मैग्नीशियम

मैग्नीशियम ऑक्साइड , मैग्नीशियम साइट्रेट , मैग्नीशियम क्लोराइड

पोषक तत्व के जानकारी

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सरकारी मंजूरी

None

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डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई

NO

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ज्ञात टेराटोजेन

NO

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फार्मास्युटिकल वर्ग

None

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नियंत्रित दवा पदार्थ

NO

सारांश

  • मैग्नीशियम मांसपेशी आ नस के काम खातिर जरूरी बा, जेकर मतलब बा कि ई मांसपेशी के सिकुड़ल आ नस के संकेत भेजे में मदद करेला। ई ऊर्जा उत्पादन आ हड्डी के स्वास्थ्य के समर्थन करेला, रक्त शर्करा स्तर के नियंत्रित करेला, आ प्रतिरक्षा प्रणाली के बढ़ावा देला, जे संक्रमण से बचाव करेला।

  • रोजाना आहार से मैग्नीशियम नट्स, बीज, पूरा अनाज, आ पत्तेदार साग जैसे पालक से मिल सकेला। कुछ मछली, जैसे सैल्मन, आ फोर्टिफाइड खाना, जइसे कि कुछ अनाज, भी मैग्नीशियम प्रदान करेला। संतुलित आहार खाए से पर्याप्त सेवन सुनिश्चित होला।

  • मैग्नीशियम के कमी से मांसपेशी में ऐंठन, थकान, आ अनियमित दिल के धड़कन हो सकेला। गंभीर कमी से ऑस्टियोपोरोसिस हो सकेला, जे हड्डी के कमजोर करेला, आ उच्च रक्तचाप हो सकेला। जोखिम में समूह में बूढ़ लोग आ कुछ स्वास्थ्य स्थिति वाला लोग शामिल बा।

  • बड़ लोग के सप्लीमेंट से 350 मिग्रा प्रति दिन से अधिक ना लेवे के चाहीं। दैनिक आवश्यकता अलग-अलग होला: पुरुषन के 400-420 मिग्रा चाहीं, महिलन के 310-320 मिग्रा चाहीं, आ गर्भवती महिलन के 350-360 मिग्रा चाहीं। सप्लीमेंट लेवे से पहिले हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।

  • मैग्नीशियम सप्लीमेंट दवाई के साथ इंटरैक्ट कर सकेला, जेकरा से उनकर प्रभावशीलता पर असर पड़ सकेला या साइड इफेक्ट बढ़ सकेला। अत्यधिक सेवन से दस्त आ पेट में ऐंठन हो सकेला। गुर्दा समस्या वाला लोग के अधिक जोखिम होला। सप्लीमेंट शुरू करे से पहिले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।

अक्सर पूछल जाए वाला सवाल

मैग्नीशियम का करीला?

मैग्नीशियम एगो खनिज हवे जे कई गो शरीर के फंक्शन खातिर जरूरी बा। ई मांसपेशी आ नस के फंक्शन में मुख्य भूमिका निभावेला, मांसपेशियन के सिकुड़ल आ नस के संकेत भेजे में मदद करेला। मैग्नीशियम ऊर्जा उत्पादन आ हड्डी के स्वास्थ्य खातिर भी महत्वपूर्ण बा। ई रक्त शर्करा के स्तर के नियंत्रित करे में मदद करेला आ स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली के समर्थन करेला, जे शरीर के संक्रमण से बचाव करेला। पर्याप्त मैग्नीशियम स्तर समग्र स्वास्थ्य आ कल्याण खातिर महत्वपूर्ण बा।

हमार आहार से मैग्नीशियम कइसे मिल सकेला?

मैग्नीशियम कई तरह के खाना में मिलेला। पौधा आधारित स्रोत में नट्स, बीज, साबुत अनाज, आ पत्तेदार हरा सब्जी जइसे पालक शामिल बा। जानवर आधारित स्रोत कम आम बा लेकिन मछली जइसे सैल्मन में मिलेला। फोर्टिफाइड खाना, जइसे कुछ नाश्ता अनाज, भी मैग्नीशियम देला। उच्च वसा वाला आहार आ कुछ दवाई जइसे कारक मैग्नीशियम के अवशोषण पर असर डाल सकेला। पकावे के तरीका, जइसे उबालल, खाना में मैग्नीशियम के मात्रा घटा सकेला। उचित मैग्नीशियम के सेवन के सुनिश्चित करे खातिर संतुलित आहार खाए के महत्वपूर्ण बा।

मैग्नीशियम कइसे हमार सेहत पर असर डालेला?

