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गर्भावस्था में हाइपरथायराइडिज्म : गर्भावस्था के दौरान थाइरॉइड कईसे बढ़ेला?

थाइरॉइड एगो तितली के आकार के ग्रंथि ह जवन आपके गर्दन के आगे के हिस्सा में स्थित होखेला। 

 

थाइरॉइड हार्मोन आपके बच्चा के दिमाग अवुरी तंत्रिका तंत्र के सही विकास खाती बहुत जरूरी होखेला। काहे कि, गर्भावस्था के पहिला 3 महीना में आपके शरीर से बने वाला थाइरॉइड हार्मोन के placenta के माध्यम से आपके बच्चा के होखेला। जब आपके गर्भावस्था दूसरा तिमाही में पहुंच जाला त आपके बच्चा के थाइरॉइड ग्रंथि में थाइरॉइड हार्मोन पैदा होखे लागेला, लेकिन एकर मात्रा में कमी आवेला। एहसे आपके शरीर में पैदा होखेवाला थाइरॉइड हार्मोन तब तक जरूरी रहेला जब तक कि आपके गर्भावस्था 18-20 सप्ताह ना हो जाला।

एही से, जदी गर्भावस्था के दौरान महिला के हाइपरथायरायडिज्म के अनुभव होखे त एकर जांच कईल मुश्किल हो सकता।

आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान हाइपरथायरायडिज्म के प्राथमिक कारण ग्रेव्स के बेमारी होला। ग्रेव्स डिजीज एगो ऑटोइम्यून डिसऑर्डर ह जवना में आपके शरीर में थाइरॉइड स्टिम्युलेटिंग इम्यूनोग्लोबुलिन (TSI) पैदा होखेला। टीएसआई एगो प्रकार के एंटीबॉडी ह जवन थाइरॉइड हार्मोन के उत्पादन के बढ़ावेला। कुछ मामिला में गंभीर चकर आ उल्टी जेकरा चलते वजन घटल आ पानी के कमी हो जाला, जेकरा के hyperemesis gravidarum, के नाँव से जानल जाला, गर्भावस्था के दौरान हाइपरथायरायडिज्म भी हो सके ला। Hyperemesis gravidarum, के दौरान एचसीजी हार्मोन के स्तर बढ़ जाला, जवन कि थाइरॉइड हार्मोन के स्तर बढ़ जाला। आमतौर प इ समस्या गर्भावस्था के 6 महीना के भीतर ठीक हो जाला। 

 

गर्भावस्था के दौरान हाइपरथायरायडिज्म के कुछ आम लक्षण में शामिल बा:

  • दिल के धड़कन बढ़ल बा
  • बेसी गरम महसूस
  • बेहद थकान
  • काँपत हाथ
  • वजन में घटाव
  • या गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़े के कमी। अगर रउरा एहमें से कवनो लक्षण लउकत बा त रउरा अपना डाक्टर से सलाह लेबे के चाहीं अगर रउरा एहमें से कवनो लक्षण लउकत बा त रउरा अपना डाक्टर से सलाह लेबे के चाहीं.

 

Source:- 1.https://www.niddk.nih.gov/health-information/endocrine-diseases/pregnancy-thyroid-disease 

                2. https://www.hopkinsmedicine.org/health/conditions-and-diseases/staying-healthy-during-pregnancy/hypothyroidism-and-pregnancy

अस्वीकरण के बा:

ई जानकारी मेडिकल सलाह के विकल्प ना ह। अपना इलाज में कवनो बदलाव करे से पहिले अपना स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं। मेडविकी पर देखल भा पढ़ल कवनो बात के आधार पर पेशेवर चिकित्सा सलाह के अनदेखी भा देरी मत करीं.

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डॉ. ब्यूटी गुप्ता

Published At: Sep 24, 2024

Updated At: Nov 5, 2024