कैल्शियम का करेला?
कैल्शियम एगो खनिज ह जे कई तरह के शरीरिक क्रियाकलाप खातिर जरूरी बा। ई मजबूत हड्डी आ दांत बनावे आ बनल राखे में अहम भूमिका निभावेला। कैल्शियम मांसपेशी के काम, नस के संकेत देवे आ खून के थक्का बनावे में भी जरूरी बा। ई हार्मोन आ एंजाइम के रिलीज में मदद करेला जे लगभग हर मानव शरीर के क्रियाकलाप में शामिल बा। पर्याप्त कैल्शियम के सेवन समग्र स्वास्थ्य खातिर जरूरी बा आ हड्डी से जुड़ल बीमारी जइसे ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव कर सकेला।
हमार आहार से कैल्शियम कइसे मिल सकेला?
कैल्शियम कई गो आहार स्रोत में मिलेला। पशु-आधारित स्रोत में डेयरी उत्पाद जइसे दूध, पनीर, आ दही शामिल बा। पौधा-आधारित स्रोत में पत्तेदार साग जइसे केल आ ब्रोकोली, साथे ही बादाम आ टोफू शामिल बा। फोर्टिफाइड खाना जइसे संतरा के रस आ अनाज भी कैल्शियम देला। कैल्शियम के अवशोषण पर असर डाले वाला कारक में विटामिन डी के स्तर शामिल बा, जे अवशोषण के बढ़ावे ला, आ कुछ दवाई या स्थिति जे एकरा के घटा सकेला। उचित कैल्शियम के सेवन सुनिश्चित करे खातिर संतुलित आहार जरूरी बा।
कइसे कैल्शियम हमार सेहत पर असर डालेला?
कैल्शियम के कमी से कई गो सेहत संबंधी समस्या हो सकेला। ई अस्थि-सुषिरता जइसन स्थिति पैदा कर सकेला, जेकरा में हड्डी कमजोर हो जाला, आ अस्थि-क्षय, जेकरा में हड्डी के खनिज घनत्व सामान्य से कम हो जाला। कैल्शियम के कमी के लक्षण में मांसपेशी के ऐंठन, सुन्नपन, आ उंगलियन में झुनझुनी शामिल बा। बच्चा, गर्भवती महिला, आ बूढ़ लोग कैल्शियम के कमी के अधिक जोखिम में रहेला। ई काहे कि बच्चा के बढ़ती खातिर कैल्शियम के जरूरत होला, गर्भवती महिला के भ्रूण के विकास खातिर आ बूढ़ लोग के कैल्शियम के अवशोषण में कमी हो सकेला।
कवन लोगन के कैल्शियम के कमी हो सकेला?
कुछ समूह कैल्शियम के कमी के खतरा में बा। रजोनिवृत्त महिलन के खतरा बा काहे कि उनकर एस्ट्रोजन स्तर कम हो जाला, जेकरा से कैल्शियम के अवशोषण घट सकेला। बूढ़ लोगन के भी कैल्शियम के अवशोषण कम हो सकेला आ हड्डी के नुकसान बढ़ सकेला। जे लोगन के लैक्टोज इनटॉलरेंस बा या डेयरी एलर्जी बा, उ लोगन के आहार से पर्याप्त कैल्शियम ना मिल सकेला। शाकाहारी आ वेगन लोगन जे डेयरी उत्पाद से बचे ला, उ लोगन के भी खतरा बा। गर्भवती आ स्तनपान करावे वाली महिलन के भ्रूण आ शिशु के विकास खातिर अधिक कैल्शियम के जरूरत होला।
कवन रोग के कैल्शियम से इलाज कइल जा सकेला?
कैल्शियम कई गो स्थिति के इलाज में प्रभावी बा। ई हड्डी के स्वास्थ्य खातिर बहुत जरूरी बा, हड्डी के घनत्व बढ़ावे आ ऑस्टियोपोरोसिस आ ऑस्टियोपेनिया में फ्रैक्चर के जोखिम घटावे में मदद करेला। ई हाइपोकैल्सीमिया के इलाज करेला, जेकर मतलब बा कम रक्त कैल्शियम स्तर, अक्सर हाइपोपराथायरायडिज्म के कारण। कैल्शियम प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षण जइसे मूड स्विंग आ ऐंठन के कम कर सकेला। ई रिकेट्स आ ऑस्टियोमलेशिया में हड्डी के खनिजीकरण के समर्थन करेला, जे कमजोर हड्डी के स्थिति ह। कैल्शियम कोलोरेक्टल कैंसर के रोकथाम में भी मदद कर सकेला काहे कि ई आंत में पित्त अम्ल के बांध के रखेला।
हमरा केसे पता चली कि हमरा में कैल्शियम के कमी बा?
