पारोक्सेटिन
पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस विक्षोभ, अवसाद विकार ... show more
दवाई के स्थिति
सरकारी मंजूरी
US(FDA), यूके (बीएनएफ)
डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई
None
ज्ञात टेराटोजेन
NO
फार्मास्युटिकल वर्ग
None
नियंत्रित दवा पदार्थ
NO
ई दवाई के बारे में अउरी जानीं -
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पारोक्सेटिन मुख्य रूप से डिप्रेशन, चिंता विकार, पैनिक विकार, ऑब्सेसिव-कंपल्सिव विकार (OCD), पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस विकार (PTSD), सामाजिक चिंता विकार, आ प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक विकार (PMDD) के इलाज खातिर इस्तेमाल कइल जाला।
पारोक्सेटिन दिमाग में सेरोटोनिन के स्तर बढ़ाके काम करेला। सेरोटोनिन एगो न्यूरोट्रांसमीटर ह, जे मूड, चिंता, आ दोसरा भावनात्मक प्रतिक्रिया के नियमन में मदद करेला। सेरोटोनिन के नर्व सेल में रीअपटेक के रोक के, दिमाग में जादे सेरोटोनिन रहेला, जे मूड सुधारेला, चिंता घटावेला, आ डिप्रेशन आ दोसरा मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण में राहत देला।
बड़ लोग खातिर पारोक्सेटिन के सामान्य दैनिक खुराक डिप्रेशन या चिंता खातिर 20 मि.ग्रा. ह, जेकरा में 40-50 मि.ग्रा. तक बढ़ावल जा सकेला। पैनिक विकार या OCD जइसन हालत खातिर, 10-20 मि.ग्रा. से शुरू कइल आम बात ह। दवाई रोजाना सबेरे एक बेर, खाना के साथ या बिना लिहल जाला।
पारोक्सेटिन के आम साइड इफेक्ट में मिचली, उनींदापन, सुखल मुँह, अनिद्रा, यौन विकार, आ वजन बढ़ना शामिल बा। गंभीर प्रतिकूल प्रभाव में आत्महत्या के विचार बढ़ना, सेरोटोनिन सिंड्रोम (लक्षण में उत्तेजना, मतिभ्रम, आ कंपकंपी शामिल बा), आ हाइपोनेट्रेमिया (कम सोडियम स्तर) शामिल हो सकेला। लंबा समय तक इस्तेमाल से निर्भरता या अचानक बंद कइला पर वापसी के लक्षण भी हो सकेला।
पारोक्सेटिन के कुछ दोसरा दवाई, जे दिमाग के रसायन विज्ञान (MAOIs) या दिल के धड़कन पर असर डाले ला, जइसन कि थियोरिडाजिन या पिमोजाइड के साथ इस्तेमाल ना कइल जाव। गर्भ में पल रहल बच्चा पर संभावित खतरा बा, एही से गर्भावस्था में केवल तब इस्तेमाल कइल जाव जब फायदा खतरा से जादे होखे। ई मामूली मात्रा में स्तनपान में भी निकल सकेला, एही से स्तनपान के दौरान सावधानी बरतल जाव। अगर रउआ खुराक भूला जाईं, त अगिला खुराक सामान्य समय पर आ सामान्य मात्रा में लीं। डॉक्टर के बतावल से जादे ना लीं।
संकेत आ उद्देश्य
कइसे पता चली कि पारोक्सेटिन काम कर रहल बा?
पारोक्सेटिन के लाभ के मूल्यांकन इलाज हो रहल स्थिति के लक्षण में सुधार के मॉनिटरिंग से कइल जाला। डिप्रेशन खातिर, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता मूड, ऊर्जा, आ समग्र कार्यक्षमता में बदलाव के आकलन करेलन। एंग्जायटी डिसऑर्डर आ OCD खातिर, एंग्जायटी स्तर, कम्पल्सिव व्यवहार, आ पैनिक एपिसोड में लक्षण के कमी के ट्रैक कइल जाला। नियमित फॉलो-अप विजिट डॉक्टर के डोज के समायोजन आ इलाज के प्रभावशीलता के आकलन करे के अनुमति देला।
पारोक्सेटिन कइसे काम करेला?
पारोक्सेटिन दिमाग में एगो न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन के स्तर बढ़ाके काम करेला, जे मूड, एंग्जायटी, आ अन्य भावनात्मक प्रतिक्रिया के नियंत्रित करे में मदद करेला। ई एगो सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर (SSRI) ह, मतलब ई सेरोटोनिन के नर्व सेल में रीअपटेक के ब्लॉक करेला, जेकरा से दिमाग में अधिक सेरोटोनिन रहेला। ई मूड में सुधार, एंग्जायटी के कम करे, आ डिप्रेशन आ अन्य मानसिक स्वास्थ्य स्थिति के लक्षण के कम करे में मदद करेला।
का पारोक्सेटिन प्रभावी बा?
