के परिचय दिहल गइल बा फाल्सिपिन 60 मिलीग्राम इंजेक्शन के बा
फाल्सिपिन 60 मिलीग्राम इंजेक्शन के बा में आर्टेसुनेट होला, जवन एगो दवाई हवे जेकर इस्तेमाल मुख्य रूप से मलेरिया के इलाज खातिर होला , खासतौर पर गंभीर मामिला में। आर्टिमिसिनिन वर्ग के दवाई सभ से संबंधित होखे के कारण बिस्व स्वास्थ्य संगठन के जरूरी दवाई सभ के लिस्ट में जगह बा।
ई प्रोड्रग के रूप में काम करे ला, तेजी से अपना सक्रिय रूप डाइहाइड्रोआर्टेमिसिनिन (DHA) में बदल जाला। ई रूपांतरण रिएक्टिव ऑक्सीजन प्रजाति पैदा करे ला जेवना से ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा होला आ मलेरिया प्रोटीन सभ के नोकसान होला। एकरे अलावा, ई जरूरी प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम निर्यात प्रोटीन 1 (EXP1) के रोके ला, जेकरा से परजीवी ग्लूटाथियोन के स्तर कम हो जाला।
जबकि आमतौर पर बढ़िया से सहन कइल जाला , आम दुष्प्रभाव सभ में दिल के धड़कन धीमा, एलर्जी के प्रतिक्रिया, चक्कर आवे, आ सफेद खून के कोशिका के स्तर कम हो सके ला गंभीर मामिला में, डायलिसिस के जरूरत वाला किडनी के बिफलता, हीमोग्लोबिन्यूरिया (मूत्र में हीमोग्लोबिन के मौजूदगी), आ पीलिया के रिपोर्ट कइल गइल बा।
गर्भावस्था के दौरान एकरा के सुरक्षित मानल जाला , खास तौर प दूसरा अवुरी तीसरा तिमाही में, हालांकि पहिला तिमाही में सावधानी बरते के सलाह दिहल जाला। आमतौर पर ई लइकन में इस्तेमाल खातिर सुरक्षित होला, 20 किलोग्राम से कम उमिर के लोग खातिर खुराक में समायोजन होला। उल्लेखनीय बा कि नवजात शिशु में एकरा के सल्फाडोक्सिन/पाइरिमेथामाइन के संगे मिलावे प बिलीरुबिन प संभावित प्रभाव के चलते एकरा से बचे के चाही।
खुराक छूटला के स्थिति में, उचित कार्रवाई के रास्ता पर मार्गदर्शन खातिर स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से सलाह लिहल बहुत जरूरी बा। सबसे उपयुक्त प्रतिक्रिया के निर्धारण खातिर छूटल खुराक के समय अवुरी गंभीरता प विचार कईल जाई।