इप्टाकोपान
पैरॉक्सिसमल हेमोग्लोबिनुरिया
दवाई के स्थिति
सरकारी मंजूरी
US(FDA), यूके (बीएनएफ)
डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई
None
ज्ञात टेराटोजेन
फार्मास्युटिकल वर्ग
NA
नियंत्रित दवा पदार्थ
कुछुओ ना / केहू ना
सारांश
इप्टाकोपान के इस्तेमाल एगो हालात के इलाज खातिर कइल जाला जेकरा के पारॉक्सिस्मल नॉक्टर्नल हीमोग्लोबिनुरिया (PNH) कहल जाला, जहाँ लाल रक्त कोशिका जल्दी टूट जाला। एकरा के प्रोटीनुरिया, जे मूत्र में अधिक प्रोटीन होला, के कम करे खातिर भी इस्तेमाल कइल जाला, जेकरा के किडनी रोग कहल जाला प्राइमरी इम्युनोग्लोबुलिन A नेफ्रोपैथी (IgAN) में।
इप्टाकोपान आपके शरीर में एगो प्रोटीन जेकरा के फैक्टर B कहल जाला, से बंध के काम करेला। ई दोसरा प्रोटीन जेकरा के C3 कन्वर्टेस कहल जाला, के सक्रिय होखे से रोकेला, जे PNH में लाल रक्त कोशिका के टूटल कम करेला आ IgAN में किडनी के नुकसान घटावेला।
बड़ लोग खातिर सामान्य खुराक 200 मिग्रा इप्टाकोपान होला, जे मुँह से दिन में दू बेर लिहल जाला। अबहीं ले ई ना पता चलल बा कि ई बच्चा खातिर सुरक्षित बा कि ना।
आम साइड इफेक्ट्स में सिरदर्द, नासोफैरिन्जाइटिस (साधारण सर्दी), दस्त, आ पेट में दर्द शामिल बा। अगर रउआ ई या कवनो अउरी असामान्य साइड इफेक्ट्स महसूस करील, त अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।
इप्टाकोपान गंभीर संक्रमण के जोखिम बढ़ा सकेला, खासकर कुछ बैक्टीरिया से। ई जरूरी बा कि इलाज शुरू करे से पहिले इन बैक्टीरिया के खिलाफ टीका लगवा लीं। इप्टाकोपान के इस्तेमाल ओह लोग द्वारा ना कइल जाव जेकरा में गंभीर संक्रमण बा या जेकरा के एकर सामग्री से एलर्जी बा।
संकेत आ उद्देश्य
इप्टाकोपान कइसे काम करेला?
इप्टाकोपान वैकल्पिक पूरक मार्ग में फैक्टर B से बंध के काम करेला, जे C3 कंवर्टेज के सक्रियता के रोकेला। ई क्रिया PNH में लाल रक्त कोशिका के टूटल घटावे ला आ IgAN में गुर्दा के नुकसान घटावे ला।
का इप्टाकोपान प्रभावी बा?
इप्टाकोपान के परॉक्सिस्मल नॉक्टर्नल हीमोग्लोबिनुरिया (PNH) के इलाज में प्रभावी साबित भइल बा, जे हीमोग्लोबिन स्तर बढ़ावे ला आ ट्रांसफ्यूजन के जरूरत घटावे ला। क्लिनिकल परीक्षण में बिना ट्रांसफ्यूजन के हेमेटोलॉजिकल प्रतिक्रिया प्राप्त करे में एंटी-C5 उपचार पर ओकर श्रेष्ठता के प्रदर्शन भइल बा।
इस्तेमाल के निर्देश
कति दिन ले इप्टाकोपान लेवे के चाहीं?
इप्टाकोपान के उपयोग पुरान इलाज के रूप में परॉक्सिस्मल नॉक्टर्नल हीमोग्लोबिनुरिया (PNH) जइसन स्थिति खातिर होला आ आमतौर पर दीर्घकालिक रूप से लिहल जाला। जब तक चिकित्सकीय रूप से संकेत ना होखे, तब तक बंद करे के सिफारिश नइखे।
इप्टाकोपान कइसे लेवे के चाहीं?
