Low Bone Mass Density: होखे के कारण आ बचाव के तरीका!
Genetic factors के प्राथमिक भूमिका होखेला bone mass के निर्धारण में लेकिन हमनी के जीवनशैली के कारक जईसे आहार अवुरी शारीरिक गतिविधि ओतने जिम्मेदार होखेला। अगर हम खाली हड्डी कहब त... रउरा दिमाग में सबसे पहिले कवन पोषक तत्व आइल? ई कैल्शियम रहे ना? हँ, हमनी के हड्डी के स्वास्थ्य खातिर ई बहुते जरूरी बा. का रउवा कवनो अउरी कारक के बारे में सोच सकत बानी जवन हमनी के स्वस्थ हड्डी आ मजबूत कंकाल बनावे में मदद कर सकेला?एकरा अलावा अउरी कई गो कारक बा। अउरी जानकारी खातिर आईं देखल जाव:विटामिन डी के स्तर : हड्डी के निमन स्वास्थ्य खाती विटामिन डी बहुत जरूरी होखेला, काहेंकी इ कैल्शियम के अवशोषण अवुरी उपयोग में मदद करेला। आपन विटामिन डी के जांच करा लीं। इ हड्डी के bone mass बढ़ावे अवुरी संरक्षित करेला अवुरी गिरला के खतरा कम करेला।शारीरिक गतिविधि : जीवन भर हड्डी के स्वास्थ्य खातिर बहुत जरूरी बा। इ हड्डी के bone mass बढ़ावे अवुरी संरक्षित करेला अवुरी गिरला के खतरा कम करेला। आज ही शारीरिक गतिविधि शुरू करे के बा। शारीरिक गतिविधि पर वीडियो के लिंक नीचे दिहल विवरण में खोजीं। शरीर के वजन शरीर के वजन के स्वस्थ राखल जीवन भर हड्डी के स्वास्थ्य खाती जरूरी बा। अगर कम वजन होखे त फ्रैक्चर अवुरी हड्डी के नुकसान के खतरा होखेला। स्वस्थ भोजन करीं आ आपन वजन बीएमआई रेंज में राखीं.प्रजनन संबंधी मुद्दा : हालांकि गर्भावस्था अवुरी दुध पियावे से आम तौर प स्वस्थ वयस्क महिला के कंकाल के नुकसान ना होखेला। Menopause से पहिले Amenorrhea (मासिक धर्म बंद होखल) हड्डी के स्वास्थ्य खाती बहुत गंभीर खतरा होखेला। एह समस्या के सामना करे से पहिले अपना डॉक्टर से मिल लीं।कुछ चिकित्सा स्थिति अवुरी दवाई : इ सभ हड्डी के स्वास्थ्य के कई प्रकार के तंत्र के माध्यम से प्रभावित क सकता। आ रउरा हड्डी के स्वास्थ्य के अउरी जांच के जरूरत बा.धूम्रपान अवुरी शराब : हड्डी के द्रव्यमान कम करेला अवुरी फ्रैक्चर के खतरा बढ़ेला।धूम्रपान आ शराब के ना कह दीं.याद राखीं कि कैल्शियम अवुरी विटामिन डी प खास ध्यान देवे के संगे संतुलित आहार अवुरी शारीरिक गतिविधि के कुंजी बा, जागरूक रहीं, जागरूक रहीं अवुरी स्वस्थ रहीं।Source:- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK45503/
पढ़ाई करत समय कइसे जागल रही? पढ़ाई बिना नींद के करे खातिर कुछ टिप्स!
