रोपिनिरोल
पार्किन्सन रोग
दवाई के स्थिति
सरकारी मंजूरी
US(FDA), यूके (बीएनएफ)
डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई
हाँ
ज्ञात टेराटोजेन
फार्मास्युटिकल वर्ग
None
नियंत्रित दवा पदार्थ
NO
ई दवाई के बारे में अउरी जानीं -
यहाँ क्लिक करींसंकेत आ उद्देश्य
कइसे पता चली कि रोपिनिरोल काम कर रहल बा?
रोपिनिरोल के लाभ के मूल्यांकन पार्किंसन रोग आ बेचैन पैर सिंड्रोम (RLS) पर एकर प्रभाव मापे वाला क्लिनिकल अध्ययन के माध्यम से कइल जाला। पार्किंसन के परीक्षण में, मरीज लोग UPDRS स्कोर में महत्वपूर्ण सुधार आ लेवोडोपा पर निर्भरता में कमी देखावल। RLS खातिर, अंतर्राष्ट्रीय बेचैन पैर स्केल (IRLS) के उपयोग से लक्षण में महत्वपूर्ण कमी देखल गइल, जेकरा से रोपिनिरोल के दीर्घकालिक प्रभावशीलता के पुष्टि भइल।
रोपिनिरोल कइसे काम करेला?
रोपिनिरोल एगोडोपामाइन एगोनिस्ट के रूप में काम करेला, मुख्य रूप से मस्तिष्क मेंD2, D3, आ D4 डोपामाइन रिसेप्टर के लक्षित करेला। एह रिसेप्टर के उत्तेजित करके, विशेष रूप सेकॉडेट-पुटामेन क्षेत्र में, ई डोपामाइन के प्रभाव के नकल करेला, जे पार्किंसन रोग आ बेचैन पैर सिंड्रोम (RLS) जइसन स्थिति में कमी बा।
ई तंत्र डोपामिनर्जिक ट्रांसमिशन के बढ़ावे में मदद करेला, मोटर फंक्शन में सुधार करेला आ एह विकार से जुड़ल लक्षण के कम करेला। रोपिनिरोल एडेनिलाइल साइक्लेज आ कैल्शियम चैनल के रोक देला जबकि पोटेशियम चैनल के सक्रिय करेला, जेकरा से लक्षण के प्रबंधन आ इलाज के दौरान "ऑन" समय के अधिकतम करे में अउरी मदद मिलेला।
का रोपिनिरोल प्रभावी बा?
रोपिनिरोल पार्किंसन रोग आ बेचैन पैर सिंड्रोम (RLS) खातिर क्लिनिकल परीक्षण में प्रभावी साबित भइल बा। पार्किंसन के अध्ययन में, ई प्लेसीबो की तुलना में मोटर स्कोर में 24% सुधार देखावल। RLS खातिर, ई लक्षण के काफी हद तक कम कइल आ जीवन के गुणवत्ता में सुधार कइल। उभरत शोध में एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) के प्रगति के धीमा करे खातिर संभावित लाभ के सुझाव दिहल गइल बा, जेकरा खातिर अउरी जांच के जरूरत बा।
रोपिनिरोल के उपयोग का खातिर होला?
रोपिनिरोल के इलाज खातिर संकेतित बा:
- पार्किंसन रोग: ई जकड़न, कंपकंपी, आ मांसपेशी नियंत्रण समस्या जइसन लक्षण के प्रबंधन में मदद करेला, रोग के शुरुआती आ उन्नत चरण में प्रभावी बा।
- बेचैन पैर सिंड्रोम (RLS): रोपिनिरोल विशेष रूप से रात में या निष्क्रियता के दौरान पैर हिलावे के अनियंत्रित इच्छा के कम करे खातिर इस्तेमाल होला।
ई स्थिति डोपामाइन की कमी से विशेषता बा, आ रोपिनिरोल डोपामाइन के प्रभाव के मस्तिष्क में नकल करे खातिर एगो डोपामाइन एगोनिस्ट के रूप में काम करेला।
इस्तेमाल के निर्देश
हम रोपिनिरोल कब तक लीं?
रोपिनिरोल के उपयोग के सामान्य अवधि इलाज हो रहल स्थिति पर निर्भर करेला:
- पार्किंसन रोग: रोपिनिरोल अक्सर दीर्घकालिक रूप से इस्तेमाल होला, अध्ययन में 12 महीना या अधिक समय तक प्रभावशीलता देखावल गइल बा। मरीज लोग तब तक इलाज जारी रख सकेला जब तक ई प्रभावी रूप से लक्षण के प्रबंधन करेला आ सहनशील बा।
- बेचैन पैर सिंड्रोम (RLS): दवाई के दीर्घकालिक रूप से इस्तेमाल कइल जा सकेला, अध्ययन में 36 हफ्ता तक लाभ देखावल गइल बा। वापसी के लक्षण कम करे खातिर धीरे-धीरे बंद कइल चाहीं।
थेरेपी के जारी जरूरत के निर्धारण खातिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा नियमित मूल्यांकन जरूरी बा।
हम रोपिनिरोल कइसे लीं?
