प्रामिपेक्सोल

पार्किन्सन रोग, अवसाद विकार

दवाई के स्थिति

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सरकारी मंजूरी

None

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डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई

None

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ज्ञात टेराटोजेन

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फार्मास्युटिकल वर्ग

None

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नियंत्रित दवा पदार्थ

NO

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सारांश

  • प्रामिपेक्सोल मुख्य रूप से पार्किंसन रोग आ बेचैन पैर सिंड्रोम (RLS) के इलाज खातिर इस्तेमाल होला। पार्किंसन में, ई कंपन, अकड़न आ धीमी गति जइसन लक्षणन के प्रबंधन में मदद करेला। RLS में, ई बेचैनी आ पैर हिलावे के इच्छा के कम करेला, नींद में सुधार करेला।

  • प्रामिपेक्सोल दिमाग में डोपामाइन रिसेप्टर्स के उत्तेजित करके काम करेला। डोपामाइन एगो पदार्थ ह जे गति आ मूड के नियंत्रण में शामिल होला। त पार्किंसन जइसन हालत में जहाँ डोपामाइन बनावे वाली कोशिकन के नुकसान हो जाला, प्रामिपेक्सोल डोपामाइन के भूमिका के नकल करेला, एह से गति नियंत्रण में सुधार होला।

  • पार्किंसन रोग खातिर, शुरुआती खुराक आमतौर पर 0.375 मि.ग्रा. रोजाना होला, जेकरा के 4.5 मि.ग्रा. तक बढ़ावल जा सकेला। RLS खातिर, सामान्य खुराक सोवे से पहिले 0.125 मि.ग्रा. से शुरू होला, जेकरा के 0.5 मि.ग्रा. तक समायोजित कइल जा सकेला। दवाई मुँह से, खाना के साथ या बिना लिहल जाला।

  • प्रामिपेक्सोल के आम साइड इफेक्ट्स में चक्कर, मिचली, नींद, थकान आ सिरदर्द शामिल बा। कुछ मामिलन में, ई मतिभ्रम, भ्रम, आवेग नियंत्रण विकार आ अचानक नींद के दौरा पैदा कर सकेला। ई खड़ा होखे पर निम्न रक्तचाप के भी कारण बन सकेला।

  • प्रामिपेक्सोल आवेग नियंत्रण विकार आ अचानक नींद के दौरा पैदा कर सकेला। ई गुर्दा रोग आ निम्न रक्तचाप वाले मरीजन में सावधानी से इस्तेमाल कइल जाव। वृद्ध मरीज साइड इफेक्ट्स के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकेलें। ई दवाई या ओकर सामग्री से एलर्जी वाले व्यक्तियन खातिर निषिद्ध बा।

संकेत आ उद्देश्य

कइसे पता चली कि प्रामिपेक्सोल काम कर रहल बा?

प्रामिपेक्सोल के लाभ के मूल्यांकन लक्षण में सुधार के नियमित निगरानी के माध्यम से कइल जाला। पार्किंसन रोग में, एह में मोटर फंक्शन के आकलन शामिल बा, जइसे कंपकंपी में कमी, मांसपेशी के कठोरता, आ समग्र गति क्षमता, अक्सर यूनिफाइड पार्किंसन डिजीज रेटिंग स्केल (UPDRS) जइसे मानकीकृत रेटिंग स्केल के इस्तेमाल क के। बेचैन पैर सिंड्रोम (RLS) खातिर, लक्षण राहत, जइसे पैर के असुविधा में कमी आ नींद के गुणवत्ता में सुधार, मरीज के रिपोर्ट आ नींद के अध्ययन के माध्यम से मापल जाला। लक्षण नियंत्रण आ साइड इफेक्ट के आधार पर खुराक में समायोजन कइल जाला।

प्रामिपेक्सोल कइसे काम करेला?

प्रामिपेक्सोल दिमाग में डोपामाइन रिसेप्टर्स के उत्तेजित क के काम करेला। डोपामाइन एगो न्यूरोट्रांसमीटर ह जे गति आ मूड के नियंत्रण में शामिल बा। पार्किंसन रोग में, डोपामाइन पैदा करे वाला न्यूरॉन्स के क्षय हो जाला, जेकरा से गति में समस्या होखे लागेला। प्रामिपेक्सोल डोपामाइन के नकल करेला, जेकरा से मोटर नियंत्रण में सुधार होला आ कंपकंपी आ कठोरता जइसे लक्षण में कमी आवेला। बेचैन पैर सिंड्रोम में, ई डोपामाइन स्तर के नियमित करेला ताकि पैर के असुविधा में कमी आ नींद के गुणवत्ता में सुधार हो सके।

का प्रामिपेक्सोल प्रभावी बा?

