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Birth control pill: क्या यह आपकी fertility को कम कर देती है?

Contraceptive pills लेने से आगे चल के बच्चे नहीं हो सकते! गर्भ निरोधक गोलियों को लेने से हमारे reproductive organs damage हो जाती हैं जिसके कारण बांझपन हो जाता है!क्या आपने भी ये सब सुना है, हर महिला को ये सुनने को जरूर मिलता है।लेकिन क्या सच में गर्भ निरोधक यानी contraceptive pill लेने से infertility होती है? नहीं, बिल्कुल नहीं। गर्भ निरोधक गोलियों को लेने से बांझपन नहीं होता। ये सिर्फ़ एक myth है जो हमारे society में काफ़ी time से चली आ रही है।अब आइए जानते हैं science क्या कहता है इस बारे में:गर्भ निरोधक गोलियों का काम आपके body में hormones को regulate करना होता है जिससे आपका menstruation regular बना रहता है। तो आप जब oral contraceptive pills ले रहे होते हैं तो ये आपके body में egg नहीं बनने देता, जिसके कारण कोई भी sperm उसको fertilize नहीं कर पाता, और आप pregnant नहीं होते।इसका मतलब साफ है कि गर्भ निरोधक गोलियों को लेने से आपकी pregnancy prevent होती है, infertility नहीं होती। जैसे ही आप इन pills को लेना छोड़ते हैं, अगले 1-2 हफ़्ते या फिर maximum 2 महीने में आपके body के hormones फिर से normal हो जाते हैं और maximum 6 month से 1 साल के अंदर आप conceive कर लेते हैं। आप pregnant हो सकते हैं।ऐसी कोई भी study नहीं है जिससे ये prove हुआ हो कि गर्भ निरोधक गोलियों को खाने से infertility यानी बांझपन होता है। मगर इन गोलियों को लेने से आपके hormones regulate होते हैं, periods में होने वाले cramps कम होते हैं और साथ ही endometriosis या फिर endometrial cancer और ovarian cancer होने के chances को भी कम करता है। अगर किसी को infertility हो रही है या फिर pregnancy में delay हो रहा है तो उसके पीछे age, lifestyle या health conditions हो सकती हैं।तो ऐसी किसी अफ़वाह पे विश्वास ना करके, अपने doctor से बात करें और अपने body की requirement के हिसाब से best contraceptives का use करें।Source:- 1. https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S2590151623000151 2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6055351/

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Pregnancy से जुड़े 5 common myths और उनकी सच्चाई!

अक्सर लोग इन myths को सच मान लेते हैं, और इससे कई misconceptions पैदा होते हैं। आज हम इन myths को एक-एक करके bust करेंगे, ताकि आप सही जानकारी के साथ अपनी fertility journey को समझ सकें। तो चलिए शुरू करते हैं!Myth: जब आप pregnant होने की कोशिश कर रहे हों, तो हर दिन sex करना चाहिए।Truth: हर दिन sex करना ज़रूरी नहीं है। हर 2-4 दिनों में sex करना enough है pregnant होने के लिए। लेकिन अगर आदमी ज़्यादा frequently ejaculate करता है, तो sperm quality और count कम हो सकते हैं, जिससे conception में परेशानी हो सकती है।Myth: केवल महिलाओं की fertility उम्र के साथ कम होती है।Truth: उम्र के साथ महिलाओं और पुरुषों दोनों की fertility प्रभावित होती है। महिलाओं की fertility 35 साल की उम्र के बाद decline होने लगती है, जबकि पुरुषों की sperm quality 40 साल के बाद कम होनी शुरू हो जाती है।Myth: conceive करने के लिए sex के बाद flat लेटना ज़रूरी है।Truth: pregnant होने के लिए sexual intercourse के बाद flat लेटना ज़रूरी नहीं है। कोई study नहीं है जो ये दावा करती हो कि sex के बाद flat लेटने से pregnancy के chances बढ़ते हैं। बल्कि, ovulation period के दौरान sex करना ज्यादा important है pregnant होने के लिए।Myth: आप अपने menstrual cycle के किसी भी time pregnant हो सकते हैं।Truth: आप तभी pregnant हो सकते हैं अगर आप ovulation के दौरान या उससे कुछ दिन पहले sex करते हैं। अगर आप ovulation से ठीक पहले sex करते हैं, तो pregnancy के chances ज्यादा होते हैं।Myth: Sperm quality तब सबसे अच्छी होती है जब आप कम से कम 10 दिनों तक sex नहीं करते।Truth: नहीं, sperm की best quality तब होती है जब आप हर 2-3 दिन में ejaculate करते हैं। लंबे समय तक ejaculate न करने से sperm damaged या dead हो सकते हैं।Source:-1.https://www.cdc.gov/reproductive-health/infertility-faq/