कैल्शियम के कमी के पहचान खून के जाँच से होला जेकरा में सीरम कैल्शियम के स्तर मापल जाला। ई जाँच कुल कैल्शियम, आयोनाइज्ड कैल्शियम, जे फ्री कैल्शियम ह, आ एल्बुमिन के स्तर के जाँच करेला, काहे कि एल्बुमिन खून में कैल्शियम के बांधेला। मांसपेशी के ऐंठन, अंग-अंग में झुनझुनी, या अनियमित दिल के धड़कन जइसन लक्षण के प्रयोगशाला के परिणाम के साथ देखल जाला। सामान्य सीरम कैल्शियम के स्तर कुल कैल्शियम खातिर 8.5 से 10.5 mg/dL आ आयोनाइज्ड कैल्शियम खातिर 4.65 से 5.2 mg/dL के बीच होला। अतिरिक्त जाँच में मैग्नीशियम, फॉस्फेट, पेराथायरॉइड हार्मोन, विटामिन डी के स्तर, आ गुर्दा के कार्य के माप शामिल हो सकेला ताकि मूल कारण के पता लगावल जा सके।
कितना कैल्शियम के सप्लीमेंट हमके लेवे के चाहीं?
रोजाना कैल्शियम के जरूरत उमिर आ जीवन के चरण पर निर्भर करेला। 1-3 साल के बच्चा के 500 मिलीग्राम प्रति दिन चाहीं, जबकि 4-8 साल के बच्चा के 700-800 मिलीग्राम चाहीं। 9-18 साल के किशोर के 1,300 मिलीग्राम रोजाना चाहीं। 19-50 साल के वयस्क के 1,000 मिलीग्राम चाहीं, जबकि 50 से ऊपर के महिला आ 70 से ऊपर के वयस्क के 1,200-1,300 मिलीग्राम चाहीं। कैल्शियम सप्लीमेंट आमतौर पर 500-1,000 मिलीग्राम प्रति दिन देला ताकि आहार के सेवन के पूरा कइल जा सके। बेहतर अवशोषण खातिर एक बार में 500-600 मिलीग्राम से जादे ना लेवे के सलाह देहल जाला।
का कैल्शियम के सप्लीमेंट्स हमार प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ बाधा डाल सकेला?
हाँ कैल्शियम के सप्लीमेंट्स कुछ प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ इंटरैक्ट कर सकेला। ई इंटरैक्शन दवाई के काम करे के तरीका पर असर डाल सकेला। उदाहरण खातिर कैल्शियम कुछ एंटीबायोटिक्स जइसे टेट्रासाइक्लिन्स आ क्विनोलोन्स के अवशोषण के कम कर सकेला। ई थायरॉइड दवाई जइसे लेवोथायरॉक्सिन के अवशोषण में भी बाधा डाल सकेला। ई इंटरैक्शन से बचे खातिर अक्सर सलाह दिहल जाला कि कैल्शियम के सप्लीमेंट्स ई दवाई से कम से कम दू घंटा पहिले या बाद में लिहल जाव। हमेशा व्यक्तिगत सलाह खातिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।
का बहुत जादे कैल्शियम लेवल नुकसानदेह बा?
अधिक कैल्शियम सप्लीमेंटेशन नुकसानदेह हो सकेला। वयस्क लोग खातिर कैल्शियम के ऊपरी सेवन स्तर 19-50 साल के उमिर में 2,500 मि.ग्रा. प्रति दिन आ 50 साल से ऊपर के लोग खातिर 2,000 मि.ग्रा. प्रति दिन बा। बहुत जादे कैल्शियम के छोट समय के असर में पेट में दर्द आ कब्ज शामिल बा। लमहर समय तक अधिक उपयोग से हाइपरकैल्सीमिया हो सकेला, जेकर मतलब बा खून में कैल्शियम के उच्च स्तर, आ ई किडनी स्टोन आ दिल के दौरा के खतरा बढ़ा सकेला। जिनका लोग के पुरान किडनी रोग बा या हाइपरपैराथायरायडिज्म बा, ऊ लोग जादे संवेदनशील होला। ई जरूरी बा कि सिफारिश कइल खुराक के भीतर रहल जाव आ उच्च खुराक लेवे से पहिले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीहल जाव।
कैल्शियम खातिर सबसे बढ़िया सप्लीमेंट का ह?
कैल्शियम अलग-अलग रासायनिक रूप में आवेला, हर एक के अनोखा विशेषता होला. कैल्शियम कार्बोनेट सबसे आम रूप ह, जे उच्च मौलिक कैल्शियम देला लेकिन अवशोषण खातिर पेट के अम्ल के जरूरत होला. कैल्शियम साइट्रेट आसानी से अवशोषित हो जाला आ पेट पर नरम होला, जे एकरा के कम पेट अम्ल वाला लोग खातिर उपयुक्त बनावेला. कैल्शियम लैक्टेट आ कैल्शियम ग्लुकोनेट कम आम ह लेकिन भी सहनशील होला. चुनाव लागत, उपयोग के आसानी, आ व्यक्तिगत सहनशीलता जइसन कारक पर निर्भर करेला. जैवउपलब्धता के ध्यान में रखल जरूरी बा, जे बतावेला कि शरीर कैल्शियम के कितना अच्छा से अवशोषित कर सकेला.