हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड + लैबेटालोल
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हाइपरटेंशन, मैलिग्नेंट हाइपरटेंशन ... show more
Advisory
- This medicine contains a combination of 2 drugs हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड and लैबेटालोल.
- हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड and लैबेटालोल are both used to treat the same disease or symptom but work in different ways in the body.
- Most doctors will advise making sure that each individual medicine is safe and effective before using a combination form.
दवाई के स्थिति
सरकारी मंजूरी
US(FDA)
डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई
None
ज्ञात टेराटोजेन
NO
फार्मास्युटिकल वर्ग
None
नियंत्रित दवा पदार्थ
NO
सारांश
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड के इस्तेमाल हाई ब्लड प्रेशर आ फ्लूइड रिटेंशन के इलाज खातिर होला, जेकरा के अक्सर दिल के फेलियर, जिगर के बीमारी, भा किडनी के विकार से हो सकेला। लैबेटालोल के मुख्य रूप से हाई ब्लड प्रेशर, एंजाइना (छाती के दर्द), आ कभी-कभी फियोक्रोमोसाइटोमा (एक प्रकार के ट्यूमर) के इलाज खातिर इस्तेमाल होला। दुनो हाईपरटेंशन, भा हाई ब्लड प्रेशर के प्रबंधन में प्रभावी बा।
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड किडनी के मदद से अतिरिक्त नमक आ पानी के निकाल के फ्लूइड रिटेंशन के कम करेला आ ब्लड प्रेशर के घटावेला। लैबेटालोल रक्त वाहिकन के आराम देके आ दिल के धड़कन के धीमा कर के रक्त प्रवाह के सुधारेला आ ब्लड प्रेशर के घटावेला। दुनो अलग-अलग तरीका से काम करेला: हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड एक डाइयूरेटिक (एक पदार्थ जे अतिरिक्त फ्लूइड के हटावे में मदद करेला) आ लैबेटालोल एक बीटा-ब्लॉकर (एक पदार्थ जे दिल पर लोड के कम करेला) के रूप में।
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आमतौर पर मौखिक रूप से लिहल जाला, हाई ब्लड प्रेशर खातिर सामान्य वयस्क खुराक 25 से 50 मि.ग्रा. रोजाना होला। लैबेटालोल भी मौखिक रूप से लिहल जाला, हाईपरटेंशन खातिर सामान्य शुरूआती खुराक 100 मि.ग्रा. दिन में दू बार होला, आ सामान्य रखरखाव खुराक 200 से 400 मि.ग्रा. रोजाना होला।
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड के आम साइड इफेक्ट में बार-बार पेशाब, दस्त, भूख के कमी, सिरदर्द, आ बाल झड़ना शामिल बा। गंभीर प्रभाव में डिहाइड्रेशन आ इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन शामिल हो सकेला। लैबेटालोल के आम साइड इफेक्ट में चक्कर, हल्कापन, थकान, सिरदर्द, आ मतली शामिल बा। गंभीर प्रभाव में सांस के कमी, सूजन, छाती में दर्द, आ जिगर के समस्या शामिल हो सकेला।
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड के गंभीर किडनी के बीमारी भा अनूरिया (पेशाब ना हो पावे) वाले मरीजन में इस्तेमाल ना करे के चाहीं, आ जिगर के बीमारी भा इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन वाले लोगन में सावधानी बरते के सलाह बा। लैबेटालोल अस्थमा, गंभीर ब्रैडीकार्डिया (धीमी दिल के धड़कन), भा दिल के ब्लॉक वाले मरीजन खातिर सिफारिश ना कइल जाला। दुनो दवाई के डायबिटीज वाले मरीजन में सावधानी से इस्तेमाल करे के चाहीं काहे कि ई ब्लड शुगर लेवल पर असर डाल सकेला।
संकेत आ उद्देश्य
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आ लैबेटालोल के संयोजन कइसे काम करेला?
