फ्लुसाइटोसिन

क्रिप्टोकोकल मेनिंजाइटिस, एड्स-संबंधी अवसरों पर आधारित संक्रमण ... show more

दवाई के स्थिति

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सरकारी मंजूरी

US(FDA)

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डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई

हाँ

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ज्ञात टेराटोजेन

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फार्मास्युटिकल वर्ग

None

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नियंत्रित दवा पदार्थ

कुछुओ ना / केहू ना

सारांश

  • फ्लुसाइटोसिन के गंभीर फंगल संक्रमण जइसे क्रिप्टोकोकल मेनिन्जाइटिस, सिस्टमिक कैंडिडियासिस, आ क्रोमोब्लास्टोमाइकोसिस के इलाज खातिर इस्तेमाल कइल जाला। एकरा के अक्सर दोसरा एंटिफंगल दवाइयन के साथे बेहतर प्रभावशीलता खातिर इस्तेमाल कइल जाला।

  • फ्लुसाइटोसिन फंगल कोशिकन के भीतर 5-फ्लूरोयूरासिल में बदल के काम करेला। ई फंगस के डीएनए आ आरएनए संश्लेषण के बाधित करेला, एकरा के बढ़े आ फइले से रोकेला, आ अंत में संक्रमण के मार देला।

  • फ्लुसाइटोसिन के आमतौर पर कैप्सूल रूप में मौखिक रूप से या अस्पताल में अंतःशिरा रूप से लिहल जाला। बड़ लोग खातिर, सामान्य खुराक 50-150 मिग्रा प्रति किलो प्रति दिन चार खुराक में हर 6 घंटा पर बाटे। बच्चन खातिर, खुराक शरीर के वजन के अनुसार समायोजित कइल जाला।

  • फ्लुसाइटोसिन के आम साइड इफेक्ट्स में मिचली, उल्टी, दस्त, आ जिगर एंजाइम के बढ़ाव शामिल बा। गंभीर साइड इफेक्ट्स में बोन मैरो दमन, कम रक्त कोशिका गिनती, गुर्दा समस्या, आ एलर्जी प्रतिक्रिया शामिल हो सकेला।

  • फ्लुसाइटोसिन के गुर्दा रोग, बोन मैरो दमन, या जिगर समस्या वाला लोग द्वारा सावधानी से इस्तेमाल कइल चाहीं। ई गर्भवती महिलन खातिर तब तक सिफारिश ना कइल जाला जब तक जरूरी ना होखे। ई भी महत्वपूर्ण बा कि एह दवाई पर रहते समय शराब से बचे काहे कि ई जिगर के विषाक्तता बढ़ा सकेला आ मिचली के खराब कर सकेला।

संकेत आ उद्देश्य

फ्लुसाइटोसिन कइसे काम करेला?

फ्लुसाइटोसिन फंगल कोशिका के भीतर 5-फ्लूरोउरासिल में बदल जाला, जे डीएनए आ आरएनए सिंथेसिस के बाधित करेला। ई फंगल के बढ़त आ प्रजनन से रोक के अंततः संक्रमण के मार देला। मानव कोशिका फ्लुसाइटोसिन के विषाक्त रूप में ना बदलेला, जे एकरा के फंगल खातिर चयनात्मक रूप से विषाक्त बनावेला।

 

का फ्लुसाइटोसिन प्रभावी बा?

हाँ, फ्लुसाइटोसिन प्रभावी बा, खासकर जब दोसरा एंटिफंगल दवाई के साथ मिलाके इस्तेमाल कइल जाला। अध्ययन देखावे ला कि ई एम्फोटेरिसिन बी के साथ मिलाके क्रिप्टोकोकल मेनिन्जाइटिस में जीवित बचे के दर में काफी सुधार करेला। हालांकि, अकेले इस्तेमाल पर ई प्रतिरोध के जोखिम के कारण उतना प्रभावी ना होला।

 

इस्तेमाल के निर्देश

हम फ्लुसाइटोसिन कब तक लीं?

इलाज के अवधि इलाज हो रहल संक्रमण पर निर्भर करेला। क्रिप्टोकोकल मेनिन्जाइटिस खातिर आमतौर पर फ्लुसाइटोसिन के एम्फोटेरिसिन बी के साथ कम से कम 2 हफ्ता के जरूरत होला, जेकरा बाद रखरखाव खातिर फ्लुकोनाजोल थेरेपी होला। दोसरा फंगल संक्रमण खातिर, अवधि अलग-अलग होला लेकिन आमतौर पर कई हफ्ता होला। संक्रमण के पूरा तरह से समाप्ति सुनिश्चित करे खातिर हमेशा आपन डॉक्टर के निर्देश के पालन करीं।

 

हम फ्लुसाइटोसिन कइसे लीं?

फ्लुसाइटोसिन के मौखिक रूप से कैप्सूल रूप में या अस्पताल में अंतःशिरा रूप से लिहल जाला। ई खाना के साथ या बिना खा सकीला, लेकिन बहुत सारा तरल पीला से पेट के जलन कम हो सकेला। जिनका गुर्दा के समस्या बा, उ लोग खुराक समायोजन खातिर आपन डॉक्टर से सलाह लीं। खुराक ना छोड़ीं आ फंगल प्रतिरोध से बचला खातिर पूरा इलाज के कोर्स पूरा करीं।

 

फ्लुसाइटोसिन के काम करे में कतना समय लागेला?

