प्राजोसिन

हाइपरटेंशन, प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेजिया ... show more

दवाई के स्थिति

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सरकारी मंजूरी

US(FDA), यूके (बीएनएफ)

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डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई

None

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ज्ञात टेराटोजेन

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फार्मास्युटिकल वर्ग

None

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नियंत्रित दवा पदार्थ

NO

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सारांश

  • प्राजोसिन के उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर), सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच), बढ़ल प्रोस्टेट के हालत, आ पोस्टट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीएसडी) खातिर लिखल जाला। ई पीटीएसडी से जुड़ल डरावना सपना आ नींद के गड़बड़ी के प्रबंधन खातिर भी इस्तेमाल होला, आ रेनाॅड के बीमारी में रक्त प्रवाह में सुधार करे खातिर भी।

  • प्राजोसिन रक्त वाहिकन के मांसपेशियन के आराम देके, रक्त प्रवाह में सुधार आ रक्तचाप के घटा के काम करेला। बीपीएच में, ई मूत्र प्रवाह में सुधार खातिर मूत्राशय आ प्रोस्टेट के मांसपेशियन के आराम देला। पीटीएसडी में, ई मस्तिष्क के एड्रेनर्जिक सिस्टम पर असर डाल के डरावना सपना के आवृत्ति घटा देला।

  • प्राजोसिन आमतौर पर बड़ लोगन के 2 या 3 बेर रोज लिहल जाला, 1mg कैप्सूल से शुरू कइल जाला। कुल दैनिक खुराक धीरे-धीरे बढ़ा के 20mg तक कइल जा सकेला, जेकरा के दिन भर में अलग-अलग खुराक में लिहल जाला।

  • आम साइड इफेक्ट्स में चक्कर आना, हल्का सिरदर्द, सिरदर्द, आ उनींदापन शामिल बा। गंभीर प्रतिकूल प्रभाव में बेहोशी, तेज दिल के धड़कन, आ धड़कन शामिल हो सकेला। दुर्लभ मामिला में, ई तरल प्रतिधारण या रक्तचाप में महत्वपूर्ण गिरावट पैदा कर सकेला।

  • प्राजोसिन के कम रक्तचाप, हृदय रोग, या गुर्दा के समस्या के इतिहास वाला लोगन में सावधानी से इस्तेमाल कइल जाला। ई दवा के प्रति अतिसंवेदनशीलता वाला व्यक्तियन में निषिद्ध बा। गर्भावस्था के दौरान जब तक बिल्कुल जरूरी ना हो, ई से बचल जाला, आ उपचार के दौरान नियमित रक्तचाप के निगरानी के सिफारिश कइल जाला।

संकेत आ उद्देश्य

कइसे जानल जाव कि प्राजोसिन काम कर रहल बा?

प्राजोसिन के लाभ के मूल्यांकन विभिन्न नैदानिक उपायन के माध्यम से कइल जाला, इलाज हो रहल स्थिति पर निर्भर करेला। उच्च रक्तचाप खातिर, ओकरा के रक्तचाप स्तर के निगरानी करके मूल्यांकन कइल जाला। सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) वाला मरीजन में, लक्षण में सुधार के मूत्र प्रवाह दर आ लक्षण प्रश्नावली के मूल्यांकन करके मूल्यांकन कइल जाला। PTSD खातिर, बुरे सपनन में कमी आ नींद के गुणवत्ता के मरीज के आत्म-रिपोर्ट आ नींद के गड़बड़ी आ आघात-संबंधित लक्षणन खातिर मानकीकृत पैमाना के उपयोग करके मूल्यांकन कइल जाला। नियमित फॉलो-अप आ लक्षण ट्रैकिंग इलाज के चल रहल लाभ के मूल्यांकन में मदद करेला।

प्राजोसिन कइसे काम करेला?