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड गुर्दा पर काम करके शरीर से अतिरिक्त नमक आ पानी के निकास में मदद करेला, जेसे तरल प्रतिधारण कम होखेला आ रक्तचाप घटेला। लैबेटालोल बीटा रिसेप्टर्स के ब्लॉक करके काम करेला, जेसे रक्त वाहिकन के आराम मिलेला आ दिल के धड़कन धीमा होखेला, रक्त प्रवाह में सुधार होखेला आ रक्तचाप घटेला। दुनो दवाई उच्च रक्तचाप के प्रबंधन खातिर इस्तेमाल होखेला, बाकिर ई अलग-अलग तंत्र से काम करेला: हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड मूत्रवर्धक के रूप में आ लैबेटालोल बीटा-ब्लॉकर के रूप में। एक साथ, ई रक्तचाप के नियंत्रण खातिर एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करेला।
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आ लैबेटालोल के संयोजन कतना प्रभावी बा?
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड देखावल गइल बा कि ई रक्तचाप आ तरल प्रतिधारण के प्रभावी रूप से घटावे ला, किडनी के माध्यम से अतिरिक्त नमक आ पानी के उत्सर्जन के बढ़ावा देके। क्लिनिकल अध्ययन में एकर प्रभावकारिता के पुष्टि भइल बा कि ई उच्च रक्तचाप आ शोफ के प्रबंधन में कारगर बा। लैबेटालोल साबित भइल बा कि ई रक्तचाप के घटावे में प्रभावी बा, काहे कि ई बीटा रिसेप्टर्स के ब्लॉक करेला, जेसे रक्त वाहिकन के आराम मिलेला आ दिल के धड़कन धीमा हो जाला। दुनो दवाई के व्यापक रूप से अध्ययन भइल बा आ ई उच्च रक्तचाप के प्रबंधन खातिर क्लिनिकल प्रैक्टिस में व्यापक रूप से इस्तेमाल होखेला। इनकर प्रभावकारिता के समर्थन बा कि ई उच्च रक्तचाप से जुड़ल जटिलताएं, जइसे दिल के बीमारी आ स्ट्रोक के जोखिम के घटावे में सक्षम बा।
इस्तेमाल के निर्देश
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आ लैबेटालोल के संयोजन के सामान्य खुराक का ह?
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड खातिर, सूजन के इलाज खातिर सामान्य वयस्क खुराक 25 से 100 मि.ग्रा. रोजाना होला, चाहे त एकल खुराक के रूप में चाहे विभाजित खुराक में. उच्च रक्तचाप खातिर, शुरुआती खुराक आमतौर पर 25 मि.ग्रा. रोजाना होला, जेकरा के 50 मि.ग्रा. रोजाना तक बढ़ावल जा सकेला. लैबेटालोल के उच्च रक्तचाप खातिर सामान्य शुरुआती खुराक 100 मि.ग्रा. दिन में दू बार होला, आ रक्तचाप के प्रतिक्रिया के आधार पर समायोजन कइल जाला. सामान्य रखरखाव खुराक 200 से 400 मि.ग्रा. रोजाना होला, बाकिर गंभीर मामिला में 2,400 मि.ग्रा. तक जा सकेला. दुनो दवाई उच्च रक्तचाप के प्रबंधन खातिर इस्तेमाल कइल जाला, बाकिर हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड अतिरिक्त तरल पदार्थ के निकाल के काम करेला, जबकि लैबेटालोल रक्त वाहिकन के आराम देके आ दिल के धड़कन के धीमा करके काम करेला.
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आ लैबेटालोल के संयोजन कइसे लिहल जाला?
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड खाना के साथ या बिना खइला जा सकेला, बाकिर ई जरूरी बा कि रउआ डॉक्टर के सलाह अनुसार कम नमक वाला आहार के पालन करीं। लैबेटालोल के खाना के साथ लिहल चाहीं ताकि अवशोषण बढ़ सके आ साइड इफेक्ट के खतरा कम हो सके। दुनो दवाई के प्रभावी रूप से रक्तचाप नियंत्रित करे खातिर आहार संबंधी सिफारिशन के पालन जरूरी बा, जइसे कि कम नमक वाला आहार के पालन। मरीज लोग के शराब से बचे के चाहीं या ओकरा के संयम में इस्तेमाल करे के चाहीं, काहे कि ई चक्कर आ हल्कापन जइसन साइड इफेक्ट के बढ़ा सकेला।
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आ लैबेटालोल के संयोजन कति दिन ले लिहल जाला?