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क्या गर्भ निरोधक लेने से वजन बढ़ता है? | गर्भ निरोधक और वजन बढ़ना!

गर्भ निरोधक गोलियाँ यानी Birth Control Pills का उपयोग प्रेगनेंसी को रोकने के लिए किया जाता है, साथ ही PCOD और irregular पीरियड्स में भी गर्भ निरोधक Tablets का use किया जाता है।लेकिन जैसे ही महिलाएँ गर्भ निरोधक Pills लेना शुरू करती हैं, कुछ ही दिनों बाद उन्हें मोटापा महसूस होने लगता है या फिर वजन बढ़ा हुआ दिखने लगता है। पर क्या सच में गर्भ निरोधक Pills से मोटापा होता है?गर्भ निरोधक गोलियाँ 2 किस्म की होती हैं:Combination Pill (Estrogen and Progesterone)Progesterone Only PillEstrogen और Progesterone Female Hormones हैं जो आपके Reproductive System को Maintain करते हैं। और जब आप गर्भ निरोधक Pills लेते हैं तो आपके Body में पानी जमा होने लगता है जिसके कारण वजन बढ़ा हुआ नजर आ सकता है, लेकिन वो Temporary होता है। इसका मतलब गर्भ निरोधक Pills लेने से मोटापा नहीं होता, बस कुछ समय के लिए वजन बढ़ जाता है और फिर वापस Normal हो जाता है।गर्भ निरोधक Pills लेने से कैसे वजन बढ़ता है?जब आप सिर्फ Progesterone Hormone वाली गर्भ निरोधक Pills लेते हैं तो आपका वजन नहीं बढ़ता क्योंकि ये गोलियाँ आपके Body में किसी किस्म का Water Retention नहीं करती।लेकिन जब आप Estrogen और Progesterone Combined Pills लेते हैं तो आपका वजन कुछ समय के लिए बढ़ जाता है, क्योंकि Estrogen Hormone जब Body में Increase होता है तो Vasopressin Hormone भी बढ़ जाता है जिसे Anti Diuretic Hormone भी कहते हैं। Anti Diuretic Hormone का काम प्यास बढ़ाना और शरीर से पानी को निकालने से रोकना है, जिसके कारण Body में पानी जमा होने लगता है और आपको आपका वजन बढ़ा हुआ लगता है, जो Progesterone Hormone के कारण कुछ समय में वापस Normal हो जाता है।तो गर्भ निरोधक Pills लेने से मोटापा नहीं होता बस Temporary Weight Changes होते हैं, जो वापस Normal हो जाता है।Source:- 1. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK441582/ 2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3880912/

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गर्भावस्था के दौरान जंक फूड का आपके अजन्मे बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रभाव!

