टाजेमेटोस्टैट
सार्कोमा
दवाई के स्थिति
सरकारी मंजूरी
US(FDA)
डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई
None
ज्ञात टेराटोजेन
NO
फार्मास्युटिकल वर्ग
None
नियंत्रित दवा पदार्थ
कुछुओ ना / केहू ना
सारांश
टाजेमेटोस्टैट के इस्तेमाल एपिथेलियोइड सारकोमा आ कुछ खास प्रकार के फॉलिक्युलर लिंफोमा के इलाज खातिर 16 साल आ ओहसे ऊपर के मरीजन में कइल जाला।
टाजेमेटोस्टैट एगो एंजाइम जेकर नाँव ईजेडएच2 ह, के रोक के काम करेला। ई एंजाइम कैंसर कोशिकन के बढ़त आ फइलत में भूमिका निभावेला। एह एंजाइम के ब्लॉक क के, टाजेमेटोस्टैट कैंसर कोशिकन के बढ़त के रोकत बा, जेकरा से बीमारी के बढ़त धीमा हो सकेला।
टाजेमेटोस्टैट के सिफारिश कइल गइल खुराक 16 साल आ ओहसे ऊपर के बड़ आ बच्चा दुनु खातिर 800 मि.ग्रा. बा, जेकरा के रोजाना दू बेर मौखिक रूप से लिहल जाला।
टाजेमेटोस्टैट के आम साइड इफेक्ट में थकान, मिचली, भूख में कमी, आ उल्टी शामिल बा। गंभीर प्रतिकूल प्रभाव में मायेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम आ तीव्र मायलॉयड ल्यूकेमिया जइसन द्वितीयक कैंसर शामिल हो सकेला।
टाजेमेटोस्टैट खातिर मुख्य चेतावनी में द्वितीयक कैंसर आ भ्रूणजन्य विषाक्तता के जोखिम शामिल बा। मरीजन के नया कैंसर खातिर मॉनिटर कइल जाव आ गर्भवती महिलन के एह दवाई से बचे के चाहीं काहे कि ई गर्भ में पल रहल बच्चा के नुकसान पहुँचा सकेला।
संकेत आ उद्देश्य
ताजेमेटोस्टैट कइसे काम करेला?
ताजेमेटोस्टैट ईजेडएच2 एंजाइम के रोक के काम करेला, जेकरा के हिस्टोन प्रोटीन के मिथाइलेशन में शामिल मानल जाला, जेकरा से जीन अभिव्यक्ति के दमन होला. ई एंजाइम के ब्लॉक क के, ताजेमेटोस्टैट कैंसर कोशिकन के बढ़त आ फइलाव के बाधित करेला, खास कर के ओ स्थिति में जहाँ ईजेडएच2 अधिक सक्रिय बा या म्यूटेटेड बा, जइसे कि कुछ प्रकार के लिंफोमा आ सारकोमा में.
का ताजेमेटोस्टैट प्रभावी बा?
ताजेमेटोस्टैट एपिथेलियोइड सारकोमा आ फॉलिक्युलर लिम्फोमा के इलाज में प्रभाव देखवले बा। क्लिनिकल ट्रायल में, ई एपिथेलियोइड सारकोमा मरीजन में 15% आ ईजेडएच2 म्यूटेंट फॉलिक्युलर लिम्फोमा मरीजन में 69% के कुल मिलाके प्रतिक्रिया दर देखवले बा। ई परिणाम ओकरा संभावित प्रभावशीलता के संकेत देला, हालाँकि लगातार मंजूरी अउरी क्लिनिकल लाभ के आगे सत्यापन पर निर्भर कर सकेला।
इस्तेमाल के निर्देश
कति देर ले हम ताजेमेटोस्टैट लिहीं?
ताजेमेटोस्टैट आमतौर पर तब ले लिहल जाला जब ले बेमारी के बढ़ती ना होखे या अस्वीकार्य विषाक्तता ना होखे। उपयोग के अवधि व्यक्ति के उपचार के प्रतिक्रिया आ इलाज हो रहल विशेष स्थिति पर निर्भर क सकेला। उचित उपचार के अवधि के निर्धारण खातिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा नियमित निगरानी जरूरी बा।
ताजेमेटोस्टैट के कइसे लिहल जाला?
ताजेमेटोस्टैट के मुँह से दिन में दू बेर, खाना के साथ या बिना खाना के लिहल जाला। ई जरूरी बा कि गोली के बिना काटल, कूचल, या चबावल पूरा निगलल जाव। मरीज लोग के बड़हन मात्रा में चकोतरा या चकोतरा के रस के सेवन से बचे के चाहीं जब ई दवाई ले रहल बा, काहे से कि ई दवाई के काम करे के तरीका पर असर डाल सकेला।
ताजेमेटोस्टैट के काम करे में कतना समय लागेला?