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आ लैबेटालोल आमतौर पर उच्च रक्तचाप के दीर्घकालिक प्रबंधन खातिर इस्तेमाल कइल जाला। हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड अक्सर लगातार लिहल जाला ताकि एकर मूत्रवर्धक प्रभाव बनल रहे आ रक्तचाप नियंत्रित रहे जबकि लैबेटालोल भी दीर्घकालिक आधार पर इस्तेमाल कइल जाला ताकि रक्त वाहिकन के आराम देके आ दिल के धड़कन के धीमा करके उच्च रक्तचाप के प्रबंधन कइल जा सके। दुनो दवाई के प्रभावी रूप से रक्तचाप के प्रबंधन खातिर लगातार इस्तेमाल जरूरी बा काहे कि ई उच्च रक्तचाप के ठीक ना करेला बल्कि एकरा के नियंत्रित करे में मदद करेला। एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा नियमित निगरानी जरूरी बा ताकि एकर प्रभावशीलता सुनिश्चित कइल जा सके आ जरूरत अनुसार खुराक में समायोजन कइल जा सके।
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आ लैबेटालोल के संयोजन के काम करे में कतना समय लागेला?
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आमतौर पर मौखिक प्रशासन के 2 घंटा के भीतर काम करे शुरू कर देला, ओकर प्रभाव लगभग 4 घंटा के आसपास चरम पर होला आ लगभग 6 से 12 घंटा ले बनी रहेला। लैबेटालोल, दोसरा ओर, मौखिक प्रशासन के 1 से 2 घंटा के भीतर चरम प्लाज्मा स्तर पर पहुँच जाला, ओकर पूरा एंटीहाइपरटेंसिव प्रभाव आमतौर पर पहिला 1 से 3 घंटा के भीतर देखल जाला। दुनो दवाई उच्च रक्तचाप के प्रबंधन खातिर इस्तेमाल कइल जाला, लेकिन ई अलग-अलग तंत्र के माध्यम से काम करेला। हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड एगो मूत्रवर्धक बा जे शरीर के अतिरिक्त नमक आ पानी के निकाल देवे में मदद करेला, जबकि लैबेटालोल एगो बीटा-ब्लॉकर बा जे रक्त वाहिकन के आराम देला आ दिल के दर के धीमा करेला। एक साथे, ऊ लोग रक्तचाप के नियंत्रित करे खातिर एगो व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करेला।
चेतावनी आ सावधानी
का हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आ लैबेटालोल के संयोजन लेवे से कवनो नुकसान आ जोखिम बा?
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड के आम साइड इफेक्ट में बार-बार पेशाब आवे, दस्त, भूख कम होखल, सिरदर्द, आ बाल झड़े शामिल बा। महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव में निर्जलीकरण, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, आ त्वचा प्रतिक्रिया शामिल हो सकेला। लैबेटालोल के आम साइड इफेक्ट में चक्कर आवे, हल्का सिरदर्द, खोपड़ी में झुनझुनी, थकान, सिरदर्द, आ मिचली शामिल बा। गंभीर प्रतिकूल प्रभाव में सांस लेवे में तकलीफ, सूजन, छाती में दर्द, आ जिगर के समस्या शामिल हो सकेला। दुनो दवाई चक्कर आ हल्का सिरदर्द पैदा कर सकेला, खासकर जब जल्दी से खड़ा होखल जाला। मरीजन के ई साइड इफेक्ट खातिर निगरानी कइल जाव आ कवनो गंभीर प्रतिक्रिया के तुरंत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रिपोर्ट कइल जाव।
का हम हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आ लैबेटालोल के संयोजन के दोसरा प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ ले सकीला?