का एहीसे भइल बा कि रउआ पढ़े बइठल बानीं, पूरा तैयारी के साथ, आ आधा घंटा भी नइखे भइल कि आलस आ गइल बा, पलक भारी हो रहल बा, आ रउआ बस सूत जाए के मन कर रहल बा, जबकि पढ़ाई जरूरी बा?घबराईं मत, रउआ अकेले नइखीं, बहुते लोगन के अइसहीं होला।त ई बताइं कि पढ़ते बखत नींद कइसे भगाईल जा आ पढ़ाई पूरा कइसे कइल जा?आज के वीडियो में हम 5 अइसन टिप्स बताइब, जवन फॉलो क के रउआ पढ़ते बखत नींद ना आई। त चलीं शुरू करल जाव:अच्छे से नींद पूरा करीं: रउआ सोच रहल बानीं कि नींद भगावे के बात हो रहल बा, आ हम सूते के कहत बानीं। जब पूरा नींद ना मिलेला त फोकस, कंसन्ट्रेशन आ मेमोरी कमजोर हो जाला। रोजाना एक टाइम फिक्स करीं आ 6 घंटा के नींद लेवे के कोशिश करीं।अच्छा रोशनी में पढ़ाई करीं: अगर रउआ तेज रोशनी में पढ़ाई करब त दिमाग एक्टिव रहेला आ नींद नइखे आवत। लेकिन डिम लाइट में पढ़ला से मेलाटोनिन बनत बा, जेसे नींद आवे लगेला।बिस्तर पर ना पढ़ीं: बिस्तर पर पढ़ला से शरीर आरामदायक महसूस करेला आ सुस्ती आ जाले, जेसे ध्यान पढ़ाई से हटके नींद पर चल जाला।पानी पीते रहीं आ हल्का खाना खाईं: समय-समय पर पानी पिए से दिमाग में ऑक्सीजन बनेला, नींद ना आवे आ फोकस बरकरार रहेला। साथे हल्का खाना, जइसे फल आ ड्राई फ्रूट्स, एनर्जी देला, दिमाग एक्टिव रहेला।च्यूइंग गम चबाईं: च्यूइंग गम चबावे से दिमाग के वो हिस्सा एक्टिव रहेला जहाँ मेमोरी स्टोर होला। एह से दिमाग अलर्ट रहेला आ नींद नइखे आवत।साथे पढ़ाई के बीच-बीच में थोड़-बहुत चलल-फिरल भी याद रखीं, जइसे हर 1 घंटा पर 10-15 मिनट के वॉक करीं। एहसे खून के संचार बेहतर होखेला आ रउआ एक्टिव आ जागल रहत बानीं।Source:- 1.https://www.researchgate.net/publication/339137655_How_To_Avoid_Sleep_While_Studying 2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4075951/
तेल के बार-बार गरम करे के नुकसान!
आज हर जगह लोग इहे सवाल पूछ रहल बा कि “खाना के तेल के दोबारा इस्तेमाल कईला से का नुकसान बा?”भारतीय लोग के तेल के इस्तेमाल से खाना बनावे के बहुत शौक बा।आ अगर कवनो खास मौका होखे त भारत भा भारतीय त्योहारो बिना पूरा आ पकोडा बनवले पूरा ना होखे जवन निश्चित रूप से डीप फ्राइड होखे.लेकिन देखल गईल बा कि हमनी के अक्सर अपना खाना बनावे में एकही तेल के बार-बार इस्तेमाल करेनी जा, ताकि लागत में बचत होखे अवुरी तेल के बर्बादी भी कम से कम होखे। खाली हमनी के घर में ना, सड़क के किनारे खाना के स्टॉल, होटल अवुरी रेस्टोरेंट में हर जगह तेल के दोबारा इस्तेमाल होखता। लेकिन, एकही खाना बनावे के तेल के बार-बार दोबारा इस्तेमाल कईला के दुष्प्रभाव के बारे में केहु कबो ना बोलेला।आज समझल जाव जब खाना बनावे के तेल के बार-बार दोबारा इस्तेमाल हो रहल बा त का होला!खाद्य तेल के बार-बार इस्तेमाल आ तलला से टोटल पोलर कम्पोउंड (TPC) बने ला जेवना से ई मनुष्य के खपत खातिर अयोग्य हो जाला। खाना बनावे के तेल के पोषण संबंधी गुण प भी बहुत असर पड़ेला, काहेंकी एकरा के बार-बार दोबारा गरम कईल जाला।खाना बनावे के तेल के दोबारा इस्तेमाल से हमनी के स्वास्थ्य प कईसन असर पड़ेला?कई गो अध्ययन सभ से साबित भइल बा कि खाना बनावे के तेल के दोबारा गरम कइल जा सके ला:विषाक्त पदार्थ छोड़ल जवन हानिकारक होखे एकरा में ट्रांस- फैट के मात्रा बढ़ जाला अब ताजा ना रहीं आ एहसे स्वाद भा गंध खराब हो सकेला कुछ बहुत हानिकारक प्रतिक्रिया पैदा करींतेल के दोबारा गरम कईल लोग के स्वास्थ्य खाती बहुत नुकसानदेह हो सकता। तेल के दोबारा गरम कईल लोग के स्वास्थ्य खाती बहुत नुकसानदेह हो सकता। एकर बहुत गंभीर नुकसानदेह असर हो सकता।खाना बनावे खातिर तेल के इस्तेमाल में हमनी के कवन सावधानी बरती सकेनी जा?तेल के दोबारा गरम करत घरी नुकसानदेह प्रभाव के कम करे के कुछ उपाय कईल गईल बा।तेल के ढेर समय तक गरम ना करे के चाहीं , डीप फ्राइंग से पहिले खाद्य पदार्थ में नमक ना डाले तेल में खाद्य कण जमा होखे से बचे के चाहीं ताकि दूषितता कम से कम होखे।हालांकि, हमेशा बेहतर होखेला कि खाद्य तेल के दोबारा इस्तेमाल के कड़ाई से नियंत्रित कईल जाए, ताकि हमनी के खाना बनावे के तेल के दोबारा गरम होखे के नुकसान से बचावे में मदद मिल सके।Source:-1https://www.researchgate.net/publication/336800574_The_Effect_of_Repeatedly_Cooking_Oils_on_Health_and_Wealth_of_a_Country_A_Short_Communication 2. https://fssai.gov.in/upload/media/FSSAI_NEws_Oil_Insider_30_09_2019.pdf
हर दिन साइकिल चलावे के 5 फायदा!