रोपिनिरोलखाना के साथ या बिना लिहल जा सकेला, हालांकि एकरा के खाना के साथ लेवे से पेट खराबी से बचल जा सकेला। एह दवाई से जुड़ल कवनो खास खाना प्रतिबंध नइखे। बेचैन पैर सिंड्रोम खातिर इस्तेमाल कइल जा रहल तत्काल-रिलीज टैबलेटसोवे से 1 से 3 घंटा पहिले लेवे के जरूरी बा, जबकि विस्तारित-रिलीज टैबलेट रोजाना एके समय पर एक बेर लेवे के चाहीं। हमेशा तोहार स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के खुराक आ प्रशासन के संबंध में निर्देश के पालन करीं।
रोपिनिरोल के काम करे में कति समय लागेला?
रोपिनिरोल आमतौर पर इलाज शुरू करे के 1 हफ्ता के भीतर प्रभाव देखावे लागेला। मरीज लोग पहिला खुराक के बाद सुधार देख सकेला, लेकिन पूरा चिकित्सीय प्रभाव प्रकट होखे में एक हफ्ता लाग सकेला। स्थिर रक्त स्तर खातिर, लगभग दो दिन के लगातार खुराक जरूरी बा, प्रशासन के 1 से 2 घंटा के भीतर शिखर प्लाज्मा सांद्रता तक पहुंचल।
हम रोपिनिरोल के कइसे स्टोर करीं?
- तापमान: 20°C से 25°C (68°F से 77°F) के बीच कमरा के तापमान पर राखीं। ई 15°C से 30°C (59°F से 86°F) के बीच के तापमान के अल्पकालिक अवधि खातिर उजागर कइल जा सकेला।
- प्रकाश आ नमी: सीधा धूप आ नमी से बचाव करीं। ठंडा, सूखा जगह पर स्टोर करीं।
- कंटेनर: कंटेनर के कस के बंद राखीं आ बच्चा लोग के पहुंच से दूर राखीं।
- निपटान: अपशिष्ट जल में न फेंकीं; उचित निपटान विधि खातिर फार्मासिस्ट से परामर्श करीं।
रोपिनिरोल के सामान्य खुराक का होला?
बड़ लोग खातिर, रोपिनिरोल के सामान्य खुराक बा:
- पार्किंसन रोग:
- बेचैन पैर सिंड्रोम (RLS):
बच्चा लोग खातिर, रोपिनिरोल के उपयोग आ खुराक स्थापित नइखे भइल आ ई स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा निर्धारित होखे के चाहीं
- शुरुआत 0.25 mg रोजाना एक बेर, सोवे से 1 से 3 घंटा पहिले, अधिकतम खुराक 4 mg प्रति दिन।
- तुरंत-रिलीज टैबलेट: शुरुआत 0.25 mg मौखिक रूप से तीन बेर रोजाना, प्रतिक्रिया आ सहनशीलता के आधार पर अधिकतम 24 mg प्रति दिन तक बढ़ावल।
- विस्तारित-रिलीज टैबलेट: शुरुआत 2 mg रोजाना एक बेर, अधिकतम 24 mg प्रति दिन।
चेतावनी आ सावधानी
का हम रोपिनिरोल के अन्य प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ ले सकीला?
- हार्मोनल गर्भनिरोधक: रोपिनिरोल गर्भनिरोधक गोली के प्रभावशीलता के कम कर सकेला, वैकल्पिक गर्भनिरोधक विधि के जरूरत बा।
- साइक्लोस्पोरिन: सह-प्रशासन contraindicated बा काहे कि जिगर के विषाक्तता के बढ़ल जोखिम बा।
- रिफाम्पिन: ई एंटीबायोटिक रोपिनिरोल के प्रभावशीलता के कम कर सकेला।
- वारफारिन: सावधानी से निगरानी के जरूरत बा काहे कि रोपिनिरोल एकर एंटीकोआगुलेंट प्रभाव के बदल सकेला।
- एंटीसाइकोटिक्स (जइसे, हैलोपरिडोल, ओलांज़ापाइन): ई रोपिनिरोल के डोपामिनर्जिक प्रभाव में हस्तक्षेप कर सकेला, जेकरा से प्रभावशीलता में कमी या साइड इफेक्ट में बढ़ोतरी हो सकेला।
- मेटोक्लोप्रामाइड: ई दवाई भी रोपिनिरोल के प्रभावशीलता के कम कर सकेला।
का हम रोपिनिरोल के विटामिन या सप्लीमेंट के साथ ले सकीला?