कई क्लिनिकल अध्ययन देखवले बा कि पारोक्सेटिन डिप्रेशन, एंग्जायटी डिसऑर्डर, पैनिक अटैक, आ ऑब्सेसिव-कम्पल्सिव डिसऑर्डर (OCD) के प्रभावी रूप से इलाज करेला। रिसर्च में मरीजन में मूड, एंग्जायटी स्तर, आ समग्र कार्यक्षमता में महत्वपूर्ण सुधार देखावल गइल बा। पारोक्सेटिन के रैंडमाइज्ड कंट्रोल्ड ट्रायल से व्यापक रूप से समर्थन मिलल बा, जेकरा से एकर सेरोटोनिन स्तर बढ़ावे, लक्षण कम करे, आ ई स्थिति वाला लोग के जीवन गुणवत्ता में सुधार करे के क्षमता के पुष्टि होला।
पारोक्सेटिन के का इस्तेमाल होला?
पारोक्सेटिन आमतौर पर डिप्रेशन, जनरलाइज्ड एंग्जायटी डिसऑर्डर (GAD), पैनिक डिसऑर्डर, ऑब्सेसिव-कम्पल्सिव डिसऑर्डर (OCD), पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD), सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर, आ प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (PMDD) खातिर लिखल जाला। ई एगो सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर (SSRI) ह जे दिमाग में सेरोटोनिन स्तर के संतुलित करे में मदद करेला, मूड में सुधार आ एंग्जायटी आ संबंधित लक्षण के कम करेला।
इस्तेमाल के निर्देश
पारोक्सेटिन के कतना दिन लेवे के चाहीं?
पारोक्सेटिन इलाज के अवधि इलाज हो रहल स्थिति आ दवाई के प्रति अपने प्रतिक्रिया पर निर्भर करेला। सामान्य दिशानिर्देश बा:
- डिप्रेशन: लक्षण में सुधार के बाद कम से कम 6–12 महीना ताकि पुनरावृत्ति से बचल जा सके।
- एंग्जायटी डिसऑर्डर (जइसे, GAD, पैनिक, सोशल एंग्जायटी): अक्सर 6–12 महीना या अधिक, लक्षण के गंभीरता पर निर्भर करेला।
- दीर्घकालिक स्थिति: कुछ मामिला में दीर्घकालिक इलाज के जरूरत हो सकेला।
हमेशा अपने डॉक्टर के निर्देश के पालन करीं आ अचानक पारोक्सेटिन बंद ना करीं, काहे कि ई वापसी के लक्षण पैदा कर सकेला। अगर जरूरत होखे त अपने डॉक्टर अपने के कइसे धीरे-धीरे बंद करे के निर्देश देई।
पारोक्सेटिन कइसे लीं?
रात में एक बेर पारोक्सेटिन कैप्सूल लीं। रोटी के साथ या बिना ले सकत बानी। अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के निर्देश के पालन करीं।
पारोक्सेटिन के काम करे में कतना समय लागेला?
पारोक्सेटिन आमतौर पर 1 से 2 हफ्ता में असर देखावे लागेला, मूड आ एंग्जायटी लक्षण में सुधार के साथ। हालांकि, पूरा चिकित्सीय असर महसूस करे में 4 से 6 हफ्ता लाग सकत बा, खासकर डिप्रेशन आ OCD जइसन स्थिति खातिर। ई दवाई शुरू करे पर धैर्य जरूरी बा, आ एकरा के सबसे अच्छा परिणाम खातिर निर्धारित रूप से जारी राखल चाहीं।
पारोक्सेटिन के कइसे स्टोर करीं?
पारोक्सेटिन के कमरा के तापमान (बीच में 20°C से 25°C या 68°F से 77°F) पर स्टोर कइल जाव, अत्यधिक गर्मी आ नमी से दूर। दवाई के एकदम बंद कंटेनर में आ बच्चन के पहुंच से दूर राखीं। बाथरूम में स्टोर करे से बचे, काहे कि नमी गोली पर असर डाल सकेला। इस्तेमाल से पहिले हमेशा समाप्ति तिथि चेक करीं।
पारोक्सेटिन के सामान्य खुराक का बा?
पारोक्सेटिन के सामान्य खुराक:
- डिप्रेशन: 20–50 mg/दिन
- एंग्जायटी या पैनिक डिसऑर्डर: 10–60 mg/दिन
कम से शुरू करीं आ धीरे-धीरे बढ़ाईं। हमेशा अपने डॉक्टर के सलाह के पालन करीं।
चेतावनी आ सावधानी
का हम पारोक्सेटिन के साथ अन्य प्रिस्क्रिप्शन दवाई ले सकीला?