प्राजोसिन रक्त वाहिकन आ अन्य ऊतकन के चिकनी मांसपेशियन में अल्फा-1 एड्रेनर्जिक रिसेप्टर्स के ब्लॉक करके काम करेला। ई क्रिया रक्त वाहिकन के दीवारन में मांसपेशियन के आराम देला, जेकरा से वासोडाइलेशन (रक्त वाहिकन के चौड़ा होखल) होखेला। नतीजा स्वरूप, रक्त प्रवाह में सुधार होखेला, जेकरा से रक्तचाप कम होखेला। BPH जइसन स्थिति खातिर, प्राजोसिन प्रोस्टेट आ मूत्राशय गर्दन के चिकनी मांसपेशियन के आराम देला, जेकरा से मूत्र प्रवाह में सुधार होखेला। PTSD में, ई मस्तिष्क के एड्रेनर्जिक सिस्टम पर असर डालके बुरे सपनन के आवृत्ति कम करेला।

का प्राजोसिन प्रभावी बा?

प्राजोसिन के प्रभावशीलता के समर्थन करे वाला प्रमाण में क्लिनिकल अध्ययन शामिल बा जे ओकरा के उच्च रक्तचाप वाला मरीजन में रक्तचाप के कम करे आ सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) के लक्षण में सुधार करे के क्षमता देखावे ला प्रोस्टेट आ मूत्राशय गर्दन के मांसपेशियन के आराम देके। अतिरिक्त रूप से, प्राजोसिन PTSD-संबंधित बुरे सपनन के कमी आ नींद के गुणवत्ता में सुधार करे में प्रभावी साबित भइल बा, जइसे कि परीक्षण में देखावल गइल बा जहाँ ई लक्षणन के आवृत्ति आ गंभीरता में महत्वपूर्ण कमी कइल गइल बा।

प्राजोसिन के का उपयोग बा?

प्राजोसिन आमतौर पर निम्नलिखित स्थितियन खातिर लिखल जाला:

  1. उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर): ई रक्तचाप के कम करे में मदद करेला रक्त वाहिकन के आराम देके, जेकरा से दिल के खून पंप करे में आसानी होखेला।
  2. सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH): ई मूत्र प्रतिधारण भा पेशाब में कठिनाई जइसन लक्षणन के राहत देला मूत्राशय आ प्रोस्टेट के मांसपेशियन के आराम देके।
  3. पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD): प्राजोसिन PTSD से जुड़ल बुरे सपनन आ नींद के गड़बड़ी के प्रबंधन खातिर ऑफ-लेबल इस्तेमाल कइल जाला।
  4. रेनॉड्स डिजीज: ई रक्त वाहिकन के आराम देके मदद करेला, जेकरा से अंगन में रक्त प्रवाह में सुधार होखेला।

इस्तेमाल के निर्देश

प्राजोसिन केतना दिन लेवे के चाहीं?

प्राजोसिन के इस्तेमाल के सामान्य अवधि इलाज हो रहल स्थिति पर निर्भर करेला। उच्च रक्तचाप खातिर, ई अक्सर दीर्घकालिक चिकित्सा होला, जेकर ongoing इस्तेमाल जरूरत अनुसार होला। पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) के मामिला में, प्राजोसिन आमतौर पर कई हफ्ता से महीना तक लिखल जाला, मरीज के प्रतिक्रिया आ लक्षण प्रबंधन पर निर्भर करेला। नियमित मूल्यांकन जारी इलाज के जरूरत के निर्धारण खातिर जरूरी बा।

प्राजोसिन कइसे लेवे के चाहीं?

प्राजोसिन खाना के साथ भा बिना ले सकीला। हालांकि, ई सिफारिश कइल जाला कि ई खाना के साथ लेवे ताकि चक्कर भा हल्कापन के जोखिम कम हो सके, खासकर दवाई शुरू करते समय। अगर रउआ खुराक भूल जाईं, त जइसे याद आवे, ले लीं, जब तक कि अगिला खुराक के समय ना होखे—एक साथ दू खुराक ना लेवे। रक्तचाप में अचानक गिरावट से बचे खातिर, कम खुराक से शुरू करीं आ धीरे-धीरे डॉक्टर के निर्देश अनुसार बढ़ाईं।

प्राजोसिन के काम करे में कति समय लागेला?