आज हमनी के साइकिल चलावे के स्वास्थ्य लाभ के बारे में बात करब जा। का रउवा जानत बानी कि सिर्फ साइकिल चलावे से दिल के बेमारी के खतरा 50% कम हो जाला?साइकिल चलावे के स्वास्थ्य खातिर अउरी कई गो फायदा बा। शुरुआत कइल जाव:हृदय के स्वास्थ्य के समर्थन करेला: साइकिल चलावे में शरीर में जादा ऑक्सीजन के जरूरत होखेला, जवना के चलते दिल के जादा खून पंप करे के पड़ेला। अयीसन कईला से दिल के मांसपेशी मजबूत हो जाले अवुरी खून के संचार भी निमन रहेला, जवन कि समग्र रूप से दिल के स्वास्थ्य खाती बहुत निमन बा। माने कि दिल से जुड़ल समस्या जइसे कि स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर आदि के संभावना कम हो जाला।वजन घटावे: मात्र एक घंटा साइकिल चलावे से लगभग 600 कैलोरी बर्न हो सकता। साइकिल चलावे के दौरान शरीर के ऊर्जा के जरूरत होखेला, जवन कि कैलोरी मिलेला अवुरी एकरा संगे-संगे शरीर के चर्बी भी कम होखे लागेला, जवन कि वजन घटावे में मदद करेला।मूड में सुधार करेला: साइकिल चलावे से शरीर में एंडोर्फिन यानी फीलिंग-गुड हार्मोन निकलेला, अवुरी तनाव के हार्मोन भी कम होखेला, जवन कि तनाव के कम करेला अवुरी मानसिक स्वास्थ्य के भी निमन राखेला।मांसपेशी के मजबूत करेला: साइकिल चलावे से पैर के सभ मांसपेशी मजबूत हो जाला, चाहे उ जांघ होखे, ओकर लचीलापन बढ़ जाला अवुरी ओकरा में मौजूद चर्बी भी कम होखे लागेला, जवना के चलते पैर Toned देखाई देवेलाजोड़ के स्वास्थ्य खाती निमन: साइकिल चलावे से जोड़ प ओतना असर ना पड़ेला, जेतना कि दौड़ला से होखेला, जवना के चलते घुटना अवुरी कमर के चाल चिकना हो जाला। आ जवना लोग के जोड़ के समस्या बा ऊ लोग साइकिल चलावे के काम भी आसानी से कर सकेला.त रउरा का इंतजार करत बानी? आज से साइकिल चलावल शुरू करीं, अवुरी स्वस्थ शरीर अवुरी दिमाग के संगे-संगे अपना शरीर के फिट राखी।Source:- 1. https://www.health.harvard.edu/blog/biking-and-sex-avoid-the-vicious-cycle-201209145290 2. https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/cycling-health-benefits
वजन बढ़े के चिंता बा? देखी तोहार मन तोहरा के का कर रहल बा।
हो सकता कि राउर वजन भी जादा ना होखे लेकिन अभी भी राउर मोटापा के बेहद चिंता बा। रऊवाॅं अपना खानपान के सीमित करे के भी फैसला कईले बानी। रउरा का लागत बा कि ई का हो सकेला?हो सकेला कि ई बस खाली जीवनशैली में बदलाव ना होखे बाकि ई एनोरेक्सिया नर्वोसा के गंभीर लक्षण हो सकेला, लगभग 1% युवा महिला लोग एह गंभीर समस्या से पीड़ित बाड़ी।केकरा खतरा बा?अइसन 80-90% मामिला किशोरी लड़िकियन (लगभग 15 साल के उमिर) में पावल जालें। एह स्थिति के चलते बहुत हद तक वजन घट जाला अवुरी ए छोट लईकिन के जल्दीए अस्पताल में भर्ती होखे के पड़ेला। दुर्भाग्य से एनोरेक्सिया नर्वोसा में कवनो मनोरोग के मौत के दर सबसे जादा बा।कवन-कवन बदलाव लउकत बा?छोट लईकी अक्सर ओ खाद्य पदार्थ के बाहर करे चाहे कम करे लागेली, जवन कि उ सामान्य रूप से खाली। उ लोग स्कूल के लंच, पारिवारिक डिनर छोड़ सकतारे चाहे मिठाई चाहे स्नैक्स जईसन खास चीज़ से इनकार तक क सकतारे। हो सकेला कि ऊ अपना आहार के योजना बना सकेली जवना में चीनी आ वसा ना होखे एनोरेक्सिया नर्वोसा के 6 गंभीर लक्षण:मासिक धर्म के अभाव (एमेनोरिया)डिप्रेशनगुस्सा से फिट हो जालाएकाग्रता के समस्यानींद के मुद्दासामाजिक वापसीएनोरेक्सिया नर्वोसा से का हो सकेला?एह बेमारी के साथ अक्सर कुछ गंभीर बेमारी भी होलीं जइसे कि:. Obsessive Compulsive disorder (OCD)मादक पदार्थ के प्रयोग के विकारचिंता के विकारएनोरेक्सिया नर्वोसा के निदान से लेके ठीक होखे तक औसतन 5 से 6 साल लागेला।Source:- 1. https://www.diva-portal.org/smash/get/diva2:559498/FULLTEXT02.pdf 2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1857759/