Pregnancy ek aisa phase hai jab माँ jo kuch bhi खाती हैं, uska direct असर unke होने वाले baby par padta hai. Toh agar aap junk food ज़्यादा खाती हैं toh usse kya kya problems हो सकती हैं, ye hum aaj detail me samjhenge!बच्चे को Asthma aur Allergies hone ka risk बढ़ जाता है: Junk foods me काफी सारा saturated fat aur sugar होता है, जो body me inflammation करता है, जिसके कारण immune system weak होने लगता है. Agar pregnant lady junk food ज़्यादा consume करती है, toh unke baby ka immunity weak हो जाता है, जिससे बच्चे को allergies ya asthma जैसी problems हो सकती हैं.बच्चे को Genetic Abnormality हो सकती है: Junk foods me काफी additives, preservatives, aur chemicals होते हैं जो आपके blood me mix हो जाते हैं. Jab ek pregnant woman junk food consume करती है, ye chemicals unke blood के through baby तक पहुँच जाते हैं, aur DNA ko damage करते हैं. Iska असर ye होता है ki बच्चे में genetic abnormalities ka risk बढ़ जाता है.बच्चे का वजन ज़्यादा हो सकता है: Is condition ko "Macrosomia" कहते हैं. Junk food me बहुत ज़्यादा calories होती हैं, जिसके कारण pregnant mother aur baby दोनों का वजन बढ़ जाता है. Is वजह से बच्चा normal से बड़ा हो सकता है, जिससे delivery ke time complications हो सकती हैं.बच्चे के Brain Development pe असर पड़ता है: Junk food me calories तो ज़्यादा होती हैं, लेकिन essential nutrients बहुत कम. Is वजह से बच्चे को सही nutrients नहीं मिल पाते, जिससे उनका brain development affect होता है. आगे चलके बच्चा aggressive behavior दिखाने लगता है, aur usko भी high fat aur sugar वाले junk foods पसंद आने लगते हैं, बिल्कुल अपनी माँ की तरह.बच्चे को Future me Diabetes hone ka ख़तरा बढ़ जाता है: Junk food me रहे high sugar aur calories की वजह से baby ke body me glucose aur fat ko metabolize करने की क्षमता कम हो जाती है. Is वजह से future me insulin resistance aur diabetes hone ke chances बढ़ जाते हैं.Agar aap apne होने वाले बच्चे को एक healthy aur happy life देना चाहती हैं, toh apni diet me healthy food ko शामिल करें aur junk food se दूरी बनायें. Apne doctor से apne diet ke बारे में discuss करें aur apne बच्चे के लिए best choose करें.Source:-1. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24635424/ 2. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/17384661/

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डिलीवरी के समय induced labor क्यों और कैसे मददगार होता है? डॉक्टर इसकी सलाह क्यों देते हैं ?