कवनो दवाई लेवे के बाद, रउआ के खून में दवाई के स्तर लगभग तीन घंटा के बाद सबसे ऊंचा होखेला। तब, दवाई रउआ के रक्तप्रवाह से बाहर होखे लागेला। रउआ के रक्तप्रवाह में दवाई के मात्रा हर दो से तीन घंटा में आधा हो जाला।

प्राजोसिन के कइसे रखल जाव?

प्राजोसिन के कमरा के तापमान पर रखल जाव, 68° से 77°F (20° से 25°C) के बीच। ई 59° से 86°F (15° से 30°C) के बीच थोड़े समय खातिर रखल जा सकेला। प्राजोसिन के अंधेरा कंटेनर में रखीं जे मजबूती से बंद होखे आ बच्चन खातिर खोलल मुश्किल होखे।

प्राजोसिन के सामान्य खुराक का ह?

बड़ लोग खातिर, प्राजोसिन के सामान्य खुराक 1 मि.ग्रा. मौखिक रूप से हर 8-12 घंटा पर होला, जबकि रखरखाव सीमा 6-15 मि.ग्रा. प्रति दिन होला। बच्चन खातिर, शुरुआती खुराक 0.05-0.1 मि.ग्रा./किग्रा./दिन होला, जेकरा के अधिकतम 0.5 मि.ग्रा./किग्रा./दिन तक बढ़ावल जा सकेला, जे 20 मि.ग्रा. प्रति दिन से अधिक ना होखे के चाहीं। हमेशा व्यक्तिगत खुराक खातिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।

चेतावनी आ सावधानी

का प्राजोसिन के अन्य प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

प्राजोसिन कई प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ इंटरैक्ट कर सकेला, जिनमें शामिल बा:

  1. अन्य रक्तचाप दवाई (जइसे, बीटा-ब्लॉकर, ACE इनहिबिटर): प्राजोसिन के साथ मिलावे पर ई रक्तचाप कम करे वाला प्रभाव के बढ़ा सकेला, जेकरा से हाइपोटेंशन हो सकेला।
  2. CNS डिप्रेसेंट (जइसे, बेंजोडायजेपाइन, शराब, ओपिओइड): ई प्राजोसिन के सिडेटिव प्रभाव के बढ़ा सकेला, जेकरा से बढ़ल उनींदापन भा चक्कर हो सकेला।
  3. फॉस्फोडायस्टरेज-5 इनहिबिटर (जइसे, सिल्डेनाफिल): ई प्राजोसिन के साथ लेवे पर गंभीर हाइपोटेंशन के कारण बन सकेला।
  4. एंटीडिप्रेसेंट (जइसे, ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट): ई प्राजोसिन के रक्तचाप कम करे वाला प्रभाव के बढ़ा सकेला, जेकरा से ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन हो सकेला।

का प्राजोसिन के विटामिन भा सप्लीमेंट के साथ सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

प्राजोसिन कुछ विटामिन भा सप्लीमेंट के साथ इंटरैक्ट कर सकेला, खासकर ऊ जे रक्तचाप पर असर डालेला। उदाहरण खातिर, पोटैशियम सप्लीमेंट भा पोटैशियम युक्त नमक के विकल्प के सावधानी से इस्तेमाल कइल जाव, काहे कि ई प्राजोसिन के साथ मिलावे पर हाइपरकेलेमिया के जोखिम बढ़ा सकेला। ई भी महत्वपूर्ण बा कि हर्बल सप्लीमेंट जइसे सेंट जॉन वॉर्ट के इस्तेमाल के निगरानी कइल जाव, जे प्राजोसिन के प्रभावशीलता के कम कर सकेला। कवनो नया सप्लीमेंट लेवे से पहिले हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।

