एक्जिमा का आयुर्वेदिक उपचार
एक्जिमा के इलाज के लिए आयुर्वेद इन तरीकों का उपयोग करता है जैसे कि :
- शोधन: मुख्य रूप से वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिन्हें एक्जिमा का मूल कारण माना जाता है।
विधि: पंचकर्म शोधन, एक detoxification treatment है जो toxins (अमा) से छुटकारा पाने और शरीर को वापस संतुलन में लाने के लिए पांच तकनीकों का उपयोग करता है। ये तकनीकें नस्य (nasal drops), बस्ती (औषधीय एनीमा), विरेचन (purgation), वमन (therapeutic vomiting), और रक्तमोक्षण (bloodletting) हो सकती हैं।
- स्थानिका अभ्यंग: मुख्य रूप से दोष संतुलन को restore करके प्रभावित क्षेत्रों को शांत करने और इलाज करने पर केंद्रित है।
विधि: एक्जिमा से प्रभावित क्षेत्रों पर therapeutic herbal oil लगाएं और circulation में सुधार, skin के renewal और repair को बढ़ावा देने, सूजन और असुविधा को कम करने के लिए धीरे से मालिश करें।
- हर्बल remedies-
नीम- यह पित्त और कफ दोषों को संतुलित करने के लिए जाना जाता है। यह एक्जिमा के कारण होने वाली सूजन, खुजली, शुष्क त्वचा, एरिथेमा और घावों को कम करने में मदद करता है।
तुलसी- इसके antibacterial और एंटीफंगल गुणों के कारण त्वचा संक्रमण के इलाज के लिए इसका उपयोग नीम के साथ किया जाता है। चेहरे पर एक्जिमा के इलाज के लिए तुलसी विशेष रूप से उपयोगी है।
Source:-Dija T Lawrence, A. R. (2023, july). Ayurvedic management of Vicharchika (Eczema) - A Case Report. Retrieved from Research Gate: https://www.researchgate.net/publication/372755089_Ayurvedic_management_of_Vicharchika_Eczema_-_A_Case_Report
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