फ्लुसाइटोसिन प्रशासन के कुछ घंटा के भीतर काम करे लागेला, लेकिन लक्षण में देखाई देवे वाला सुधार में कई दिन से एक हफ्ता लाग सकेला। फंगल संक्रमण धीरे-धीरे साफ होला, एह से इलाज के पूरा निर्धारित अवधि तक जारी राखल जरूरी बा, भले ही लक्षण पहिले सुधार जाव।

 

हम फ्लुसाइटोसिन के कइसे स्टोर करीं?

फ्लुसाइटोसिन कैप्सूल के कमरा के तापमान (20–25°C) पर, नमी आ गर्मी से दूर स्टोर करीं। एकरा के एकर मूल कंटेनर में आ बच्चा लोग के पहुँच से दूर राखीं। तरल फॉर्मूलेशन के फ्रीज मत करीं।

 

फ्लुसाइटोसिन के सामान्य खुराक का ह?

बड़ लोग खातिर, सामान्य खुराक 50–150 मिग्रा प्रति किलो प्रति दिन हवे, जे के चार खुराक में हर 6 घंटा पर बाँटल जाला। बच्चा लोग खातिर, खुराक समान होला, जे शरीर के वजन के अनुसार समायोजित कइल जाला। डॉक्टर के नुस्खा के पालन करना बहुत जरूरी बा, काहे कि गलत खुराक से प्रतिरोध या विषाक्तता हो सकेला। जटिलता से बचला खातिर गुर्दा के कार्यक्षमता के भी निगरानी कइल जाव।

 

चेतावनी आ सावधानी

का फ्लुसाइटोसिन के स्तनपान करावत घरी सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

फ्लुसाइटोसिन स्तन दूध में प्रवेश करेला, लेकिन शिशु पर एकर प्रभाव स्पष्ट ना बा। चूंकि ई गंभीर साइड इफेक्ट पैदा कर सकेला, डॉक्टर आमतौर पर फ्लुसाइटोसिन पर रहते समय स्तनपान से बचला के सिफारिश करेला।

 

का फ्लुसाइटोसिन गर्भावस्था में सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

फ्लुसाइटोसिन के गर्भावस्था श्रेणी सी में वर्गीकृत कइल गइल बा, मतलब जोखिम से इनकार ना कइल जा सकेला। पशु अध्ययन भ्रूण के नुकसान देखावे ला, लेकिन मानव डेटा सीमित बा। एकरा के गर्भावस्था में तबे इस्तेमाल कइल जाव जब लाभ जोखिम से अधिक होखे।

 

का हम फ्लुसाइटोसिन के साथ दोसरा प्रिस्क्रिप्शन दवाई ले सकीला?

फ्लुसाइटोसिन नेफ्रोटॉक्सिक दवाई (जइसे, एमिनोग्लाइकोसाइड्स, एम्फोटेरिसिन बी) के साथ इंटरैक्ट करेला, जे गुर्दा के नुकसान के जोखिम बढ़ावेला। ई अस्थि मज्जा-दमनकारी दवाई के प्रभाव के भी बढ़ा सकेला, जे संक्रमण या रक्तस्राव के जोखिम बढ़ावेला। हमेशा आपन डॉक्टर के सभ दवाई के बारे में जानकारी दीं जे तोहरा ले रहल बाड़।

 

का फ्लुसाइटोसिन बुजुर्ग लोग खातिर सुरक्षित बा?

बुजुर्ग मरीज लोग गुर्दा के नुकसान आ अस्थि मज्जा दमन के उच्च जोखिम पर होला। गुर्दा के कार्यक्षमता के आधार पर खुराक समायोजन के जरूरत होला। जटिलता से बचला खातिर रक्त गिनती आ गुर्दा के कार्यक्षमता के नियमित निगरानी जरूरी बा।

 

का फ्लुसाइटोसिन लेत घरी शराब पियला सुरक्षित बा?

फ्लुसाइटोसिन पर रहते समय शराब पियला के सिफारिश ना कइल जाला काहे कि ई लिवर विषाक्तता बढ़ावेला आ उल्टी के खराब करेला। अगर शराब पियला के जरूरत होखे, त पहिले डॉक्टर से सलाह लीं।

 

का फ्लुसाइटोसिन लेत घरी व्यायाम करना सुरक्षित बा?

मध्यम व्यायाम आमतौर पर सुरक्षित बा, लेकिन जे लोग थकान, चक्कर, या एनीमिया अनुभव करेला, उ लोग सावधानी बरते। हल्का गतिविधि जइसे चलना तीव्र कसरत के बजाय सिफारिश कइल जाला।

के फ्लुसाइटोसिन लेवे से बचे के चाहीं?

जिनका गुर्दा रोग, अस्थि मज्जा दमन, या लिवर समस्या बा, उ लोग फ्लुसाइटोसिन के सावधानी से इस्तेमाल करे के चाहीं। गर्भवती महिला के भी एकरा से बचे के चाहीं जब तक जरूरी ना होखे। एकरा के अकेले इस्तेमाल ना कइल जाव काहे कि प्रतिरोध के उच्च जोखिम बा।