डाइक्लोर्फेनामाइड

ग्लौकोमा

दवाई के स्थिति

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सरकारी मंजूरी

US(FDA)

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डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई

None

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ज्ञात टेराटोजेन

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फार्मास्युटिकल वर्ग

None

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नियंत्रित दवा पदार्थ

कुछुओ ना / केहू ना

सारांश

  • डाइक्लोर्फेनामाइड के प्राइमरी हाइपरकेलेमिक पीरियाडिक पैरालिसिस, प्राइमरी हाइपोकैलेमिक पीरियाडिक पैरालिसिस, आ संबंधित वेरिएंट्स के इलाज खातिर इस्तेमाल कइल जाला। ई हालात मांसपेशियन के कमजोरी भा पैरालिसिस के एपिसोड से पहिचानल जाला, जे पोटैशियम स्तर में बदलाव के कारण होला।

  • डाइक्लोर्फेनामाइड एगो कार्बोनिक एनहाइड्रेज इनहिबिटर ह। ई कार्बोनिक एनहाइड्रेज नामक एंजाइम के ब्लॉक करेला, जे आयन ट्रांसपोर्ट आ एसिड-बेस बैलेंस में बदलाव के कारण बनेला। पीरियाडिक पैरालिसिस के इलाज में ई कइसे काम करेला, ई पूरा तरह से समझल नइखे गइल।

  • बड़ लोग खातिर रोजाना के सामान्य खुराक 50 मिग्रा से 200 मिग्रा के बीच होला, जे मौखिक रूप से लिहल जाला। बाल रोगी में सुरक्षा आ प्रभावशीलता स्थापित नइखे भइल।

  • आम साइड इफेक्ट्स में पेरेस्थेसिया, संज्ञानात्मक विकार, डिस्ग्यूसिया, सिरदर्द, आ थकान शामिल बा। गंभीर प्रतिकूल प्रभाव में हाइपरसेंसिटिविटी रिएक्शन, हाइपोकैलेमिया, मेटाबोलिक एसिडोसिस, आ गिरल के बढ़ल जोखिम शामिल बा।

  • महत्वपूर्ण चेतावनी में हाइपरसेंसिटिविटी रिएक्शन, हाइपोकैलेमिया, मेटाबोलिक एसिडोसिस, आ गिरल के बढ़ल जोखिम शामिल बा। ई सल्फोनामाइड्स से हाइपरसेंसिटिविटी, गंभीर फेफड़ा रोग, यकृत अपर्याप्तता, आ ऊँच खुराक एस्पिरिन लेवे वाला मरीजन में निषिद्ध बा।

संकेत आ उद्देश्य

डाइक्लोर्फेनामाइड कइसे काम करेला?

डाइक्लोर्फेनामाइड एक कार्बोनिक एनहाइड्रेज इनहिबिटर बा, जे पीरियडिक पैरालिसिस में मांसपेशी कमजोरी के हमला के आवृत्ति आ गंभीरता के कम करे में मदद करेला। एह स्थिति में क्रिया के सटीक तंत्र पूरा तरह से समझल नइखे।

का डाइक्लोर्फेनामाइड प्रभावी बा?

डाइक्लोर्फेनामाइड के प्रभावशीलता के दू क्लिनिकल अध्ययन में मूल्यांकन भइल। अध्ययन 1 में, हाइपोकैलेमिक पीरियडिक पैरालिसिस वाला मरीज के प्रति सप्ताह 2.2 कम हमला भइल, आ हाइपरकेलेमिक पीरियडिक पैरालिसिस वाला मरीज के प्रति सप्ताह 3.9 कम हमला भइल प्लेसीबो की तुलना में। अध्ययन 2 में समान परिणाम देखल गइल, कम हमला आ डाइक्लोर्फेनामाइड पर मरीज में तीव्र बिगड़ाव में कमी।

इस्तेमाल के निर्देश

डाइक्लोर्फेनामाइड केतना दिन ले लिहल जाला?

डाइक्लोर्फेनामाइड आमतौर पर प्राथमिक हाइपरकेलेमिक आ हाइपोकैलेमिक पीरियडिक पैरालिसिस जइसन स्थिति के प्रबंधन खातिर दीर्घकालिक रूप से इस्तेमाल होला। 2 महीना के इलाज के बाद प्रभावशीलता के मूल्यांकन कइल जाला कि एकरा जारी राखल जाव कि ना।

डाइक्लोर्फेनामाइड के कइसे लेवे के चाहीं?

डाइक्लोर्फेनामाइड के खाना के साथ भा बिना खइला जा सकेला। कवनो विशेष भोजन प्रतिबंध के उल्लेख नइखे, लेकिन ई महत्वपूर्ण बा कि रउआ अपना स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के निर्देश के पालन करीं आ उनकरा से कवनो आहार संबंधी चिंता के चर्चा करीं।

डाइक्लोर्फेनामाइड के काम करे में केतना समय लागेला?

