid बढ़ता है, तो citrate कम हो जाता है, जिसका काम kidney stones को बनने से रोकना होता है।Cold drinks: Coca-Cola, Fanta, Pepsi, Mountain Dew, या कोई भी cold drink हो, सबमें phosphate की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो kidney में जाकर calcium से bind होकर stones बना देती है।Chocolates और dry fruits: Chocolates और dry fruits जैसे cashew, बादाम, या खजूर में oxalate काफी high amount में होता है, जो kidney में calcium के साथ मिलकर calcium oxalate stone बना देता है।तो ध्यान रहे, हर खाना हर वक्त healthy नहीं होता। जिन foods को आप healthy समझ कर खा रहे हैं, वो कभी-कभी आपके लिए harmful भी हो सकते हैं। अगर आपको kidney stones या कोई भी समस्या हो तो अपने doctor या dietician से अपना diet plan ज़रूर बनवाएं।Source:-1. https://www.niddk.nih.gov/health-information/urologic-diseases/kidney-stones/eating-diet-nutrition 2. https://www.health.qld.gov.au/__data/assets/pdf_file/0033/429729/diet-kidney-stones.pdf

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24 October - Polio Awareness Day!

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Mrs. Prerna Trivedi

M.Sc. Nutrition