इनावोलिसिब

NA

दवाई के स्थिति

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सरकारी मंजूरी

US(FDA)

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डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई

None

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ज्ञात टेराटोजेन

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फार्मास्युटिकल वर्ग

NA

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नियंत्रित दवा पदार्थ

कुछुओ ना / केहू ना

सारांश

  • इनावोलिसिब के इस्तेमाल बड़ लोगन में हार्मोन रिसेप्टर (HR) पॉजिटिव, ह्यूमन एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर 2 (HER2) नेगेटिव, लोकली एडवांस्ड या मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर जे पहिले के इलाज के बाद वापिस आ गइल बा, के इलाज खातिर कइल जाला।

  • इनावोलिसिब एगो किनेज इनहिबिटर बा जे PI3K एंजाइम के निशाना बनावेला। ई कैंसर कोशिकन के फैलाव के धीमा या रोक देला उनकर प्रोलिफरेशन कम क के आ एपोप्टोसिस के प्रेरित क के, जे प्रोग्राम्ड सेल डेथ के प्रक्रिया ह।

  • बड़ लोगन खातिर इनावोलिसिब के सामान्य दैनिक खुराक 9 मि.ग्रा. बा। ई मुँह से, रोजाना एक बेर, खाना के साथे या बिना खाना के लिहल जाला।

  • इनावोलिसिब के आम साइड इफेक्ट्स में न्यूट्रोफिल्स, हीमोग्लोबिन, प्लेटलेट्स, लिम्फोसाइट्स, स्टोमेटाइटिस, डायरिया, आ थकान के कमी शामिल बा। गंभीर प्रभाव में हाइपरग्लाइसीमिया, स्टोमेटाइटिस, आ डायरिया शामिल बा।

  • इनावोलिसिब गर्भ में नुकसान पहुँचा सकेला, एही से प्रजनन क्षमता वाला पुरुष आ महिला दुनो खातिर प्रभावी गर्भनिरोधक के सलाह दिहल जाला। ई गंभीर हाइपरग्लाइसीमिया, स्टोमेटाइटिस, आ डायरिया भी पैदा कर सकेला। मरीजन के इन हालात खातिर मॉनिटर कइल जाव आ खुराक में समायोजन जरूरी हो सकेला।

संकेत आ उद्देश्य

इनावोलिसिब कइसे काम करेला?

इनावोलिसिब एगो किनेस इनहिबिटर बा जे फॉस्फेटिडाइलिनोसिटोल 3-किनेस (PI3K) पाथवे के निशाना बनावेला, खास करके PI3Kα के इनहिबिट करेला। ई म्युटेटेड PI3K के सक्रियता के घटावेला, जवना से कैंसर सेल के वृद्धि कम होखेला आ एपोप्टोसिस बढ़ जाला, एह से ट्यूमर के बढ़ती धीमा होखेला भा रुक जाला।

का इनावोलिसिब प्रभावी बा?

इनावोलिसिब के प्रभावशीलता के मूल्यांकन एगो क्लिनिकल ट्रायल (INAVO120) में कइल गइल रहे जवना में HR-पॉजिटिव HER2-नेगेटिव लोकल एडवांस्ड भा मेटास्टेटिक स्तन कैंसर वाला मरीज शामिल रहलन। ट्रायल देखवलस कि इनावोलिसिब, पाल्बोसिक्लिब आ फुल्वेस्ट्रांट के संयोजन में, प्लेसीबो के मुकाबले प्रगति-रहित जीवित रहला में महत्वपूर्ण सुधार कइलस। ई प्रमाण कुछ प्रकार के स्तन कैंसर के इलाज में एकर उपयोग के समर्थन करेला।

इस्तेमाल के निर्देश

कति देर ले हम इनावोलिसिब लिहल करीं?

इनावोलिसिब आमतौर पर तब ले इस्तेमाल कइल जाला जब ले बेमारी के बढ़ती ना होखे या अस्वीकार्य विषाक्तता ना होखे। सही अवधि व्यक्तिगत मरीज के प्रतिक्रिया आ दवाई के सहनशीलता पर निर्भर करी।

हम इनावोलिसिब कइसे लीं?

इनावोलिसिब के मुँह से रोजाना एक बेर, खाना के साथ भा बिना खाना के, हर दिन लगभग एके समय पर लिहल चाहीं। कवनो खास खाना के पाबंदी नइखे बतावल गइल, बाकिर मरीज लोग के आपन डॉक्टर के सलाह के पालन करे के चाहीं आहार आ दवाई के इस्तेमाल के बारे में।

कइसे हम इनावोलिसिब के रखाई करीं?