ताजेमेटोस्टैट के काम करे में लागे वाला समय व्यक्ति आ इलाज हो रहल स्थिति पर निर्भर कर सकेला। क्लिनिकल ट्रायल में, ईजेडएच2 म्यूटेंट फॉलिक्युलर लिम्फोमा वाला मरीजन खातिर प्रतिक्रिया के माध्य समय 3.7 महीना रहल, जबकि वाइल्ड-टाइप फॉलिक्युलर लिम्फोमा वाला लोग खातिर ई 3.9 महीना रहल। दवाई के प्रभावशीलता के आकलन खातिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा नियमित निगरानी जरूरी बा।
ताजेमेटोस्टैट के कइसे रखल जाव?
ताजेमेटोस्टैट के ओकर असली कंटेनर में, मजबूती से बंद क के, आ बच्चन के पहुँच से दूर रखल चाहीं। एकरा के कमरा के तापमान पर, अधिक गरमी आ नमी से दूर, आ बाथरूम में ना रखल चाहीं। सही तरीका से रखला से दवाई के प्रभावी आ सुरक्षित बनल रहेला।
ताजेमेटोस्टैट के सामान्य खुराक का ह?
ताजेमेटोस्टैट के सिफारिश कइल गइल खुराक 16 साल आ ओकरा से बड़का उमिर के बड़का आ बच्चा लोग खातिर 800 मि.ग्रा. बा, जेकरा के रोजाना दू बेर मुँह से लिहल जाला. ई खुराक एपिथेलियोइड सारकोमा आ फॉलिक्युलर लिंफोमा दुनो के इलाज खातिर एकही जइसन बा. निर्धारित खुराक के पालन कइल जरूरी बा आ कवनो बदलाव खातिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीहल जाव.
चेतावनी आ सावधानी
का ताजेमेटोस्टैट के दोसरा प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ लिहल जा सकेला?
ताजेमेटोस्टैट मजबूत या मध्यम CYP3A इनहिबिटर के साथ इंटरैक्ट करेला, जेकरा से एकर प्लाज्मा कंसंट्रेशन बढ़ सकेला आ संभवतः अधिक गंभीर साइड इफेक्ट हो सकेला। एह इनहिबिटर के साथ सह-प्रशासन से बचे के सलाह दिहल जाला। अतिरिक्त रूप से, ताजेमेटोस्टैट CYP3A सब्सट्रेट के प्रभावशीलता घटा सकेला, जेमा हार्मोनल गर्भनिरोधक शामिल बा, त अल्टरनेटिव बर्थ कंट्रोल तरीका के इस्तेमाल कइल जाए के चाहीं।
का टाजेमेटोस्टैट के स्तनपान करावत घरी सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?
महिलन के सलाह दिहल जाला कि टाजेमेटोस्टैट से इलाज के दौरान आ अंतिम खुराक के एक हफ्ता बाद ले स्तनपान ना करावल जाव। ई सिफारिश स्तनपान करावत बच्चा में गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रिया के संभावित जोखिम के चलते कइल गइल बा, हालाँकि मानव दूध में टाजेमेटोस्टैट के मौजूदगी पर कवनो विशेष डेटा नइखे।
का ताजेमेटोस्टैट के गर्भवती घरी सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?
ताजेमेटोस्टैट जानवरन के अध्ययन आ एकर क्रिया विधि के आधार पर गर्भस्थ शिशु के नुकसान पहुँचा सकेला। गर्भवती महिलन के ई दवाई के इस्तेमाल से बचे के चाहीं आ प्रजनन क्षमता वाली महिलन के इलाज के दौरान आ अंतिम खुराक के 6 महीना बाद तक प्रभावी गैर-हार्मोनल गर्भनिरोधक के इस्तेमाल करे के चाहीं। मानव अध्ययन से कवनो मजबूत प्रमाण नइखे, बाकिर गर्भस्थ शिशु के संभावित जोखिम महत्वपूर्ण बा।
का ताजेमेटोस्टैट बुजुर्ग लोग खातिर सुरक्षित बा?
ताजेमेटोस्टैट के क्लिनिकल अध्ययन में 65 आ ओकरा से ऊपर के उमिर के मरीजन के पर्याप्त संख्या शामिल ना रहल, जवना से ई पता ना चलल कि ऊ लोग जवान विषयन से अलग प्रतिक्रिया देला कि ना। एही से, बुजुर्ग मरीज लोग के ताजेमेटोस्टैट सावधानी से इस्तेमाल करे के चाहीं, आ स्वास्थ्य सेवा प्रदाता लोग के उनकर नजदीकी से निगरानी करे के चाहीं कि कहीं कवनो प्रतिकूल प्रभाव भा प्रभावशीलता में बदलाव त ना हो रहल बा।
कवन लोग के ताजेमेटोस्टैट ना लेवे के चाहीं?
ताजेमेटोस्टैट खातिर मुख्य चेतावनी में दोसरका कैंसर आ भ्रूण-जन्य विषाक्तता के जोखिम शामिल बा। मरीजन के नया कैंसर खातिर निगरानी कइल चाहीं, आ गर्भवती महिलन के ई दवाई से बचे के चाहीं काहे कि ई भ्रूण के नुकसान पहुँचा सकेला। अलावा, ताजेमेटोस्टैट दोसर दवाई के साथे प्रतिक्रिया कर सकेला, एही से ई जरूरी बा कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के सभ दवाई के बारे में जानकारी दिहल जाव जे लिहल जा रहल बा।