Pregnancy हम सभी की life में एक अलग ही ख़ुशी लाती है, लेकिन कभी कभी चीज़ें हमारे हिसाब से नहीं होती इसलिए बहुत ज़रूरी है कि हम इस आने वाले समय के लिए हर तरह से तैयार रहें। डिलीवरी के बारे में हम सबने Normal delivery, Cesarean delivery और कभी-कभी induced labor से होने वाली डिलीवरी के बारे में सुना है।आखिर doctors labor क्यों induce करते हैं? अगर ये प्रश्न आपके दिमाग में भी है तो इस वीडियो में हम आपको इससे related सब details बताएँगे।यह सब डिलीवरी से पहले समझ लेना बहुत ज़रूरी होता है ताकि birthing process के समय आप हर तरह से प्रेपरेड़ हों।Induced Labor में डॉक्टर दवा या कुछ और medical तरीकों की मदद से uterus में contractions पैदा करते हैं। इसका मकसद बच्चे को जन्म देने के process को शुरू करना होता है।Labor Induce क्यों करना पड़ता है?Doctors कई कारणों से labor induce करने की सलाह दे सकते है। जैसे:Pregnancy की due date निकल जाए या labor शुरू होने से पहले water bag burst हो जाए। ऐसे में risk कम करने के लिए labor induce करना जरूरी हो सकता है।High Blood Pressure, gestational diabetes (pregnancy के दौरान होने वाला diabetes), या fetal distress (बच्चे में तनाव के symptoms दिखना) जैसी situations में labor induce करना जरूरी हो सकता है।यदि उस माँ का इससे पहले कोई बच्चा नहीं बच पाया हो।Ultrasound में बच्चे से related कोई complication का पता लगना।Labor Induce करने के तरीकेMembrane को rupture करना/ water bag को rupture करना: माँ के गर्भ में बच्चा Amniotic Fluid से घिरा रहता है। एक बार जब गर्भाशय (cervix) खुल जाता है और बच्चे का सिर दिखाई देने लगता है, तो Amniotic sac में एक छेद करने से fluid निकल जाता है और contractions शुरू हो जाते हैं जिससे बच्चे को बाहर आने में मदद मिलती है। इससे बच्चे को कोई चोट नहीं पहुंचती। यदि कुछ घंटों के बाद भी labor शुरू नहीं होता है, तो contractions शुरू करने के लिए नसों (veins) से एक दवा दी जाती है।Prostaglandins: Cervix के dilate होने या खुलने से पहले ही वह नरम (soft) हो जाना चाहिए। कई बार यह प्रक्रिया labor शुरू होने से पहले ही शुरू हो सकती है। लेकिन अगर आपका cervix नरम (soft) नहीं होता है, तो डॉक्टर prostaglandis नाम की दवा आपको दे सकते हैं। यह दवा आपके vagina में cervix के पास रखी जाती है। यह cervix को नरम करने में मदद करती है और आपको labor के लिए तैयार करती है। इसके साथ, आपके बच्चे की heartbeat को भी डॉक्टर कुछ घंटों तक निगरानी में रखते हैं।Oxytocin: Oxytocin एक दवा है जिसे uterus में contractions शुरू करने के लिए या contractions को strong करने के लिए veins से दिया जाता है। डॉक्टर आपके बच्चे की heartbeat और आपके contractions को monitor करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो जाए कि contractions इतने strong तो नहीं हैं कि वे आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकें।अगर tests से पता चले कि बच्चे को placenta से पर्याप्त oxygen और khaana नहीं मिल पा रहा है, तो इस स्तिथि में Oxytocin का use नहीं किया जाता।जब कभी delivery के लिए रुकना नुकसानदायक हो सकता हो तो उस स्तिथि में safe delivery करने के लिए labor induce किया जाता है। Induced labor से होने वाली परेशानियों और लाभों के बारे में अपने doctor से बात करके की कोई निर्णय लें।Source:-1.https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000625.htm

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Early age pregnancy: कारण और कैसे ये माँ और बच्चे की health पर असर डालता है!

Early age pregnancy और उससे जुड़े risks के बारे में तो हम सबने सुना ही है। आज इस विषय पर हम गहराई से जानते हैं कि क्यों early age pregnancy लड़कियों के लिए चिंता का विषय है?कम उम्र की गर्भावस्था किसे कहते हैं?20 साल की उम्र से पहले होने वाली pregnancy को early age pregnancy कहा जाता है। हर साल लगभग 16 million लड़कियों (15 से 19 साल) के बच्चे हो रहे हैं।Early age pregnancy एक ऐसी problem है जिसका मां और बच्चे दोनों की health पर negative असर पड़ता है। इन लड़कियों के बच्चों का पैदा होने के बाद एक साल के अंदर अंदर ना रहने का खतरा काफी ज्यादा रहता है। जबकि 20 या 30 साल की लड़कियों के बच्चों को यह खतरा नहीं रहता है।ऐसे बहुत से कारण हैं जिसकी वजह से early age pregnancy ज्यादा होती है जैसे कि शिक्षा की कमी और सामाजिक दबाव। काफी जगह पर लड़कियों की छोटी उम्र में शादी हो जाती है और फिर बच्चे भी जल्दी पैदा हो जाते हैं।Early Pregnancy मां और बच्चे दोनों के लिए कैसे खतरा है?मां के Health Risks:Pregnancy से related complications: Early age pregnancy की वजह से लड़कियों को weight gain, Anemia, Malaria, Sexually transmitted infections, pre-eclampsia (pregnancy के समय high blood pressure )और Obstetric Fistula (vagina और rectum/ bladder के बीच में एक छेद) जैसी complications होने की संभावना काफी ज्यादा होती है।माँ की मृत्यु का risk: 20 साल की उम्र के बाद pregnant होने वाली लड़कियों के pregnancy या delivery के समय ना रहने का खतरा early age में pregnant होने वाली लड़कियों से काफी कम होता है।पढाई और कैरियर पर असर: Early age pregnancy एक लड़की की पढाई और करियर prospectives के बीच में आ जाती है जिससे आगे चल कर उसे आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह से नुकसान सहना पड़ता है।Mental Health problems का risk: Early age में लडकियां इतनी बड़ी जिम्मेदारों उठाने के लिए तैयार नहीं होती हैं और इसलिए उन्हें depression, stress, और अन्य mental health problems का सामना करना पड़ता है।नवजात शिशु के Health Risks:Low Birth Weight की problem: Early age pregnancy से deliver हुए बच्चों के समय से पहले पैदा होने या low birth weight होने की अधिक संभावना होती है। इस situation के साथ कई सारी health problems भी आती हैं।शिशु की मृत्यु का risk: Researches में पाया गया है कि early age pregnancy से पैदा होने वाले शिशुओं के ना रहने का risk, normal age pregnancy से पैदा होने वाले शिशुओं से काफी अधिक होता है।शिशुओं के विकास दर में कमी: Early age pregnancy से पैदा हुए बच्चे cognitive, language और social skills के विकास में देरी का अनुभव कर सकते हैं।Early age pregnancy मां और बच्चे दोनों के लिए एक बहुत बड़ा health risk है। इसलिए, pregnant होने का सबसे अच्छा समय 20 से 35 साल की उम्र के बीच का है।Source:- https://cdn.who.int/media/docs/default-source/mca-documents/making-pregnancy-safer-notes-adolescent-pregnancy-volume-1-number-1.pdf