का प्राजोसिन स्तनपान करावत घरी सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

प्राजोसिन हाइड्रोक्लोराइड एगो दवाई बा जे मामूली मात्रा में स्तन दूध में जा सकेला। ई दवाई स्तनपान करावत घरी सावधानी से लेवे के जरूरी बा काहे कि ई बच्चा के नुकसान पहुंचा सकेला।

का प्राजोसिन गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

प्राजोसिन के FDA द्वारा गर्भावस्था खातिर श्रेणी C दवाई के रूप में वर्गीकृत कइल गइल बा। ई मतलब बा कि जबकि पशु अध्ययन में गर्भ में कुछ प्रतिकूल प्रभाव देखावल गइल बा, मानव में कवनो पर्याप्त आ अच्छी तरह से नियंत्रित अध्ययन ना होखे। कुछ स्थिति में प्राजोसिन के संभावित लाभ जोखिम से अधिक हो सकेला, लेकिन ई केवल तब इस्तेमाल कइल जाव जब स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा जरूरी समझल जाव। गर्भावस्था के दौरान प्राजोसिन के इस्तेमाल से पहिले हमेशा स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से सलाह लीं।

का प्राजोसिन लेत घरी शराब पीना सुरक्षित बा?

शराब प्राजोसिन के साथ मिलावे पर चक्कर, हल्कापन, भा बेहोशी के बढ़ा सकेला। ई दवाई पर रहते समय शराब के सीमित भा बचल जाव।

का प्राजोसिन लेत घरी व्यायाम सुरक्षित बा?

व्यायाम सुरक्षित बा, लेकिन प्राजोसिन चक्कर भा बेहोशी के कारण बन सकेला, खासकर शुरुआती चरण में। धीरे-धीरे शुरू करीं आ कसरत के दौरान सावधान रहीं।

का प्राजोसिन बुजुर्गन खातिर सुरक्षित बा?

बुजुर्ग मरीजन के प्राजोसिन लिखते समय, ई जरूरी बा कि कम खुराक से शुरू कइल जाव आ धीरे-धीरे बढ़ावल जाव ताकि हाइपोटेंशन आ दवाई के प्रति संवेदनशीलता के जोखिम कम हो सके। ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन के रोकथाम खातिर नियमित रक्तचाप निगरानी जरूरी बा, जे चक्कर आ गिरावट के कारण बन सकेला। अतिरिक्त रूप से, जे लोगन के कई सहवर्ती रोग भा अन्य रक्तचाप प्रभावित करे वाला दवाई पर बा, ओकरा खातिर सावधानी बरतल जाव। व्यक्तिगत इलाज योजना महत्वपूर्ण बा, काहे कि बुजुर्ग लोग प्राजोसिन के प्रति जवान मरीजन से अलग प्रतिक्रिया दे सकेला।

केकरा के प्राजोसिन लेवे से बचे के चाहीं?

प्राजोसिन के सावधानी से इस्तेमाल कइल जाव लोगन में जेकरा के निम्न रक्तचाप, हृदय रोग, भा गुर्दा समस्या के इतिहास बा, काहे कि ई रक्तचाप में महत्वपूर्ण गिरावट के कारण बन सकेला (खासकर पहिला खुराक के बाद)। ई दवाई के प्रति अतिसंवेदनशीलता वाला व्यक्तियन में ई निषिद्ध बा। अन्य रक्तचाप कम करे वाला दवाई के साथ इस्तेमाल में भी सावधानी बरतल जाव। गर्भावस्था के दौरान जब तक बिल्कुल जरूरी ना होखे, तब तक ई से बचे के चाहीं। इलाज के दौरान नियमित रक्तचाप निगरानी के सिफारिश कइल जाला।