डाइक्लोर्फेनामाइड 10 दिन के दिन में दू बेर खुराक के बाद स्थिर अवस्था स्तर पर पहुँच जाला। हालाँकि, एकरा के जारी राखे के बा कि ना, एकर निर्धारण खातिर 2 महीना के इलाज के बाद प्रभावशीलता के मूल्यांकन कइल जाला।

डाइक्लोर्फेनामाइड के कइसे स्टोर करे के चाहीं?

डाइक्लोर्फेनामाइड के कमरा के तापमान पर स्टोर करे के चाहीं, 20° से 25°C (68° से 77°F) के बीच, 15° से 30°C (59° से 86°F) तक के विचलन के अनुमति बा। ई महत्वपूर्ण बा कि दवाई के ओकरा मूल कंटेनर में आ बच्चा लोग के पहुँच से दूर रखल जाव।

डाइक्लोर्फेनामाइड के सामान्य खुराक का ह?

बड़का लोग खातिर रोजाना के सामान्य खुराक 50 mg से शुरू होला, जे मुँह से दिन में दू बेर लिहल जाला। खुराक के समायोजन व्यक्तिगत प्रतिक्रिया पर आधारित हो सकेला, न्यूनतम 50 mg आ अधिकतम 200 mg प्रति दिन। बच्चा लोग में डाइक्लोर्फेनामाइड के सुरक्षा आ प्रभावशीलता स्थापित नइखे भइल।

चेतावनी आ सावधानी

का डाइक्लोर्फेनामाइड स्तनपान करावत घरी सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

मानव दूध में डाइक्लोर्फेनामाइड के उपस्थिति भा स्तनपान करावे वाला शिशु पर एकर प्रभाव पर कवनो डेटा नइखे। स्तनपान के लाभ के दवाई के आवश्यकता आ शिशु पर कवनो संभावित जोखिम के खिलाफ तौलल जाव। व्यक्तिगत सलाह खातिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करीं।

का डाइक्लोर्फेनामाइड गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

गर्भवती महिला में डाइक्लोर्फेनामाइड के उपयोग पर कवनो पर्याप्त डेटा नइखे। ई पशु अध्ययन में टेराटोजेनिक भइल, जे भ्रूण के अंग दोष पैदा कइलस। गर्भवती मरीज के मेटाबोलिक एसिडोसिस खातिर निगरानी कइल जाव, आ नवजात शिशु के अस्थायी मेटाबोलिक एसिडोसिस खातिर जाँचल जाव। व्यक्तिगत सलाह खातिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करीं।

का हम डाइक्लोर्फेनामाइड के दोसरा प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथे ले सकीला?

महत्वपूर्ण दवाई के इंटरैक्शन में सैलिसिलेट विषाक्तता के बढ़ल जोखिम के कारण उच्च-खुराक एस्पिरिन के साथ निषेध शामिल बा। डाइक्लोर्फेनामाइड के ओह दवाई के साथ इस्तेमाल ना करे के चाहीं जे हाइपोकैलेमिया भा मेटाबोलिक एसिडोसिस पैदा करेला। ई ओह दवाई के साथ भी इंटरैक्ट करेला जे ओएटी1 ट्रांसपोर्टर के सब्सट्रेट बा, संभवतः उनकर प्लाज्मा स्तर बढ़ा सकेला।

का डाइक्लोर्फेनामाइड बुजुर्ग लोग खातिर सुरक्षित बा?

डाइक्लोर्फेनामाइड इस्तेमाल करे वाला बुजुर्ग मरीज गिरावट आ मेटाबोलिक एसिडोसिस के उच्च जोखिम पर होखेलें। ई महत्वपूर्ण बा कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एह मरीज के करीबी से निगरानी करीं आ जरूरत पर खुराक समायोजन पर विचार करीं। बुजुर्ग मरीज के सावधान रहल आ कवनो साइड इफेक्ट के जल्दी से जल्दी अपना स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रिपोर्ट करे के चाहीं।

डाइक्लोर्फेनामाइड लेत घरी व्यायाम करना सुरक्षित बा?

डाइक्लोर्फेनामाइड विशेष रूप से व्यायाम के क्षमता के सीमित नइखे करेला। हालाँकि, ई थकावट आ चक्कर जइसन साइड इफेक्ट पैदा कर सकेला, जे शारीरिक गतिविधि पर असर डाल सकेला। अगर रउआ एह लक्षण के अनुभव कर तानी, त व्यायाम के दौरान एकरा के प्रबंधित करे खातिर सलाह खातिर अपना स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करीं।

केकरा डाइक्लोर्फेनामाइड लेवे से बचे के चाहीं?

डाइक्लोर्फेनामाइड सल्फोनामाइड्स, गंभीर फेफड़ा रोग, यकृत अपर्याप्तता, आ उच्च-खुराक एस्पिरिन के उपयोग करे वाला मरीज में निषिद्ध बा। महत्वपूर्ण चेतावनी में अतिसंवेदनशीलता प्रतिक्रिया, हाइपोकैलेमिया, मेटाबोलिक एसिडोसिस, आ विशेष रूप से बुजुर्ग में गिरावट के बढ़ल जोखिम शामिल बा।