- विटामिन B12: कवनो सीधा इंटरैक्शन ना देखल गइल, लेकिन निगरानी के सलाह दिहल गइल बा काहे कि दुनो संज्ञानात्मक कार्य पर असर डाल सकेला।
- CoQ10 (यूबिक्विनोन): ऊर्जा चयापचय के संबंध में संभावित इंटरैक्शन, हालांकि प्रमाण सीमित बा।
- फिश ऑयल (ओमेगा-3 फैटी एसिड): संज्ञानात्मक प्रभाव के बढ़ा सकेला लेकिन अन्य दवाई के साथ मिलावे पर रक्तस्राव के जोखिम बढ़ा सकेला।
का स्तनपान करावत घरी रोपिनिरोल सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?
- सावधानी बरतल चाहीं: रोपिनिरोल के तबे सिफारिश कइल जाला जब स्पष्ट रूप से जरूरी होखे, काहे कि ई सीरम प्रोलैक्टिन स्तर के दबा सकेला, जेकरा से स्तनपान में बाधा आ सकेला।
- सीमित डेटा: नर्सिंग माताओ पर एकर प्रभाव आ ई मानव दूध में उत्सर्जित होला कि ना, एकर पर्याप्त जानकारी नइखे, हालांकि ई पशु दूध में मौजूद देखल गइल बा।
- स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करीं: माताओ के स्तनपान के दौरान सर्वोत्तम दृष्टिकोण के निर्धारण खातिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ जोखिम आ लाभ पर चर्चा करे के चाहीं।
का गर्भावस्था के दौरान रोपिनिरोल सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?
- उपयोग: अमेरिका आ यूके में, एकरा के तबे इस्तेमाल कइल चाहीं जब लाभ गर्भस्थ शिशु के जोखिम से अधिक होखे। ऑस्ट्रेलिया में, ई contraindicated बा।
- प्रमाण: पशु अध्ययन में विकृतिजनक प्रभाव के संकेत मिलल बा, जेकरा में भ्रूण के विकास में बाधा शामिल बा। मानव अध्ययन में रोपिनिरोल से जुड़ल कवनो प्रमुख विकृति नइखे देखल गइल, लेकिन डेटा सीमित बा।
- सिफारिश: अगर गर्भवती बानी या गर्भवती होखे के योजना बनावत बानी आ रोपिनिरोल ले रहल बानी त स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करीं।
का रोपिनिरोल लेवे के दौरान शराब पियला सुरक्षित बा?
रोपिनिरोल लेवे के दौरान शराब से बचे के सलाह दिहल जाला, काहे कि शराब उनींदापन, चक्कर, आ नींद के एपिसोड के जोखिम बढ़ा सकेला। विशिष्ट सलाह खातिर आपन डॉक्टर से परामर्श करीं।
का रोपिनिरोल लेवे के दौरान व्यायाम सुरक्षित बा?
व्यायाम रोपिनिरोल के साथ आमतौर पर सुरक्षित बा, लेकिन अगर चक्कर या थकान होखे त सावधान रहीं। हल्का व्यायाम से शुरुआत करीं आ हाइड्रेटेड रहीं। अगर लक्षण खराब होखे त ब्रेक लीं आ आपन डॉक्टर के जानकारी दीं।
का रोपिनिरोल बुजुर्ग लोग खातिर सुरक्षित बा?
- खुराक के विचार: 65 साल से अधिक उम्र के लोग में रोपिनिरोल के मौखिक निकासी कम हो जाला। जबकि कवनो प्रारंभिक खुराक समायोजन जरूरी नइखे, क्लिनिकल प्रतिक्रिया के आधार पर सावधानी से टाइट्रेशन जरूरी बा।
- बढ़ल साइड इफेक्ट: बूढ़ लोग साइड इफेक्ट, जइसे चक्कर, मिचली, आ ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन, जेकरा से गिरावट हो सकेला, के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकेला।
- निगरानी: सुरक्षा आ प्रभावशीलता सुनिश्चित करे खातिर प्रतिकूल प्रभाव के नियमित निगरानी आ जारी चिकित्सा के आवश्यकता के पुनर्मूल्यांकन के सिफारिश कइल जाला।
केहू के रोपिनिरोल लेवे से बचे के चाहीं?
रोपिनिरोल खातिर महत्वपूर्ण चेतावनी में अतिसंवेदनशीलता प्रतिक्रिया, ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन, आ अचानक नींद के दौरा के जोखिम शामिल बा, जे ड्राइविंग जइसन गतिविधि के प्रभावित कर सकेला। मरीज लोग आवेग नियंत्रण विकार के अनुभव कर सकेला। रोपिनिरोल गंभीर जिगर के खराबी, अत्यधिक शराब के सेवन, या गंभीर गुर्दा रोग वाला व्यक्ति में contraindicated बा। सुरक्षित उपयोग खातिर नियमित निगरानी आ स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ परामर्श जरूरी बा।