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जानें pregnancy के 5 main risks और उनका management

Pregnancy complications में physical और mental conditions दोनों आती हैं जो कि pregnant woman, उसके बच्चे या दोनों की health पर असर डालती है। Pregnancy से पहले, pregnancy के समय और बाद में health पर ध्यान देने से pregnancy की complications के risks से बचा जा सकता है।कुछ medical conditions होती हैं जो pregnancy complications को बढ़ा सकती हैं।आज हम 5 main medical conditions के बारे में बात करते हैं:1. Diabates: Diabetes एक ऐसी condition है जो कि हमारी body में energy conversion के process पर असर डालती हैं। Diabetes के तीन main types हैं: Type I, Type II और Gestational Diabetes. Pregnancy के दौरान Diabetes को manage करना काफी important हो जाता है। अगर pregnancy के दौरान blood sugar का level बढ़ जाता है, तो यह माँ और बच्चे दोनों के लिए एक severe health condition बन सकती है, जिससे कि birth defects या pre term delivery होने का ख़तरा बढ़ जाता है।जिन pregnant ladies को Diabetes की शिकायत हो, उन्हें नियमित रूप से अपने डॉक्टर से consult करना चाहिए और एक healthy diet और exercise routine follow करनी चाहिए।2. Heart related conditions:Heart और Blood Vessels पर असर डालने वाली heart related conditions, pregnancy पर भी काफी गलत असर डालती हैं। देखा गया है कि ज़्यादातर ladies जिनको heart related conditions होती हैं, उन्हें pregnancy में ज़्यादा परेशानी नहीं होती लेकिन उन्हें कुछ complications हो सकती हैं।Heart related conditions वाली ladies को अपनी pregnancy की शुरुआत में ही अपने doctors से ज़रूर consult करना चाहिए ताकि उनकी condition को अच्छे से monitor किया जा सके।3. High Blood Pressure: High Blood Pressure जिसे commonly hypertension कहा जाता है, एक common condition है जो pregnancy से पहले तो हो ही सकती है, जबकि pregnancy में 20 सप्ताह के बाद high blood pressure की problem बढ़ सकती है। High Blood Pressure जैसी conditions severe risk का कारण बन सकते हैं जैसे कि preterm delivery या stroke।सभी ladies को healthy lifestyle और regular checkup से अपने blood pressure को manage करना चाहिए।4. Hyperemesis gravidarum:यह pregnancy के समय पर होने वाले severe nausea और vomiting का एक रूप है, जो common morning sickness से काफी खराब होता है। यह dehydration और weight loss का कारण बन सकता है, जिसके लिए medical treatment की ज़रुरत पड़ सकती है।5. कुछ Infections:कुछ प्रकार के infections जैसे sexually transmitted diseases (STD) और urinary tract infections (UTI) pregnancy में कुछ risks पैदा कर सकते हैं। सभी pregnant ladies को इन infections की जांच करानी चाहिए जो उनको या उनके बच्चे की health को नुकसान पहुंचा सकते हैं। Infections से बचने के लिए टीकाकरण (vaccination) की पूरी जानकारी होनी चाहिए। Pregnancy के time पर urinary tract infections काफी common होता है, जिसका इलाज़ antibiotics से किया जा सकता है।Diabetes, Heart related conditions, high blood pressure, nausea और infections, pregnancy के समय पर इन सभी को manage करना बहुत ज़रूरी हो जाता है।Regular check up और doctors की consultation से यह सुनिश्चित किया जा सकता है की pregnancy के समय पर माँ और बच्चा दोनों ही स्वस्थ रहें।Source:- https://www.cdc.gov/maternal-infant-health/pregnancy-complications/