मखाना खाने के 5 अद्भुत फायदे!
मखाना, जिसे फूल मखाना भी कहा जाता है, वॉटर लिली पौधे (नीलकमल) के बीज से आता है । मखाना को लोटस सीड भी कहा जाता है। अन्य मेवों की तरह, मखाना पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसे अक्सर नाश्ते के रूप में खाया जाता है।मखाना खाने से कुछ आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इसका उपयोग पारंपरिक चीनी चिकित्सा और आयुर्वेद में एक दवा के रूप में किया जाता है। आइए जानें मखाना खाने के आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभों के बारे में:1.चमकदार और युवा त्वचा: मखाने में गैलिक एसिड और क्लोरोजेनिक एसिड जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये आपकी त्वचा को नुकसान से बचाते हैं और उसे जवां और चमकदार बनाते हैं।2.पीरियड्स के दौरान होने वाली परेशानी को कम करता है: मखाना खाने से शरीर में एसिडिटी कम होती है, जिससे गैस्ट्रिक की समस्या नहीं होती है। यह कई महिलाओं को उनके मासिक धर्म के दौरान महसूस होने वाली असुविधा को भी कम करता है।3.आपके बालों को पोषण देता है: मखाने में केम्पफेरोल नामक एक यौगिक होता है, जो आपके बालों के लिए कंडीशनर की तरह काम करता है। यह आपके बालों को जड़ों से मजबूत बनाता है, चमक लाता है और रूखापन कम करता है।4.पुरुषों में नपुंसकता में सहायक: मखाना जिंक, पोटेशियम, सोडियम और फाइबर से भरपूर होता है। ये पोषक तत्व नपुंसकता जैसी यौन समस्याओं का इलाज करने में मदद करते हैं, खासकर अगर यह उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा या तनाव के कारण होता है।5.रक्त को डिटॉक्स और शुद्ध करता है: मखाना आपके पूरे शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। यह मृत लाल रक्त कोशिकाओं को पुनर्चक्रित करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है।मखाना खाने से मधुमेह को नियंत्रित करने, रक्तचाप को नियंत्रित करने, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने, आपको बेहतर नींद देने और आपकी हड्डियों और दांतों को मजबूत करने सहित कई अन्य लाभों में मदद मिलती है।तो, आज ही मखाना का एक पैकेट प्राप्त करें! इसे भून लें और नाश्ते के रूप में इसका आनंद लें, या पूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए इसे दूध के साथ पीएं। लेकिन याद रखें, रोजाना करीब 30 ग्राम मखाना ही खाएं। किसी भी चीज का बहुत ज्यादा सेवन आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है!source: https://www.thepharmajournal.com/archives/2023/vol12issue6/PartAY/12-6-480-945.pdf https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC8269573/
खाना बनावे के तेल के दोबारा गरम करे के बुरा असर!
श्रीमती प्रेरणा त्रिवेदी
एमएससी पोषण
नवरात्रि के उपवास खातिर प्रोटीन वाला आहार!
डॉ. ब्यूटी गुप्ता
डॉक्टर ऑफ फार्मेसी
बहुत ज्यादा सूर्य के रोशनी नुकसानदेह होला!
डॉ. ब्यूटी गुप्ता
डॉक्टर ऑफ फार्मेसी