इनावोलिसिब के कमरा के तापमान पर रखल जाव, 68°F से 77°F (20°C से 25°C) के बीच. एकरा के ओकरा असली कंटेनर में, मजबूती से बंद क के, आ बच्चन के पहुँच से दूर रखल जाव. बाथरूम में एकरा के रखाई से बचे खातिर नमी के संपर्क से बचे.

इनावोलिसिब के सामान्य खुराक का ह?

बड़का लोग खातिर इनावोलिसिब के सामान्य रोजाना खुराक 9 मि.ग्रा. बा, जेकरा के मुँह से रोजाना एक बेर, खाना के साथ या बिना खाना के लिहल जाला। बच्चा लोग में इनावोलिसिब के सुरक्षा आ प्रभावशीलता स्थापित नइखे भइल, एही से बाल रोगी खातिर कवनो सिफारिश खुराक नइखे।

चेतावनी आ सावधानी

का इनावोलिसिब के स्तनपान करावत घरी सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

महिला लोगन के सलाह दिहल जाला कि इनावोलिसिब से इलाज के दौरान आ आखिरी खुराक के बाद कम से कम 1 हफ्ता ले स्तनपान ना करावे के चाहीं काहे कि स्तनपान करावत बच्चा में गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रिया के संभावना बा। मानव दूध में इनावोलिसिब के मौजूदगी पर कवनो डाटा नइखे।

का इनावोलिसिब के गर्भवती घरी सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

इनावोलिसिब गर्भवती महिला के दिहल जाए त भ्रूण के नुकसान पहुँचा सकेला। प्रजनन क्षमता वाली महिलन के इलाज के दौरान आ आखिरी खुराक के 1 हफ्ता बाद तक प्रभावी गैर-हार्मोनल गर्भनिरोधक के इस्तेमाल करे के चाहीं। प्रजनन क्षमता वाली महिला साथी वाला पुरुषन के भी प्रभावी गर्भनिरोधक के इस्तेमाल करे के चाहीं। मानव अध्ययन से कवनो मजबूत प्रमाण नइखे, बाकिर पशु अध्ययन में प्रतिकूल विकासात्मक परिणाम देखल गइल बा।

का हम इनावोलिसिब के दोसरा प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ ले सकीला?

इनावोलिसिब CYP3A के समय-निर्भर अवरोधक ह अउर CYP3A आ CYP2B6 के प्रेरक ह। ई P-glycoprotein (P-gp) आ स्तन कैंसर प्रतिरोध प्रोटीन (BCRP) के सब्सट्रेट भी ह। मरीज लोग के चाहीं कि ऊ लोग अपन डॉक्टर के सब दवाई के बारे में बतावे जे ऊ लोग ले रहल बा, काहे से कि इनावोलिसिब ई एंजाइम आ ट्रांसपोर्टर से मेटाबोलाइज होखे वाला दवाई के साथ इंटरैक्ट कर सकेला।

का इनावोलिसिब बुजुर्ग लोग खातिर सुरक्षित बा?

इनावोलिसिब के खुराक में बदलाव भा रुकावट खराब प्रतिक्रिया के चलते 65 साल आ ओकरा से ऊपर के मरीज लोग में जादे होखेला। जबकि क्लिनिकल अध्ययन में अतना बुजुर्ग मरीज शामिल ना रहलन कि पता चल सके कि ऊ अलग से प्रतिक्रिया करेलन कि ना, सावधानी बरतल जाय के सलाह बा। बुजुर्ग मरीज लोग के साइड इफेक्ट खातिर करीब से निगरानी कइल जाव आ खुराक में बदलाव जरूरी हो सकेला।

कवन लोग के इनावोलिसिब ना लिहल चाहीं?

इनावोलिसिब खातिर जरूरी चेतावनी में गंभीर हाइपरग्लाइसीमिया, स्टोमेटाइटिस, आ दस्त के खतरा शामिल बा। मरीज लोग के ई हालात खातिर निगरानी कइल चाहीं, आ अगर ई होखे त इलाज में बदलाव कइल जा सकेला। इनावोलिसिब गर्भ में नुकसान पहुँचा सकेला, एही से प्रजनन क्षमता वाला पुरुष आ महिला दुनो खातिर प्रभावी गर्भनिरोधक जरूरी बा। कवनो खास विरोधाभास सूचीबद्ध नइखे, लेकिन मरीज लोग के कवनो एलर्जी या मेडिकल स्थिति के बारे में आपन डॉक्टर के जानकारी देवे के चाहीं।