मैग्नीशियम के कमी कई गो सेहत संबंधी समस्या के कारण बन सकेला। ई मांसपेशी के ऐंठन, थकान, आ अनियमित दिल के धड़कन के कारण बन सकेला। गंभीर कमी से अउरी गंभीर स्थिति जइसे ऑस्टियोपोरोसिस, जवन हड्डी के कमजोर कर देला, आ उच्च रक्तचाप हो सकेला। जोखिम में रहल समूह में बूढ़ लोग, जठरांत्र संबंधी रोग से पीड़ित लोग, आ टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोग शामिल बा। गर्भवती महिलन आ खराब आहार लेवे वाला लोग भी जोखिम में बा। समग्र स्वास्थ्य खातिर उचित मैग्नीशियम स्तर के बनाए रखल जरूरी बा।

केकरा में मैग्नीशियम के कमी हो सकेला?

कुछ समूह मैग्नीशियम कमी के खतरा में बा। पुरनिया लोग अक्सर कम आहार लेला आ अवशोषण में कमी होला। जठरांत्र रोग जइसे क्रोहन रोग वाला लोग मैग्नीशियम के सही से अवशोषण ना कर सकेला। टाइप 2 मधुमेह वाला लोग पेशाब से अधिक मैग्नीशियम खो सकेला। शराबी आ खराब आहार वाला लोग भी खतरा में बा। गर्भवती महिलन के अधिक मैग्नीशियम के जरूरत होला, जेकरा से ऊ कमी के शिकार हो सकेली। ई समूह खातिर ई जरूरी बा कि ऊ लोग आपन मैग्नीशियम के सेवन के निगरानी करस ताकि स्वास्थ्य बनल रहे।

मैग्नीशियम से का-का बेमारी के इलाज हो सकेला?

मैग्नीशियम के कई हालात में सहायक इलाज के रूप में इस्तेमाल कइल जाला। ई माइग्रेन के प्रबंधन में मदद कर सकेला काहे कि ई रक्त वाहिकन के आराम देला आ सूजन के कम करेला। मैग्नीशियम के मांसपेशी के ऐंठन, खासकर गर्भवती महिलन में, खातिर भी इस्तेमाल कइल जाला। ई रक्तचाप के नियंत्रित करे आ टाइप 2 मधुमेह में इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करे में मदद कर सकेला। इन इस्तेमाल के समर्थन में सबूत अलग-अलग बा, कुछ अध्ययन लाभ देखावत बा आ कुछ अनिर्णायक बा। हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं जब इन हालात खातिर मैग्नीशियम के इस्तेमाल करे के होखे।

हमरा के कइसे पता चली कि हमरा में मैग्नीशियम के स्तर कम बा?

मैग्नीशियम के कमी के पता लगावे खातिर, खून के जाँच कइल जाला जेकरा में सीरम मैग्नीशियम के स्तर मापल जाला। सामान्य स्तर 1.7 से 2.2 mg/dL के बीच होला। कमी के लक्षण में मांसपेशी के ऐंठन, थकान, आ अनियमित दिल के धड़कन शामिल बा। अगर स्तर कम बा, त कारण पता लगावे खातिर अउरी जाँच कइल जा सकेला, जइसे कि किडनी के कार्यक्षमता या जठरांत्र स्वास्थ्य के जाँच। अगर रउआ के कमी के संदेह बा त स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लेवे के महत्वपूर्ण बा।

मैग्नीशियम के कतना सप्लीमेंट हमके लेवे के चाहीं?