पारोक्सेटिन के साथ महत्वपूर्ण प्रिस्क्रिप्शन दवाई इंटरैक्शन में शामिल बा:
- मोनोअमाइन ऑक्सीडेज इनहिबिटर (MAOIs) – सेरोटोनिन सिंड्रोम के कारण बन सकेला, जे संभावित रूप से जीवन के खतरा हो सकेला।
- अन्य SSRIs या SNRIs – सेरोटोनिन से संबंधित साइड इफेक्ट के जोखिम बढ़ा देला।
- एंटीकोआगुलेंट्स (जइसे, वारफारिन) – खून के बहाव के जोखिम बढ़ा सकेला।
- ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स – सूखा मुंह आ नींद के जइसन साइड इफेक्ट बढ़ा सकेला।
- लिथियम – सेरोटोनिन सिंड्रोम के जोखिम बढ़ा सकेला।
का हम पारोक्सेटिन के साथ विटामिन या सप्लीमेंट ले सकीला?
पारोक्सेटिन आ विटामिन या सप्लीमेंट के बीच महत्वपूर्ण इंटरैक्शन में शामिल बा:
- सेंट जॉन वॉर्ट – पारोक्सेटिन के साथ मिलावे पर सेरोटोनिन सिंड्रोम के जोखिम बढ़ सकेला।
- फिश ऑयल आ ओमेगा-3 सप्लीमेंट – पारोक्सेटिन के साथ लेवे पर खून के बहाव के जोखिम बढ़ सकेला।
- विटामिन B6 आ B12 – कुछ साइड इफेक्ट जइसे उल्टी के कम करे में मदद कर सकेला, बाकिर सावधानी से इस्तेमाल कइल जाव।
कवनो सप्लीमेंट के साथ पारोक्सेटिन के मिलावे से पहिले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।
का पारोक्सेटिन स्तनपान के दौरान सुरक्षित बा?
पारोक्सेटिन स्तन दूध में थोड़ी मात्रा में निकल जाला। जबकि ई स्तनपान के दौरान अल्पकालिक उपयोग खातिर आमतौर पर सुरक्षित मानल जाला, सावधानी बरतल जाला, खासकर नवजात या प्रीटर्म शिशु में संभावित साइड इफेक्ट जइसे नींद आवे या चिड़चिड़ापन के कारण। पारोक्सेटिन के इस्तेमाल से पहिले स्तनपान करावे वाली माई के अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लेवे के महत्वपूर्ण बा ताकि माई आ बच्चा दुनो के सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
का पारोक्सेटिन गर्भावस्था में सुरक्षित बा?
गर्भावस्था के दौरान पारोक्सेटिन के श्रेणी D में वर्गीकृत कइल गइल बा, जे गर्भ में पल रहल शिशु पर संभावित जोखिम के संकेत देला। अध्ययन में देखावल गइल बा कि जन्म दोष, खासकर दिल के दोष के जोखिम बढ़ जाला जब ई पहिले तिमाही में लेवल जाला। ई केवल तब इस्तेमाल कइल जाव जब लाभ जोखिम से अधिक होखे। गर्भवती महिलन के पारोक्सेटिन के इस्तेमाल से पहिले अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लेवे के चाहीं।
का पारोक्सेटिन लेवे के दौरान शराब पियला सुरक्षित बा?
हां, व्यायाम आमतौर पर सुरक्षित बा आ मूड में सुधार करे में मदद कर सकेला, लेकिन अगर अपने के थकान या चक्कर आवे त धीरे-धीरे शुरू करीं।
का पारोक्सेटिन लेवे के दौरान व्यायाम करना सुरक्षित बा?
माफ करीं, हम ओह सवाल के जवाब ना दे सकीला। कृपया एगो चिकित्सा पेशेवर से सलाह लीं।
का पारोक्सेटिन बुजुर्गन खातिर सुरक्षित बा?
पारोक्सेटिन के बुजुर्गन द्वारा इस्तेमाल कइल जा सकेला, बाकिर ई सावधानी से लिखल जाव। बूढ़ लोग साइड इफेक्ट के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकेला, जइसे:
- नींद आवे या चक्कर (गिरल के जोखिम बढ़ जाला)।
- हाइपोनेट्रेमिया (कम सोडियम स्तर)।
- खून के बहाव के जोखिम (खासकर खून पतला करे वाली दवाई के साथ)।
अक्सर कम खुराक से शुरू करे के सिफारिश कइल जाला, आ डॉक्टर द्वारा करीबी निगरानी महत्वपूर्ण बा। हमेशा चिकित्सा सलाह के पालन करीं।
के पारोक्सेटिन लेवे से बचे के चाहीं?
पारोक्सेटिन HCL CR के कुछ अन्य दवाई, जइसे कि जे दिमाग के रसायन विज्ञान (MAOIs) या दिल के धड़कन (जइसे थियोरिडाजिन या पिमोजाइड) पर असर डाले वाली दवाई के साथ इस्तेमाल ना कइल जाव। पारोक्सेटिन HCL CR के ई दवाई के साथ लेवे से गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकेला, जइसे सेरोटोनिन सिंड्रोम (लक्षण में भ्रम, उत्तेजना, आ तेज दिल के धड़कन शामिल बा)।