क्लिनिकल अध्ययन देखवले बा कि प्रामिपेक्सोल पार्किंसन रोग के लक्षण में कमी क के मोटर नियंत्रण आ गति में सुधार करेला, जेकरा में कंपकंपी, कठोरता, आ ब्रैडीकिनेसिया शामिल बा। ई पार्किंसन के शुरुआती आ उन्नत चरण में प्रभावी साबित भइल बा। बेचैन पैर सिंड्रोम खातिर, शोध देखवले बा कि प्रामिपेक्सोल लक्षण में काफी कमी करेला, नींद के गुणवत्ता आ पैर के असुविधा में सुधार करेला। ई निष्कर्ष एह दूनो स्थिति के प्रबंधन में ओकरा के सिद्ध प्रभावशीलता के समर्थन करेला।

प्रामिपेक्सोल के का इस्तेमाल बा?

प्रामिपेक्सोल के मुख्य रूप से इलाज खातिर बतावल गइल बा:

  1. पार्किंसन रोग – ई दिमाग में डोपामाइन रिसेप्टर्स के उत्तेजित क के कंपकंपी, कठोरता, आ ब्रैडीकिनेसिया (गति के धीमापन) जइसे लक्षण के प्रबंधन में मदद करेला।
  2. बेचैन पैर सिंड्रोम (RLS) – ई पैर हिलावे के इच्छा में कमी करेला, असुविधा आ नींद के गड़बड़ी जइसे लक्षण में सुधार करेला, खासकर सांझ या रात में।

इस्तेमाल के निर्देश

प्रामिपेक्सोल के कति दिन लेवे के चाहीं?

प्रामिपेक्सोल के आमतौर पर दीर्घकालिक रूप से पार्किंसन रोग के प्रबंधन खातिर इस्तेमाल कइल जाला, अक्सर सालों तक, ओकरा के प्रभावशीलता आ सहनशीलता पर निर्भर करत बा। बेचैन पैर सिंड्रोम (RLS) खातिर, ई अल्पकालिक या दीर्घकालिक रूप से इस्तेमाल कइल जा सकेला, लक्षण के पुनरावृत्ति पर निर्भर करत बा। इस्तेमाल के अवधि व्यक्तिगत बा, आ आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता लक्षण आ साइड इफेक्ट के आधार पर इलाज के जरूरत अनुसार समायोजित करी। समय के साथ सुरक्षा आ निरंतर प्रभावशीलता सुनिश्चित करे खातिर नियमित निगरानी जरूरी बा।

प्रामिपेक्सोल कइसे लीं?

प्रामिपेक्सोल के खाना के साथ या बिना लिहल जा सकेला। एह दवाई के इस्तेमाल करत घरी कवनो खास खाना के पाबंदी नइखे। हालांकि, अधिक मात्रा में शराब के सेवन से बचे के चाहीं काहे कि ई चक्कर आ उनींदापन जइसे साइड इफेक्ट के खतरा बढ़ा सकेला। हमेशा अपने डॉक्टर के निर्देश के पालन करीं समय आ खुराक के बारे में, आ खुराक ना छोड़ीं।

प्रामिपेक्सोल के काम करे में कति समय लागेला?

प्रामिपेक्सोल आमतौर पर इलाज के 1 से 2 हफ्ता में असर देखावे लागेला, लेकिन पूरा लाभ लेवे में कई हफ्ता लाग सकेला, खासकर पार्किंसन रोग जइसे स्थिति खातिर। बेचैन पैर सिंड्रोम में, पैर के असुविधा आ नींद के गुणवत्ता में सुधार के लक्षण इलाज शुरू करे के कुछ दिन में देखल जा सकेला।

प्रामिपेक्सोल के कइसे स्टोर करीं?

प्रामिपेक्सोल के कमरा के तापमान पर 20°C से 25°C (68°F से 77°F) के बीच स्टोर कइल जाव। एकरा के ओकरा मूल कंटेनर में, कस के बंद क के राखीं, आ एकरा के रोशनी आ नमी से बचा के राखीं। एकरा के बाथरूम या उच्च आर्द्रता वाला क्षेत्र में स्टोर करे से बचे के चाहीं। दवाई के बच्चा के पहुंच से दूर राखीं आ कवनो समाप्त या बिना इस्तेमाल कइल दवाई के सही से नष्ट करीं।

प्रामिपेक्सोल के सामान्य खुराक का बा?

बड़ लोग खातिर, 0.375 मि.ग्रा. रोज एक बेर से शुरू करीं। अगर जरूरत होखे, त 0.75 मि.ग्रा. हर 5-7 दिन में धीरे-धीरे बढ़ाईं, अधिकतम 4.5 मि.ग्रा. रोज तक।

चेतावनी आ सावधानी

का प्रामिपेक्सोल के अउरी प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ लिहल जा सकेला?