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Pregnancy में Pelvic Pain से राहत के Easy Tips!

प्रेगनेंसी के दौरान पेल्विक दर्द होना एक आम समस्या है, लेकिन इसे कम करने के 10 आसान तरीके हैं।ये सरल तरीके आपके दर्द को कम करने में मदद करेंगे:हल्की एक्टिविटीज करें जैसे टहलना और चलना, लेकिन अपने शरीर की भी सुनें। अगर दर्द ज़्यादा हो, तो आराम करें।थकान महसूस होने पर बैठ जाएं और आराम करें। प्रेगनेंसी में बार-बार आराम करना ज़रूरी है। इससे आपके दर्द में राहत मिलेगी।खड़े होकर कपड़े पहनने की बजाय बैठकर पहनें। इससे पेल्विस पर दबाव और दर्द दोनों कम होगा।फ्लैट्स और अच्छे सपोर्ट वाले जूते पहनें। हाई हील्स या ऐसे जूते न पहनें, जो आपके पैरों को सहारा न दें।कार में बैठते या उतरते समय, अपने पैरों को साथ में जोड़े रखने की कोशिश करें ताकि आपके पेल्विक एरिया पर ज़्यादा दबाव ना बने। हाई हील्स के कारण ज़्यादा दबाव पड़ने से आपको पेल्विक pain हो सकता है।करवट लेकर सोएं और पैरों के बीच एक तकिया रखें। इससे पेल्विस सही पोजीशन में रहेगा और आपको दर्द भी कम होगा।बिस्तर में करवट लेते समय धीरे-धीरे और सावधानी से घूमें। अगर आपको सोने का सही तरीका पता नहीं है, तो फिजियोथेरेपिस्ट से सीखें।अगर सीढ़ियां चढ़नी हों, तो एक-एक कदम लेकर धीरे-धीरे चढ़ें। जल्दी न करें।हल्के-फुल्के व्यायाम दर्द कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं। अपने फिजियोथेरेपिस्ट से पूछें कि आपके लिए कौन-से व्यायाम सुरक्षित हैं।फिजियोथेरेपिस्ट आपकी मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं। वे आपको सपोर्ट बेल्ट या जरूरत पड़ने पर बैसाखी का सुझाव भी दे सकते हैं।इन टिप्स को अपनाकर और सही मदद लेकर आप अपनी प्रेगनेंसी को ज़्यादा आरामदायक बना सकती हैं।Source:- 1. mft.nhs.uk/app/uploads/sites/10/2018/05/pregnancy-related-Pelvic-Girdle-Pain.pdf2. https://my.clevelandclinic.org/health/symptoms/12106-pelvic-pain3. https://my.clevelandclinic.org/health/articles/pregnancy-pains4. https://www.nhs.uk/pregnancy/related-conditions/common-symptoms/pelvic-pain/5. https://www.nth.nhs.uk/resources/pregnancy-related-pelvic-girdle-pain-prpgp/

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