रोजाना मैग्नीशियम के जरूरत उमिर आ लिंग पर निर्भर करेला। वयस्क मरद लोग के आमतौर पर 400-420 मि.ग्रा. प्रति दिन के जरूरत होला, जबकि वयस्क मेहरारू लोग के 310-320 मि.ग्रा. के जरूरत होला। गर्भवती मेहरारू लोग के जादे, लगभग 350-360 मि.ग्रा. रोजाना के जरूरत होला। सप्लीमेंट से मैग्नीशियम के ऊपरी सीमा वयस्क लोग खातिर 350 मि.ग्रा. प्रति दिन बा। ई जरूरी बा कि खाना के स्रोत से जइसन कि नट्स, बीज, आ पत्तेदार साग से पर्याप्त मैग्नीशियम मिलल चाहीं। हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं सप्लीमेंट लेवे से पहिले, खासकर जब रउआ के स्वास्थ्य स्थिति बा।

का मैग्नीशियम के सप्लीमेंट्स हमार प्रिस्क्रिप्शन दवाईयन के साथ टकराई?

हाँ, मैग्नीशियम के सप्लीमेंट्स कुछ प्रिस्क्रिप्शन दवाईयन के साथ इंटरेक्ट कर सकेला। ई इंटरेक्शन दवाईयन के काम करे के तरीका पर असर डाल सकेला या साइड इफेक्ट बढ़ा सकेला। उदाहरण खातिर, मैग्नीशियम कुछ एंटीबायोटिक्स, जइसे टेट्रासाइक्लिन्स आ क्विनोलोन्स के अवशोषण घटा सकेला, जेकरा से ऊ कम प्रभावी हो जाला। ई ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज खातिर इस्तेमाल होखे वाला बिसफॉस्फोनेट्स आ कुछ दिल के दवाईयन, जइसे डिजॉक्सिन के साथो टकरा सकेला। एह इंटरेक्शन से बचे खातिर, अक्सर सिफारिश कइल जाला कि मैग्नीशियम के सप्लीमेंट्स ई दवाईयन से कम से कम दू घंटा पहिले या बाद में लिहल जाव। हमेशा कवनो नया सप्लीमेंट शुरू करे से पहिले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं, खासकर जब रउआ प्रिस्क्रिप्शन दवाई पर होखीं।

का बहुत जादे मैग्नीशियम लेवल नुकसानदायक बा?

अधिक मैग्नीशियम सप्लीमेंटेशन नुकसानदायक हो सकेला। बड़का लोग खातिर सप्लीमेंट से रोजाना 350 मिग्रा के ऊपरी सेवन स्तर बा। बहुत जादे मैग्नीशियम के अल्पकालिक प्रभाव में दस्त, मिचली, आ पेट में मरोड़ शामिल बा। दीर्घकालिक अधिक उपयोग से गंभीर समस्या जइसे अनियमित दिल के धड़कन आ निम्न रक्तचाप हो सकेला। जिनका किडनी के समस्या बा, ऊ लोग खासकर जोखिम में बा काहे कि उनकर शरीर अधिक मैग्नीशियम के प्रभावी रूप से हटा ना सकेला। अनावश्यक सप्लीमेंटेशन से बचे के आ उच्च खुराक लेवे से पहिले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लेवे के महत्वपूर्ण बा।

मैग्नीशियम खातिर सबसे बढ़िया सप्लीमेंट का ह?

मैग्नीशियम अलग-अलग रूप में आवेला, हर एक के अनोखा गुण होला. मैग्नीशियम साइट्रेट बहुत ही बायोउपलब्ध बा, मतलब ई आसानी से शरीर में अवशोषित हो जाला, आ अक्सर कमी के इलाज खातिर इस्तेमाल होला. मैग्नीशियम ऑक्साइड में जादे मौलिक मैग्नीशियम होला लेकिन ई कम बायोउपलब्ध बा, जेकरा से ई हार्टबर्न राहत खातिर लागत-प्रभावी विकल्प बन जाला. मैग्नीशियम ग्लाइसिनेट अच्छा से अवशोषित होला आ पेट पर नरम होला, जेकरा से ई पाचन समस्या वाला लोग खातिर उपयुक्त बा. सही रूप के चुनाव तोहार स्वास्थ्य जरूरत, बजट, आ सहनशीलता पर निर्भर करेला.

रोजाना के सेवन

Age Male Female Pregnant Lactating
0–6 months 30 30 - -
7–12 months 75 75 - -
1–3 years 80 80 - -
4–8 years 130 130 - -
9–13 years 240 240 - -
14+ years 410 360 400 360