प्रामिपेक्सोल एगो दवाई ह जेकरा के कुछ अउरी दवाई, जइसे न्यूरोलेप्टिक्स (फेनोथियाजिन, ब्यूटिरोफेनोन, थायोक्सेन्थेन्स) या मेटोक्लोप्रामाइड के साथ लिहल पर कम प्रभावी हो सकेला। ई दवाई प्रामिपेक्सोल के प्रभाव के रोक सकेला। अउरी दवाई, जइसे सिमेटिडिन, रैनिटिडिन, डिल्टियाजेम, ट्रायमटेरिन, वेरापामिल, क्विनिडिन, आ क्विनिन, प्रामिपेक्सोल के साथ इंटरैक्ट कर सकेला आ ओकरा के प्रभावशीलता में कमी कर सकेला।

का प्रामिपेक्सोल के विटामिन या सप्लीमेंट के साथ लिहल जा सकेला?

प्रामिपेक्सोल आ विटामिन या सप्लीमेंट के बीच कवनो महत्वपूर्ण इंटरैक्शन नइखे। हालांकि, डोपामिनर्जिक सप्लीमेंट या हर्बल उपचार के इस्तेमाल करत घरी सावधानी बरते के चाहीं जे डोपामाइन स्तर के प्रभावित कर सकेला, काहे कि ई प्रामिपेक्सोल के प्रभावशीलता के बदल सकेला। कवनो सप्लीमेंट के साथ प्रामिपेक्सोल के मिलावे से पहिले हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करीं ताकि अनचाहा इंटरैक्शन से बचल जा सके।

का प्रामिपेक्सोल के स्तनपान करावत घरी सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

प्रामिपेक्सोल स्तन दूध में उत्सर्जित होला, लेकिन नर्सिंग शिशु पर असर के बारे में अच्छी तरह से अध्ययन नइखे भइल। शिशु पर संभावित जोखिम के कारण, ई आमतौर पर स्तनपान के दौरान इस्तेमाल खातिर सिफारिश नइखे कइल जाला। अगर प्रामिपेक्सोल इलाज खातिर जरूरी बा, त स्तनपान बंद करे के पड़ सकेला। एह दवाई के स्तनपान के दौरान इस्तेमाल से पहिले हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करीं।

का प्रामिपेक्सोल गर्भावस्था में सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

प्रामिपेक्सोल के गर्भावस्था खातिर श्रेणी C में वर्गीकृत कइल गइल बा, मतलब कि पशु अध्ययन में भ्रूण पर संभावित जोखिम देखावल गइल बा, लेकिन मनुष्यों में कवनो अच्छी तरह से नियंत्रित अध्ययन नइखे। ई केवल तब इस्तेमाल कइल जाव जब संभावित लाभ जोखिम से अधिक होखे। गर्भवती महिलन के प्रामिपेक्सोल के इस्तेमाल से पहिले अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करे के चाहीं काहे कि पर्याप्त सुरक्षा डेटा नइखे।

का प्रामिपेक्सोल लेवे के दौरान शराब पियला सुरक्षित बा?

ना, प्रामिपेक्सोल के साथ शराब के मिलावे से चक्कर या उनींदापन बढ़ सकेला, जेकरा से दुर्घटना के खतरा बढ़ जाला। इलाज के दौरान शराब से बचे के चाहीं।

का प्रामिपेक्सोल लेवे के दौरान व्यायाम करना सुरक्षित बा?

हां, व्यायाम आमतौर पर सुरक्षित आ पार्किंसन के लक्षण के प्रबंधन खातिर फायदेमंद बा, लेकिन अगर चक्कर या थकान होखे त उच्च जोखिम वाला गतिविधि से बचे के चाहीं।

का प्रामिपेक्सोल बुजुर्ग लोग खातिर सुरक्षित बा?

65 से ऊपर के लोग खातिर जेकरा पार्किंसन बा, प्रामिपेक्सोल टैबलेट लेवे पर चीज देखे के खतरा (भ्रम) अधिक बा। जइसे-जइसे हम बूढ़ होखीं, हमारा किडनी ठीक से काम ना कर सकेला, जेकरा से प्रामिपेक्सोल के शरीर से बाहर निकाले में असर पड़ सकेला। अगर आपके किडनी में समस्या बा, त प्रामिपेक्सोल लेवे में सावधानी बरते के चाहीं। आ याद रखीं, एह दवाई के दूसर लोग के साथ साझा मत करीं।

केकरा के प्रामिपेक्सोल से बचे के चाहीं?

प्रामिपेक्सोल खातिर महत्वपूर्ण चेतावनी में आवेग नियंत्रण विकार (जइसे, जुआ, खरीदारी, या खाए के जइसे व्यवहार) आ नींद के हमला (अचानक नींद के एपिसोड) के जोखिम शामिल बा। ई किडनी रोगनिम्न रक्तचाप वाला मरीज में सावधानी से इस्तेमाल कइल जाव। बुजुर्ग मरीज साइड इफेक्ट के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकेला।

विरोधाभास: प्रामिपेक्सोल के उन व्यक्तियों में विरोधाभास बा जिनके एह दवाई या ओकरा सामग्री से अतिसंवेदनशीलता के इतिहास बा। इलाज शुरू करे से पहिले हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करीं।