इप्टाकोपान के मुँह से दिन में दू बेर, खाना के साथ भा बिना लिहल जाला। कवनो विशेष भोजन प्रतिबंध नइखे, लेकिन दवाई के हर दिन एके समय पर लेवे के महत्वपूर्ण बा ताकि निरंतरता बनल रहे।
इप्टाकोपान के काम करे में कति समय लागेला?
इप्टाकोपान एकल खुराक के लगभग 2 घंटा बाद वैकल्पिक पूरक मार्ग के अवरोध करे शुरू करेला। हालांकि, पूरा चिकित्सीय प्रभाव, जइसे हीमोग्लोबिन स्तर में वृद्धि, के प्रकट होखे में कई हफ्ता लाग सकेला।
इप्टाकोपान के कइसे स्टोर करीं?
इप्टाकोपान कैप्सूल के कमरा के तापमान पर 68°F से 77°F (20°C से 25°C) के बीच स्टोर करीं। दवाई के ओकरा मूल कंटेनर में, कस के बंद आ बच्चा लोग के पहुँच से दूर राखीं। नमी से बचावे खातिर बाथरूम में स्टोर करे से बचे।
इप्टाकोपान के सामान्य खुराक का ह?
बड़का लोग खातिर रोजाना के सामान्य खुराक 200 मि.ग्रा. बा, जेकरा के दिन में दू बेर मुँह से लिहल जाला। बच्चा लोग में इप्टाकोपान के सुरक्षा आ प्रभावशीलता स्थापित नइखे भइल, एही से बच्चा लोग खातिर कवनो सिफारिश खुराक नइखे।
चेतावनी आ सावधानी
का इप्टाकोपान स्तनपान करावत घरी सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?
ई नइखे पता कि इप्टाकोपान दूध में पास होला कि ना। स्तनपान करावे वाला बच्चा में गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रिया के संभावना के कारण, इलाज के दौरान आ इप्टाकोपान के अंतिम खुराक के 5 दिन बाद तक स्तनपान बंद कर देवे के चाहीं।
का इप्टाकोपान गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?
मानव अध्ययन से भ्रूण के नुकसान के जोखिम निर्धारित करे खातिर अपर्याप्त डाटा बा। इप्टाकोपान के गर्भावस्था के दौरान केवल तब उपयोग कइल जाव जब संभावित लाभ संभावित जोखिम के न्यायोचित ठहरावे। गर्भवती महिला के अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ जोखिम आ लाभ पर चर्चा करे के चाहीं।
का हम इप्टाकोपान के अन्य प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ ले सकीला?
इप्टाकोपान CYP2C8 प्रेरक के साथ इंटरैक्ट कर सकेला, जे ओकर प्रभावशीलता घटा सकेला, आ मजबूत CYP2C8 अवरोधक के साथ, जे साइड इफेक्ट के जोखिम बढ़ा सकेला। मरीज के सभ दवाई के बारे में अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के जानकारी देवे के चाहीं ताकि संभावित इंटरैक्शन से बचल जा सके।
का इप्टाकोपान बुजुर्ग लोग खातिर सुरक्षित बा?
बुजुर्ग मरीज खातिर कवनो विशेष खुराक समायोजन के जरूरत नइखे। हालांकि, क्लिनिकल अध्ययन में 65 आ ओकरा से ऊपर के पर्याप्त मरीज शामिल नइखन भइल, जेकरा से पता चले कि ऊ जवान मरीज से अलग प्रतिक्रिया देत बा कि ना। बुजुर्ग मरीज के कवनो प्रतिकूल प्रभाव खातिर करीबी से निगरानी करे के चाहीं।
केकरा के इप्टाकोपान लेवे से बचे के चाहीं?
इप्टाकोपान गंभीर संक्रमण के जोखिम बढ़ावे ला, खासकर कैप्सूलयुक्त बैक्टीरिया से। मरीज के इलाज शुरू करे से पहिले एह बैक्टीरिया के खिलाफ टीकाकरण करावल जरूरी बा। ई अनसुलझल गंभीर संक्रमण आ ओकर सामग्री से एलर्जी वाले मरीज में निषिद्ध बा। बंद करे के बाद हीमोलाइसिस के संकेत खातिर निगरानी जरूरी बा।