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाई (एनएसएआईडी) के साथ इंटरैक्ट कर सकेला, जेकरा से एकर प्रभावशीलता कम हो सकेला। ई दोसरा रक्तचाप दवाई के साथो इंटरैक्ट कर सकेला, जेकरा से खुराक के समायोजन के जरूरत हो सकेला। लैबेटालोल सिमेटिडाइन के साथ इंटरैक्ट कर सकेला, जेकरा से एकर जैवउपलब्धता बढ़ सकेला, आ दोसरा बीटा-ब्लॉकर या एंटीहाइपरटेंसिव दवाई के साथ, जेकरा से उनकर प्रभाव बढ़ सकेला। दुनो दवाई के दोसरा रक्तचाप दवाई के साथ इस्तेमाल करत घरी सावधानी से निगरानी के जरूरत होला ताकि रक्तचाप के अत्यधिक गिरावट से बचल जा सके। मरीज लोगन के चाहीं कि ऊ लोग अपन स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के सब दवाई के बारे में जानकारी देस, जेकरा से संभावित इंटरैक्शन के प्रभावी रूप से प्रबंधित कइल जा सके।
का हम गर्भावस्था में हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आ लैबेटालोल के संयोजन ले सकीला?
गर्भावस्था के दौरान हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड के आमतौर पर सिफारिश ना कइल जाला जब तक कि साफ-साफ जरूरत ना होखे, काहे कि ई भ्रूण के विकास पर असर डाल सकेला। लैबेटालोल के अक्सर गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप के प्रबंधन खातिर इस्तेमाल कइल जाला, लेकिन ई तबे इस्तेमाल कइल जाए के चाहीं जब संभावित लाभ जोखिम से अधिक होखे। दुनो दवाई के गर्भावस्था के दौरान जोखिम आ लाभ के आकलन खातिर सावधानी से विचार आ स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श के जरूरत होला। माँ आ भ्रूण पर कवनो प्रतिकूल प्रभाव के निगरानी जरूरी बा, आ कवनो चिंता के स्वास्थ्य पेशेवर से चर्चा कइल जाए के चाहीं।
का हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आ लैबेटालोल के संयोजन के स्तनपान करावत घरी लिहल जा सकेला?
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड के स्तन दूध में निकास होखेला, आ जबकि ई आमतौर पर स्तनपान के दौरान सुरक्षित मानल जाला, सावधानी बरतल जरूरी बा, आ शिशु में संभावित साइड इफेक्ट्स के निगरानी करे के सिफारिश कइल जाला। लैबेटालोल भी छोट मात्रा में स्तन दूध में निकास होखेला, आ जबकि ई आमतौर पर सुरक्षित मानल जाला, शिशु के कवनो प्रतिकूल प्रभाव खातिर निगरानी कइल जरूरी बा। दुनु दवाई के स्तनपान के दौरान इस्तेमाल पर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा लाभ आ जोखिम के सावधानीपूर्वक मूल्यांकन के जरूरत होला, आ कवनो चिंता के स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से चर्चा कइल जाव।
कवन लोगन के हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड आ लैबेटालोल के संयोजन लेवे से बचे के चाहीं?
हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड के गंभीर किडनी रोग भा अनूरिया वाला मरीजन में इस्तेमाल ना करे के चाहीं आ जवन लोगन के लीवर रोग भा इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन बा, ओहमें सावधानी बरते के सलाह बा। लैबेटालोल के अस्थमा, गंभीर ब्रेडीकार्डिया भा हार्ट ब्लॉक वाला मरीजन में निषेध बा। दुनो दवाई के मधुमेह वाला मरीजन में सावधानी के जरूरत बा, काहे कि ई लोगन के ब्लड शुगर स्तर पर असर डाल सकेला। मरीजन के चक्कर आ हल्कापन के जोखिम के बारे में जानकारी होखे के चाहीं, खासकर जब जल्दी से खड़ा होखल जाव। नियमित निगरानी आ स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संचार ई जोखिमन के प्रभावी रूप से प्रबंधित करे खातिर जरूरी बा।